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Crime story in Hindi – MURDER ATTEMPT IN PUB Part 1
Crime story in Hindi – कई बार कुछ ऐसी मिस्ट्रीज(mysteries-रहस्य) होती हैं, जिसका कोई शुकून भरा अंत नहीं होता. फिर हम उसके बारे में सोचते रहते हैं, आखिर उसका अंत क्या हुआ होगा. इस प्रकार की सस्पेंस कहानियां अगर आप पढना चाहते हैं तो, जरूर पढ़े. आपको आनंद आएगा. उन mysteries(रहस्यों) का कोई अंत(ending) नहीं हैं.
criminal story in Hindi(अपराधिक कहानी इन हिंदी)
लेकिन आज की कहानी एक ऐसे विषय पर हैं, जहाँ पर कहानी का अंत होगा. और मानकर चलिए कि इस कहानी(Crime story) को पढने के बाद रिलैक्स हो जायेंगे. तो चलिए शुरू करते हैं, इस Crime story in Hindi को, इस कहानी के एक से अधिक पार्ट है, तो आप एक के बाद दुसरे और आगे के पार्ट को पढ़ सकते हैं.
यह कहानी तीन लड़कियों के बारे में हैं, जो कि अपने घर से दूर रहकर अपनी आजीविका चलाती हैं.
एक दिन अचानक मर्डर एटेम्पट केस में तीनो लड़कियां फंस जाती हैं. फिर कोर्ट-केस होता हैं. उन लडकियों को बहुत परेशानियाँ उठानी पड़ती हैं. कौन हैं वो तीनो लडकियां? मर्डर किसने किया? क्या लड़कियां बेकसूर थी? क्या हैं ये कहानी……चलिए…..शुरू करते हैं.
यह कहानी हैं चंडीगढ़ के पंचकुला सिटी की. सेक्टर 10 के दीपाली मेंशन के 5 वें मंजिल पर तीन लड़कियां रहती हैं. तीनो में से एक लड़की, लड़की कम और औरत ज्यादा लगती थी. शायद उसको उसके पति ने छोड़ दिया था. लगभग 40 के आस पास की होगी. तीनो के राज्य अलग अलग हैं, लेकिन हिंदी सभी बोल लेती हैं. चलो आपको तीनो से परिचय करवाता हूँ.
सबसे बड़ी, जो 40 साल की हैं, नाम हैं – चित्रलेखा, पढना-लिखना ज्यादा तो नहीं आता, लेकिन दुनिया दारी की समझ पूरी रखती हैं. इसलिए तो साउथ इंडिया से चंडीगढ़ में आकर बस गई. किसी के कहने पर कपडे सिलाई(clothes sewing) के काम में लग गई.
दूसरी जो 23-24 की होंगी, नाम हैं – सुमा, डांसर और ट्रेनर हैं. बच्चों को नाचना सिखाती हैं, और खुद भी बड़े बड़े पार्टियों में अपना डांस ऑडिशन देती रहती हैं. वैसे सुमा चंडीगढ़ की ही हैं, लेकिन रहती घर से दूर हैं.
तीसरा किरदार डिमी, जो की असम की हैं. डिमी को हिंदी बोलने में थोड़ी दिक्कत होती हैं, लेकिन बोल लेती हैं. डिमी मेकअप आर्टिस्ट हैं. डिमी सबसे छोटी हैं.
चित्रलेखा तो सबसे बड़ी हैं, बस अपने जीवन को ढंग से चलाने और अपने पेरेंट्स की जरूरतों को पूरा करने के लिए घर से इतना दूर रहती हैं. सुमा को भी कम दुःख नहीं हैं. किराये के पैसे और घर खर्चो को बचाने के लिए शेयर रूम में रहती हैं. हालाँकि सुमा और डिमी सपने बड़े रखती हैं. लेकिन अभी तो अपने परिवार की जरूरतें पूरी कर रही हैं. continue
suspense crime story in Hindi
पूरे बाज़ार में जब तीनो एक साथ जाती हैं तो तीनो का दिमाग एक ही विचार पर काम करता हैं – जितना हो सके उतना कम खर्च करो, जितना बचा सको उतना बचाओ, मतलब जो मन में आये उसको खरीदने की हिम्मत कभी नहीं करते. इस दुखमय भरी जिंदगी में कोई उनका सग्गा नहीं था, सिवाय तीनो के. तीनो शाम को साथ में बैठकर अपने दुःख को दबाकर ख़ुशी के पल जीते.
फिर एक दिन ऐसा आया…..(suspense crime story in Hindi)
आज शाम को सुमा का पब में डांस ऑडिशन हैं. सुमा ने डिमी और चित्रलेखा को भी इनवाइट किया.
शाम हुई, सुमा को देखने के लिए डिमी और चित्रलेखा अच्छे से तैयार होकर आ गए. सुमा ने पब में अच्छे तरीके से अपने डांस से सबको खुश कर दिया. पार्टी का समय था. सभी लोग शराब पी रहे थे. तीनो एक साथ एक Banquet Chair के इर्द गिर्द बैठ गयी.
आज से पहले तीनो ने कभी भी शराब नहीं पी थी. और न ही आज पीने वाली हैं. बस सुमा को पेमेंट मिलते ही वो तीनो यहाँ से निकलने वाली हैं. तभी सुमा को अपने फ़ोन पर मेसेज आता हैं कि YOUR PAYMENT WILL BE PAID BY VIRAJ. सुमा को समझ नहीं आता हैं की, ये विराज कौन हैं. सुमा ने पब मेनेजर को कॉल लगाया. तब बताया की ब्लैक ब्लेजर में लॉन्ग सेव वाला लड़का उसको पेमेंट करेगा, उसने अभी अभी मेनेजर से कहा.
सुमा ओके कहकर फ़ोन को रख देती हैं.
विराज और उसका फ्रेंड ग्रुप कुल मिला कर पांच लोग एक साथ बैठे थे. काफी समय हो गया था, सुमा उस विराज का इंतजार करती रही. बहुत समय बाद सुमा को उठकर विराज के पास जाना पड़ा.
सर मेरा पेमेंट,
विराज ने अभी बहुत शराब नहीं पी थी, उसने सुमा को बैठाने के लिए चेयर आगे कर दी. सुमा थोड़ी हिचकिचाहट के साथ बैठ गयी. कुछ समय के बाद, सुमा बोली मैं मेरे फ्रेंड्स के साथ वापस बैठती हूँ. आप मुझे वहीँ पर मेरा पेमेंट दे दीजियेगा.
विराज ने उसके फ्रेंड्स को भी बुलाने को कहा. डिमी और चित्रलेखा को कुछ ठीक नहीं लग रहा था, लेकिन सुमा को अकेला भी तो नहीं छोड़ सकते. इसलिए उसके साथ आकर बैठ गयी. तीनो चुपचाप बैठी रही. विराज उनके साथ अच्छे से पेश आया.
तीनो के साथ बाते करने लगा. अब डिमी, चित्रलेखा को थोडा रिलैक्स होने लगा कि ये तो अच्छा लड़का हैं. और वो भी बातों बातों में उनके साथ मजाक करने लगी. विराज ने उनसे कहा – क्या तुम ड्रिंक्स लेती हो? सुमा ने जवाब दिया, वैसे हम लेते तो नहीं हैं, लेकिन कोई पूछता हैं तो उसे मना भी नहीं करते हैं.
तीनो ने थोड़ी थोड़ी शराब ली, शराब की बोतल पूरी खली हो गयी थी, इसलिए विराज ने डिमी से दुसरी बोतल से ड्रिंक्स लाने को कहा. डिमी ने ऐसा ही किया.
अब मस्ती थोड़ी बढ़ने लगी. एक दुसरे के हाथ टच होने लगे. डिमी ने पहले कभी शराब पिया नहीं, उसको कुछ वोमेटिंग सी होने लगी. चित्रलेखा उसको लेकर वाशरूम जाने लगी, तभी विराज के दोस्त ने कहा मेडम आप बैठयें, मैं लेकर जाता हूँ. विराज का दोस्त डिमी को वाशरूम के अन्दर लेकर गया. डिमी ने वाशरूम के अन्दर जाते ही उसका दरवाजा बंद कर लिया. लेकिन पीछे से विराज के दोस्त ने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया.
कमरे को बंद करने की आवाज़ डिमी ने सुन लिया. डिमी ने चित्रलेखा को मेसेज किया. तो चित्र लेखा तुरंत उसको ढूंढने के लिया निकल पड़ी.
इधर पीछे, सुमा को पेमेंट का कहकर, विराज उसको अपने कमरे के अन्दर ले गया. और सुमा के साथ गलत व्यवहार करने लगा, सुमा के मना करने के बावजूद भी विराज नहीं रुका. सुमा को कोई आप्शन नहीं दिखा और उसने एक कांच की बोतल को उठाकर उसके भोंहे की साइड दे मारा.
विराज का काफी खून बह रहा था. सुमा डर गयी थी, और वहां से भाग गयी. दूसरी तरफ चित्रलेखा, डिमी को एक कमरे से दुसरे कमरे में जाकर देख रही थी. उसको दरवाजे की थप थप की आवाज़ आयी, चित्रलेखा किसी तरह से डिमी को लेकर बाहर आई. जैसे ही तीनो बाहर आई, वहां से भाग निकली.
आगे की कहानी दुसरे पार्ट में…. एक सवाल मैं आपके ऊपर छोड़ता हूँ? क्या सुमा ने सही किया?
आगे की कहानी में आप जानेंगे की विराज कौन हैं? विराज सुमा से अपना बदला कैसे लेता हैं? पुलिस इस केस को कैसे हेंडल करती हैं? और फिर कोर्ट में क्या होता हैं. बने रहिये MURDER ATTEMPT IN PUB – Crime story in Hindi के साथ.
Crime story in Hindi part 2
विराज को ख़ून से लथपथ देखकर उसके दोस्त पहले तो घबरा गए, फिर उसको उठाकर हॉस्पिटल लेकर गए. उनमे से एक दोस्त ने उन तीनो लड़कियों को ढूंढने की कोशिश की, लेकिन तीनो भाग चुकी थी. सब कुछ छोड़कर विराज को हॉस्पिटल लेकर गए. केस सीरियस था. विराज के ताउजी का नाम सुनकर डॉक्टर ने तुरंत उसको एडमिट कर लिया और इलाज शुरू कर दिया.
विराज चंडीगढ़ के शहर के एक पोलिटिकल लीडर सुभाष राव का भतीजा हैं. जिस पब में सुमा ने डांस किया था, उसके जैसे पांच पब और चलते हैं. दो दिन तक विराज की कोई जानकारी नहीं मिलने पर शुभाष राव ने विराज को फ़ोन लगाया. उसके दोस्त ने फ़ोन उठाया. विराज के दोस्त ने ऐसे ही झूठ बोल दिया, छोटा सा एक्सीडेंट हुआ हैं. अभी सब कुछ ठीक हैं. शुभाष राव ने जल्द ही विराज को मिलने के लिया बुलाया.
भोंहे की तरफ चोट लगने के कारण विराज की एक आँख ढंग से खुल नहीं पा रही थी. इसलिए डॉक्टर ने उसकी आँख को पूरी पट्टी से ढक दी थी.
विराज के दोस्तों ने बताया की ताउजी ने उसको मिलने के लिए बुलाया हैं. विराज अपनी फूटी आँख लेकर ताऊजी के सामने पेश हुआ. ताऊजी ने पहली नज़र में ही पहचान लिया – बेटा विराज! राजनीति के 25 साल का तजुर्बा कहता हैं कि तुम किसी के हाथ से मार खाकर आये हों. बताओ कौन था वो?
विराज के दोस्त ने बताया कि वो एक लड़की थी.
ताउजी ने विराज को डांटते हुए…….तुम एक लड़की से मार खाकर आ गए. तुम्हे जो करना है, करो, तुम्हारा ताऊ, तुमको हारते हुए नहीं देख सकता. और एक लड़की से, कभी नहीं. बदला, बदला लो.
ताउजी की बातों से विराज गुस्से से भर गया, और उसने मेनेजर से उस सुमा का नंबर मंगवाया.
विराज के दोस्त सुमा को तंग करने लगे, धमकियां देने लगे. सुमा से मांग कि की तुम एक बार विराज के पास आकर उसको सॉरी बोल दो हम तुमको कुछ भी नहीं करेंगे. अपनी गलती मानकर वापस चली जाना.continue
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सुमा ने उनकी बात नहीं सुनी. और वो अपने काम में लगी रही. कुछ दिन बाद विराज के दोस्तों ने वापस फ़ोन किया, और एसिड फैकने की धमकी दी. अबकी बार सुमा गुस्से से भर गई और उसने खूब गालियों के साथ फ़ोन को कट कर दिया.
विराज ने किसी तरह से सुमा का एड्रेस निकाल दिया और मेंशन के ओनर को तंग करने लगे, तुम उन तीनो लड़कियों को घर से बाहर निकल दो. नहीं तो फिर….. इस तरह की धमकियां देने लगे.
ओनर ने चित्रलेखा से कहा – बेटा कोई प्रॉब्लम तो नहीं हैं? कोई भी दिक्कत हो तो आकर मुझे बोलना.
चित्रलेखा ने थोड़ी स्माइल के साथ हाँ भर दी.
फिर एक दिन…..
विराज और उसके दोस्त एक गाड़ी लेकर आये और सुमा को किडनेप कर लिया. किडनेप करते हुए, एक बूढ़े अंकल ने देख लिया, जो कि एक वकील के घर पर कम करता था. उसने जल्दी से वकील को फ़ोन लगाया. वकील जल्दी से अपनी कार निकाल कर सुमा को ढूंढने गया. लेकिन उसको कहीं नहीं मिली.
सुमा को कार में खूब डरा कर धमकाकर, माफ़ी मंगवाने की कोशिश की लेकिन उसने एक नहीं सुनी. किसी तरह से वह कार निकल कर बाहर कूद गई.
सुमा गुमसुम, उदास सी मुंह लटकाकर घर आई. चित्रलेखा ने उससे बात करने की कोशिश की, सुमा कुछ नहीं बोली. सुमा रोने लगी, चित्रा ने उसको गले से लगा लिया.
सुमा के चुप होने पर, चित्रा ने वापस उसको पुछा क्या बात हैं. तब सुमा ने उसको सब कुछ बता दिया. पब के उस दिन के बाद से वह लड़का हमेशा मुझे तंग करता हैं. आज तो हद हो गई मुझे पकड़ कर ले गया, मैं किसी तरह से जान बचाकर भागी हूँ.
चित्र लेखा सुमा को पुलिस स्टेशन लेकर गयी. सुमा ने पुलिस को सारी घटना सुनाई.
पुलिस ने मेडम के लिए चाय का आर्डर देकर कहने लगा… मेडम, देखिये अगर मैं आपकी fir दर्ज करता हूँ, और सामने वाले को अरेस्ट भी कर देंगे. लेकिन उसके बाद अगर उस लड़के ने आपके ऊपर ब्लेम लगा दिया तो फिर, आपके ऊपर ATTEMPT TO MURDER केस लग जायेगा. और फिर आपके लिये बड़ी ही दिक्कत हो जाएगी. आप fir के चक्कर में मत पड़ो, हम उसको ऐसे ही फ़ोन करके धमका देते हैं. फिर नहीं करेगा आपको तंग वंग. क्या कहती हैं आप!
सुमा को पुलिस की बात ठीक लगी, लेकिन चित्रलेखा नहीं मानी. चित्रलेखा उसकी जेल चाहती थी, उसको सजा मिलनी चाहिए.
इंस्पेक्टर ने फिर से समझाया, देखिये मेडम अगर केस फाइल हो भी गया तो आपको रोज रोज यहाँ और कोर्ट के चक्कर काटने पड़ेंगे, और आप मुझे इतनी अमीर भी नहीं लगती आप इन खर्चो को झेल पाएंगी.
सुमा पुलिस से सहमत हो जाती हैं, चित्रा भी कुछ नहीं कहती हैं. दोनों वापस घर लौट जाती हैं.
पुलिस ने विराज को फ़ोन लगाकर सारी बात बताई. विराज ने ताउजी को सारी बात बताई. शुभाष राव ने पुलिस को फ़ोन लगाकर कहाँ की उस लड़की के खिलाफ एक फिर लिख दो, और यह लिख देना कि उसने मर्डर करने को कोशिश की.
पुलिस समझ गया था, लेडीज कांस्टेबल को बुलाकर सुमा को गिरफ्तार करने के लिए निकल पड़े. पुलिस ने सुमा को गिरफ्तार कर लिया.
चित्रा और डिमी समझ नहीं पा रही थी की अब आगे क्या किया जाये. सबसे पहले तो वो दोनों भागकर सुमा के पास गयी. चित्रलेखा ने उस इंस्पेक्टर से मिलने की कोशिश की. पूरा दिन इंतजार करती रही लेकिन वह नहीं आया. चित्रा को शक होने लगा, की अब मुसीबते बढ़ने वाली हैं. किसी कांस्टेबल ने सलाह दी की जाओ पहले अपने वकील को लेकर आओ, मर्डर का केस हैं ऐसे ही बेल नहीं मिलेगी.
चित्रा और डिमी दोनों कोर्ट पहुंची सभी वकिलों से बारी बारी से मदद मांगने लगी, लेकिन कोई भी शुभाष राव के खिलाफ जाने को तैयार नहीं था. बहुत देर तक प्रयास करने पर एक वकील ने हां भरी.
वकील ने पहले एडवांस का तौर पर 5 हज़ार मांगे, चित्रा ने पकड़ा दिए. वकील कुछ देर तक इंतजार करने को कहकर कोर्ट के अन्दर चला गया.
तभी एक आदमी आता हैं, और डिमी के हाथ में एक पर्ची थमा देता हैं. चित्रा और डिमी जैसे ही उस पर्ची को खोलती हैं, हैरान रह जाती हैं.
आखिर उस पर्ची में क्या लिखा हुआ था? और वह व्यक्ति कौन था, जिसने डिमी के हाथ में पर्ची थमाई? क्या चित्रा और डिमी सुमा को जेल से छुड़ा पाएंगी?
Crime story in Hindi part 3
सुमा ने जैसे ही पर्ची को खोला, उसमे लिखा पाया की – यहाँ पर कोई भी वकील तुम्हारा केस नहीं लडेगा. सारे वकील शुभाष राव के ही चमचे हैं. ये सब तुमसे पैसे लेकर वापस मुंह भी नहीं दिखायेंगे. सुभाष राव के खिलाफ केवल एक आदमी ही केस लड़ सकता हैं – सुब्बा राव. लेकिन पिछले कुछ सालो से उन्होंने को केस नहीं लड़ा. तुम उनके पास जाकर सहायता मांग सकती हों. मैं कौन हूँ ये जानने की कोशिश मत करो, बस इतना जान लो कि मैं सुभाष राव का अभागा दुश्मन हूँ, जो उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता हूँ.
डिमी ने चित्रा को कहा मैं जानती हूँ, इस पर्ची में किस वकील की बात हो रही हैं. मुझे इनका एड्रेस मालूम नहीं हैं, लेकिन ये हमेशा पार्क के घंटो तक बैठे रहते हैं.
चित्रलेखा और डिमी अपने घर चली आई और अगले दिन गार्डन में सुब्बा राव वकील से मिलने की कोशिश की.
चित्रा ने वकील को पहचान लिया और उनको नमस्कार किया, लेकिन सुब्बा राव ने कोई जवाब नहीं दिया. चित्रा ने डिमी की तरफ देखा और वापस पुछा क्या आप हमारा केस लड़ेंगे? हमारी सहेली के ऊपर एक झूठा इन्जाम लगाकर उसको पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया हैं. हमको किसी ने आपके बारे में बताया, इसलिए हम आपसे मिलने चले आये.
सुब्बा राव एक शब्द बोले बिना वहां से उठकर चल दिए. डिमी और चित्रलेखा उनके पीछे पीछे चलने लगी. और रिक्वेस्ट करती रही. लेकिन सुब्बा राव ने एक नहीं सुनी. दोनों पीछे पीछे उनके घर तक चली गयी. सुब्बा राव ने तंग आकर कह दिया. कल सारी डिटेल्स लेकर आना. मैं देखता हूँ.
इतना कहने पर सुब्बा राव का नौकर उनको बाहर तक छोड़ने को आया. आप भाग्य शाली हैं. साहब ने पिछले दस सालो से कोई केस नहीं लड़ा हैं. तुम देखना मेरे साहब ये केस जरूर जीतेंगे, साहब जिस केस को हाथ में लेते हैं, उसको कभी हारते नहीं हैं. अब तुम दोनों जाओ.
सुब्बा राव के कहने पर चित्रा के पास जो भी इनफार्मेशन थी, लेकर आई. सारी इनफार्मेशन को लेकर सुब्बा राव अपनी लाइब्रेरी में चले गये जहाँ पर वर्षो पुराणी धुल जमी थी. सुब्बा राव ने किताबे निकाली और पढनी शुरू कर दी.
अगले दिन पहली सुनवाई थी..
सभी कोर्ट में हाजिर होते हैं.
जज कार्यवाही(Prosecute) शुरू की जाये…
crime story in Hindi
विराज का वकील -: माय लार्ड(my lord) मेरे क्लाइंट एक बेहद सीधे साधे इन्सान हैं, और ये लड़की, सुमा बड़ी आसानी से मेरे क्लाइंट को अपने रंग जाल में फंसाकर पैसे एंठना चाहती थी. जब मेरे क्लाइंट ने पैसे नही दिए तो मर्डर करने की कोशिश की, और मौका देखकर वहां से भाग गई. मैं आपसे दरख़्त करूँगा की MS सुमा के ऊपर वेश्या(Prostitute) का आरोप लगाया जाये, और मर्डर करने के जुर्म में इसको कड़ी से कड़ी सजा दी जाये. थैंक्यू माय लार्ड.
जज …मिस सुमा की तरफ से….
सुब्बा राव -: योर होनर(YOUR HONOR) मेरी क्लाइंट मिस सुमा एक डांसर हैं, उस रात को मेरी क्लाइंट का होलि-नाईट पब में डांस ऑडिशन था. मि. विराज पेमेंट देने के बहाने सुमा को कमरे में लेकर गया और जबरदस्ती की, मेरी क्लाइंट के मना करने के बावजूद भी उसने जबरदस्ती की. तब मजबूरन मेरी क्लाइंट को खुद को बचाने के लिए ये कदम उठाना पड़ा. मैं आपसे दरख़ास्त करूँगा की आईपीसी 376R/w 511 के तहत मि. विराज को कड़ी से कड़ी सजा दी जाये. थैंक यू माय लार्ड.
यस….Viraj’s lawyer
योर होनर इस बात को नोट किया जाये जिस रात ये इंसिडेंट हुई, उस रात मिस सुमा ने शराब पी थी, और तो और इसकी दोस्त जिसका नाम मिस डिमी हैं, उसने खुद अपने हाथो से शराब की ड्रिंक बनाकर, विराज और उनके दोस्तों पिलाई. माय लार्ड ये साफ़ संकेत हैं की पैसो के लालच में मेरे क्लाइंट को फंसाकर उनसे पैसे हड़पने की साझिश हैं. और जब मेरे क्लाइंट ने पैसे देने से मना कर दिया तो, फिर जानलेवा हमला किया. इन तीनो पर सख्त कारवाही होनी चाहिए. थैंक यू माय लार्ड.
सुब्बा राव जी – आप कुछ कहना चाहेंगे. नो! माय लार्ड.
योर हॉनर! सीसी टीवी की फुटेज से साफ हैं की मिस सुमा और उनकी सहेली मिस डिमी भी विराज के दोस्त को कमरे के अन्दर लेकर गयी. जब कुछ काम नहीं बना तो वहां से भाग निकली. मैं आपसे दरख़ास्त करूँगा की मिस सुमा को मर्डर और दोनों को कारावास की सख्त सजा होनी चाहिए. थैंक यू माय लार्ड.
सुब्बा राव जी – आप कुछ कहना चाहेंगे. नो! माय लार्ड.
आगे की कारवाही अगले स्फ्ताह की जाएगी.
सुब्बा राव अपने केस को मजबूत करने के लिए सबुत इक्कठे करते हैं. उधर विराज के पक्ष का वकील शुभाष राव को धिलाशा दिलाता हैं की ये केस हम ही जीतेंगे.
अगले स्फ्ताह….. सभी कोर्ट में हाजिर होते हैं…
जज कार्यवाही(Prosecute) शुरू की जाये…
श्रीमान सुब्बराव जी पहले आप अपना पक्ष रखिये….
योर हॉनर सबसे पहले मैं मिस विराज को विटनेस बॉक्स में बुलाना चाहूँगा.
जज ….इजाजत हैं….
तो मिस्टर विराज उस रात ऐसा क्या हुआ कि मिस सुमा को आपके उपर हमला करना पड़ा.
विराज – उस रात हम सभी दोस्त पार्टी में थे. मैंने पेमेंट के लिए सुमा को बुलाया था. तो वो मेरे पास आकर बैठ गयी. और उसने शराब पिने लगी.
सुब्बा राव – शराब तो आपने भी पी रखी थी..ऍम आई राईट?
विराज – जी सर! शराब पीकर वो मुझसे हंसकर बाते करने लगी और टच करने लगी.
सुब्बा राव – टच… का मतलब मैं क्या समझू.
विराज – वो मुझे उकसा रही थी.
सुब्बा राव – लेकिन पहले कमरे में तो आप गए.
विराज – पहले उसने मुझे हिंट दिए.
सुब्बा राव – माय लार्ड एक बात को नोटिस किया जाय.. जब जब कोई लड़की खुलकर बात करती है. या किसी को नैचुरली टच करती हैं इसका मतलब वो किसी को गलत काम के लिए आमंत्रित करती हैं.
मिस विराज आप जा सकते हैं.
सुब्बा राव – माय लार्ड मैं मेरी क्लाइंट से पूछताछ की इजाजत चाहूँगा.
जज…. इजाजत हैं….
सुब्बा राव -: मिस सुमा आप बताइए उस रात क्या हुआ था.
सुमा -: जज साहब उस रात मैं मेरा पेमेंट मांगने के लिए वहां गयी थी, लेकिन इन्होने बैठने के लिए बोल दिया. थोड़ी देर जब बातचीत हुई तो हमने भी थोडा खुलकर बात करना शुरू कर दिया. हमने शराब पी लेकिन इसका ये मतलब थोड़े ही हैं, कि हम अपनी इज्जत दाव पर लगायें. जब शराब ख़त्म हो गई तो मेरी दोस्त से कहकर शराब मंगवाई. फीर जब डिमी को वोमेटिंग हुई तो विराज का दोस्त उसको कमरे में लेकर गया. और पीछे विराज मुझे पेमेंट का कहकर कमरे में लेकर गया. और मेरे साथ……
सुब्बा राव – अच्छा आपने FIR क्यों नहीं लिखाई.
सुमा- हम गये थे लेकिन, पुलिस ने लिखने से मना कर दिया. हमको बातों में उलझाकर वापस भेज दिया.
सुब्बा राव – अब आप जा सकती हैं. योर होनर अब में आपके सामने मिस्टर विराज की तरफ से लिखाई गयी FIR को पेश करना चाहूँगा.
माय लार्ड इस FIR से साफ साबित होता हैं कि ये FIR केवल किसी ACCUSE को छुपाने के लिए लिखी गयी हैं. इस FIR के ऊपर एक और FIR लिखी गयी हैं जो किसी पर्स चोरी की हैं. पूरे डेढ़ पेज में लिखी गई जबकि ये फिर मात्र 5 लाइनों में जो कि इतना सस्पेक्ट केस हैं.
इन सबूतों से साफ साबित होता हैं कि पुलिस भी विराज के साथ मिली हुई हैं. इन सबूतों के आधार पर आप अपना फैसला सुनाइए.
जज – तमाम सबूतों और गवाहों, और दोनों पक्षों को भली भांति सुनने के पश्चात यह कोर्ट इस नतीजे पर पहुंचा हैं की मिस्टर विराज ने मिस सुमा के साथ जबरदस्ती करनी चाही, मिस सुमा ने अपने आपको बचने के लिए, उसके ऊपर वार किया जो की वैध हैं. मिस्टर विराज के बयानों से साफ साबित होता हैं कि उन्होंने सुमा को कमरे में ले जाने के लिए शराब पिलाई.
कोई लड़की हंसकर या खुलकर बात करती है इसका मतलब यह नहीं हैं की वह किसी को उकसा रही हैं. मिस्टर विराज को यह कोर्ट दोषी ठरते हुए, एक लड़की को शराब पिलाकर उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करने के जुर्म में आईपीसी 376R/w 511 के तहत सात साल की सजा सुनती हैं. द कोर्ट इज एडजर्नड..
यहाँ पर MURDER ATTEMPT IN PUB – Crime story in Hindi के तीनो पार्ट समाप्त होते हैं. इस क्राइम स्टोरी को लेकर आपकी क्या राय हैं, कमेंट सेक्शन में जरूर शेयर करना.