सद्गुरु जग्गी वासुदेव जी एक लेखक हैं. सद्गुरु के अनमोल विचार(sadhguru quotes in hindi) मात्र से जीवन को संवारा और निखारा जा सकता हैं. यहाँ पर हम आपके लिए 50 सद्गुरु के विचार(50 sadguru thoughts in hindi) प्रस्तुत कर रहे हैं. सद्गुरु(sadhguru) के अनमोल विचार(hindi quotes) जीवन के गंभीर विषयों जैसे – शारीरिक, मानसिक और आन्तरिक कुशलता को प्रेरित करते हैं. सद्गुरु जग्गी वासुदेव जी एक नॉन प्रॉफिट – ईशा फाउंडेशन को चलाते हैं.
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Sadguru Thoughts in Hindi
अचेतन की स्थिति से ही भय पैदा होता हैं. भयभीत होकर आप खुद को सुरक्षित नहीं रख सकते. केवल सचेतन होकर ही हालातों को नियंत्रित किया सकता हैं.
भौतिकता से परे जाने में ही रूपांतरण हैं.जहाँ पर आप अभी हैं, वहां से जब आप सतत ऊपर उठते रहते हैं, तो एक दिन आप बहुत गहराई में रूपांतरित हो जायेंगे.
ये मत सोचो कि आपका पैसा, रिश्ते, या परिवार आपके लिए को बीमाँ हैं. बल्कि यह जानना की स्वयं को सभी स्तरों पर अच्छे से कैसे रखे, आपके लिए सिर्फ यहीं बिमा हैं और यहीं योग हैं.
अगर आप सांत्वना चाहते हैं, तो मान्यता व विश्वास की प्रणालियाँ ठीक हैं. लेकिन अगर आप समाधान चाहते हैं तो आपको ढूढना व खोजना होगा.
अधूरापन और अपूर्णता की भावना ही जलन और इर्ष्या की बुनियादी प्रकृति हैं. अगर आप वाकई आनंद में हैं, तो आपको किसी से कोई इर्ष्या नहीं होगीं.
बुद्धि जो याददाश्त के आधार पर काम करती हैं, वह एक शानदार और अलौकिक साधन हैं. लेकिन यह केवल जानकारी से हासिल हो सकती हैं, यह रूपांतरित नहीं हो सकती.
जो व्यक्ति अस्तित्व की सम्पूर्णता को सुनता हैं, उसके लिए हर चीज संगीत हैं.
योग में होने का अर्थ हैं अस्तित्व के एकत्व को अनुभव करना.
आप कितने सफल हैं,यह वास्तव में इस पर निर्भर करता हैं कि आप अपने शरीर और मन को कितने अच्छे तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं.
हर इन्सान के कल्याण से बढ़कर लोग अपने तुच्छ सुखों पर ज्यादा ध्यान देते हैं. दुनिया में हमें इस चीज को बदलना हैं.
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Sadhguru Quotes On Life in Hindi
जीवन कोई नाटक या खेल नहीं हैं, जो आपके आस पास हो रहा हैं, वही जीवन का मूल आयाम हैं, वहीँ आप हैं.
आप सत्य के खोजी हैं. इसका अर्थ हैं कि जिस चीज को आप नहीं जानते, उनके बारे में आप कोई कल्पना करने(मिथ्या) या धारणा बनाने से इंकार(मना) कर देते हैं.
अगर आप अपने शरीर, मन और भावनाओं में वैसा वातावरण बना सकते हैं जैसा आप चाहते हैं, तो आपको अपनी सेहत आनंद और खुशहाली के बारें में नहीं सोचना होगा.
निश्चलता और शांति ही ब्रह्माण्ड का सार तत्व हैं. अगर आप इसे छु लेते हैं, तो आपकी हर चीज रूपांतरित हो जाएगी.
जब आप अपनी नश्वर प्रकृति का सामना करते हैं, सिर्फ तभी इससे परे जाने की लालसा एक वास्तविक शक्ति का रूप ले लेती हैं. वरना, आध्यात्मिक प्रक्रिया सिर्फ एक मनोरंजन हैं.
जीवन की सुन्दरता और भव्यता को सिर्फ वही जनता हैं जो हर चीज के साथ पूरी तरह से शामिल होता हैं.
तनाव किसी खास परिस्थिति के कारण नहीं देता – ये आपके खुद के सिस्टम को न संभाल पाने के कारण होता हैं.
एक इन्सान के रूप में, आपको ये नहीं सोचना चाहिए कि जीवन आपको कहाँ ले जायेगा. आपको सिर्फ ये सोचना चाहिए की आप उसे कहाँ ले जाना चाहते हैं.
शब्द और उनके अर्थ सिर्फ इन्सान के दिमाग में मौजूद होते हैं, पर ध्वनी की मौजूदगी अस्तित्व के स्तर पर हैं.
मानव समाजों को सभ्य बनाने का मतलब यह सुनिश्चित करना हैं की हर इन्सान, बिना किसी दुसरे के दखलअंदाजी के, अपनी पूर्ण अभिव्यक्ति पा सकता हैं.
जो लोग अपने शरीर, मन उर्जा को सचेतन और कुशलतापूर्वक इस्तेमाल करना नहीं सीखते, वो हमेशा सोचेंगे की दुनिया में बहुत अन्याय हैं.
जीवन का आपका अनुभव कितना गहन हैं, और आप जो करते हैं उसमे आप कितने असरदार हैं – जीवन में बस इतना ही वाकई में मायने रखता हैं.
यह शरीर पञ्च तत्वों से मिलकर बना हुआ हैं – वायु, पृथ्वी, अग्नि, जल और आकाश. आपके जीवन की गुणवत्ता मुख्य रूप से इस बात पर निर्भर करती हैं कि आपके भीतर ये पांच तत्व कितने शानदार हैं.
Sadhguru Motivational Quotes in Hindi
अगर आपके पास देखने की दृष्टि हैं, अगर आपमें अपने भीतर और बाहर जीवन को महसूस करने की संवेदनशीलता हैं, तो हर चीज एक चमत्कार लगेगी.
प्रेम किसी दुसरे के बारे में नहीं होता. प्रेम कोई कार्य नहीं हैं. प्रेम आपके होने का तरीका हैं.
अगर आप जीवन की गहरी अंतदृष्टि पाना चाहते हैं तो आपके बारे म दुसरों की क्या राय हैं. इसके आपके लिए कोई मायने नहीं होना चाहिए.
हर चीज के साथ एकाकार के आनंद को वो इन्सान कभी नहीं जान पाएगा, जो किसी न किसी चीज के साथ उलझा रहता हैं.
जानने और ज्ञान बढ़ाने के लिए विज्ञान बस एक अनुसन्धान(research) होना चाहिए. न कि इसे बेलगाम शोषण व् अति-दोहन का साधन बनाना चाहिए.
अगर आप अंतिम पल तक आनंदपूर्वक जीते हैं, तो आपको मृत्यु की चिंता करने की जरुरत नहीं हैं – वो भी एक आनंदमय प्रक्रिया होगी.
अगर आप शरीर, मन, भावनाओं और उर्जा के साधनों को अपनी इच्छानुसार इस्तेमाल करना सीख जाते हैं, तो आप स्वाभाविक रूप से बहुत असरदार इंसान बन जायेंगे.
आनंदित व उल्लासित होना, सृष्टि और सृष्टिकर्ता की प्रकृति हैं. अगर आप उनके साथ तालमेल में हैं.तो निश्चित ही आप स्वाभाविक रूप से हर्षित व उल्लासित होंगे.
अगर आप हर दिन अपनी एक सीमा तोड़ते हैं तो आप एक दिन मुक्त हो जायेंगे. आपको कितना समय लगता हैं, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आपकी कितनी सीमाएं हैं.
पूरी तरह से शामिल होना, पर उलझना नहीं – यही चैतन्य का गुण हैं.अगर आप यह गुण बनाये रखते हैं तो परम मुक्ति एक स्वाभाविक क्रिया बन जाएगी.
सद्गुरु के विचार
अगर परिस्तिथिया यह तय नहीं करती की आप कौन हैं, बल्कि आप तय करते हैं कि परिस्तिथी कैसी हो – तो यहीं सफलता हैं.
जाति, धर्म और रास्ट्रीयता को लेकर, आपकी जो सिमित पहचान हैं, वो विवाद और हिंसा को बढ़ावा देती हैं.
हर इन्सान स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन की आकांशा रखता हैं, मूल रूप से असकी स्वास्थ्य का मतलब हैं – प्रकृति के साथ तालमेल में होना. आतंरिक और बाहरी प्रकृति, दोनों के साथ.
आपको अभी जो भी करना हैं, उसे आप पूरी भागीदारी और जिम्मेदारी के साथ कीजिये. क्योंकि तभी आप खुद के सचेतन होने की मिठास को जान पाएंगे.
जब आप स्वयं को वैसा बना लेते हैं, जैसा आप चाहते हैं, तब आप आपके भाग्य को भी ठीक वैसा ही गढ़ सकते हैं, जिस तरह आप चाहते हैं.
जब आप हिसाब लगाने लगते हैं, मन में तनाव और संघर्ष होता हैं. पर जब आप देते हैं, तो उसमे आनंद होता हैं.
जब आप प्रत्येक चीज को स्वयं के एक हिस्से के रूप में अनुभव करते हैं, तब आप योग की स्थिति में होते हैं. वहीँ मुक्ति हैं, और वही परम आज़ादी हैं.
आपके सपने सच न हो, आपकी आशाएं पूरी न हो, क्योंकि ये सब उसके द्वारा तय होता हैं, जो आप अभी तक नहीं जानते हैं. आपको उन संभावनाओ की तलाश करनी चाहिए, जिन तक आप पहुँच नहीं पाए हैं. जिनको पहले आपने कभी अनुभव नहीं किया हैं.
जब आपके अन्दर लचीलापन होता हैं, तो आप सुनने को तैयार होते हैं. दुसरो की सिर्फ बाते ही नहीं – आप जीवन को सुनने को तैयार होते हैं.
आपके जीवन में खासकर अप्रिय चीजें हुई हैं, तो आपको आहत नहीं, समझदार होना चाहिए.
अगर आप जागृत अवस्था से नींद में जागरूकता पूर्वक जा सकते हैं, तो आप जीवन में मृत्यु में भी जागरूकता पूर्वक जा पाएंगे.
चाहे वो खुशी हो या नाख़ुशी, दर्द हो या सुख, पीड़ा हो या आनंद, वो मूल रूप से अपने भीतर होता हैं.
आप जो भी करते हैं बस इतना जरूर चेक करे – क्या ये पूरी तरह से आपके बारे में हैं, या सबकी भलाई के लिए हैं. यह अच्छे और बुरे कर्मो के बारे में आपके सरे भ्रम दूर कर देगा.
एक बार जब आप जीवन के सभी रूपों को अपने एक हिस्से के रूपमे अनुभव कर लेते हैं, तो आप अपने आस पास की हर चीज के साथ प्रेम में पड़े बिना नहीं रह सकते.
पूरी सजगतापूर्वक, जिम्मेदार के साथ बर्ताव करना – इसका कोई दूसरा विकल्प नहीं हैं.
यौवन, जबरदस्त उर्जा का दौर होता हैं. इसलिए इसको एक संभावना की तरह देखना चाहिए, न एक समस्या की तरह.
अगर आप अपने विचारों को पूरे अखिल ब्रह्माण्ड के सन्दर्भ में देखते हैं तो उनका कोई सार्थक अर्थ नहीं होता हैं. यदि आप इस बात को महसूस कर लेते हैं तो, स्वाभाविक रूप से आप खुद के विचारों से एक दूरी बना लेंगे.
Sadhguru Quotes in Hindi -: सद्गुरु के अनमोल विचार(sadhguru quotes in hindi) अच्छे लगे हो तो आप हमारी दूसरी पोस्ट्स भी पढ़ सकते हैं.
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