आईपेड का लालच – एक डरावनी भुतिया कहानी
डरावनी और भुतिया कहानियों में आप पढने जा रहे हैं – आईपेड का लालच
आज से 1 सप्ताह के लिए रानी के परिवार वाले बाहर जाने वाले थे। चाचा जी की गांव में तबीयत अचानक खराब हो गई थी। डॉक्टर ने भी हाथ खड़े कर दिए। ऐसा बोल दिया कि दवा और दुआ दोनों को अपनाओ अब मामला 50 50 फीसदी का हैं. चलो कोई बात नहीं आना जाना तो भगवान के हाथ में हैं. मुझे इन बातों को नहीं सोचना चाहिए। ऑफिस का प्रोजेक्ट कैसे पूरा करू? इसके ऊपर मुझे कुछ विचार करना चाहिए। ऐसा रानी सोचती है।
रानी की अभी एक नई नई आईटी कंपनी में नौकरी लगी है और कंपनी की तरफ से रानी को एक लैपटॉप भी मिला। क्योंकि रानी की नौकरी नयी है तो,काम का लोड थोड़ा सा ज्यादा है।
पूरे दिन भर काम करने के बाद रानी शाम को घर आ गई. और उसने खाने के लिए कुछ बनाया. रानी अपने बॉस को खुश करना चाहती थी। इसलिए वह रात को भी काम करती, किसी भी हालत में वह अपना सारा काम समय पर पूरा कर देन चाहती। रानी कुछ समय काम करने के बाद थोड़ी थक जाती है, और अपनी गर्दन को इधर-उधर मोडती हैं. और 15-20 मिनट के लिए कोई वेब सीरीज देखने लग जाती है। सीरीज के खत्म होने के बाद वह वापस अपने ऑफिस पेज और साइड को खोलती हैं. फिर से खट-खट टाइपिंग करना शुरू कर देती है। 10:00 बज चुके थे। अब रानी सोने का मन बना रही थी। रानी ने सारी फाइलें को समेट कर अपने बेग के पास रख दिया. और लैपटॉप को बंद करने के लिए जैसे ही वह आगे बढ़ी तो उसने देखा कि उसके लैपटॉप के कीबोर्ड पर कुछ गिरा हुआ सा था। कुछ अजीब सा था। रानी ने सोचा कि यह तो कुछ होना नहीं चाहिए. क्योंकि अभी तो 1 मिनट भी नहीं हुआ। मुझे यहां से हटे हुए। क्या हो सकता है?
रानी अपने हाथ से उसे साफ कर देती हैं, वह साफ भी हो जाता है और रानी को कुछ महसूस भी नहीं होता। तभी अचानक डेस्कटॉप पर एक नया टैब खुल गया था और एक नया पॉप अप मैसेज खुल गया था, जिसके ऊपर लिखा था YOU ARE LUCKY. YOU WON AN I-PAD. THIS LINK WILL EXPIRE AFTER 60 SECONDS.
आप पढ़ रहे हैं – आईपेड का लालच
रानी ने एक गहरी सांस ली, और बोली आईपैड और वो भी फ्री का…. हो ही नहीं सकता…..
50 49 48 47 सेकंड अभी चल रहे थे। रानी सोचती हैं, देखते हैं लिंक के एक्सपायर होने पर क्या होता हैं?
20 19 18 सेकंड चल रहे थे। रानी का मन बदल गया। क्या पता है ऐसा मौका फिर मिले ना मिले… आइपेड कम से कम 50 60 हजार का तो होगा ही।
छोड़ो ना यार फ्री में कौन देगा…. ऐसा सोचकर रानी उसको बंद करने के लिए हाथ बढ़ाती हैं.
अभी 5 4 3 सेकंड सेकंड्स बाकि थे. रानी ने झट से उस लिंक को खोल दिया। अब रानी पूरी लालच में आ गई थी। सोचा कि किसी भी तरह से इस आईपैड को अब छोड़ना नहीं है।
रानी के सामने डेक्सटॉप पर अब एक नया टैब ओपन हो गया। कोने में एक लाल कलर का लाइव बटन बंद चालू बंद चालू हो रहा था। रानी ने उसके ऊपर क्लिक किया। जैसे ही रानी क्लिक करती हैं, उसके कमरे की सारी लाइट एक दो तीन बार जप जप कर बंद हो जाती है, रानी खिड़की के पास आकर चेक करती है। क्या मेरे घर पर ही गई है या पूरे मोहल्ले में…..रानी को चारों ओर अंधेरा देखा…रानी वापस अपने डेक्सटॉप पर आती है। अचानक रानी के दिमाग में आता है.. अभी तो रात के 11:00 बजे हैं। अभी तो सब सो गए होंगे। रानी जल्दी से उठ कर वापस खिड़की की तरफ जाती है। अब रानी की दिल की धड़कन थोड़ी तेज हो जाती है. क्योंकि सामने के घर में रेड लाइट की बत्ती साफ दिखाई दे रही थी। रानी थोड़ा डर गई, लेकिन वह वापस डेस्कटॉप पर आ गई।
रानी ने लाइव पर क्लिक किया था। इसलिए लोडिंग का बफिंग अभी चालू था। नेहा लाइव कनेक्शन का इंतजार कर रही थी। लोडिंग और बफिंग सब बंद हो गए। अब बस पूरी स्क्रीन ब्लैंक दिखाई दे रही थी। रानी बात करने के लिए बोलती है। हेलो… हेलो ….क्या आप मुझे सुन सकते हैं…. हेलो… हेलो… अब जो हुआ वह वाकई में डरा देने वाला था। रानी जैसे जैसे बात करने के लिए हेलो बोलती है तो उसकी आवाज का इको लेवल बढ़ जाता और पूरा कमरा हेलो.. हेलो, हेलो, हेलो. से गूंज उठता. क्या आप मुझे सुन पा रहे हैं?… क्या आप मुझे सुन पा रहे हैं ….क्या आप मुझे सुन पा रहे हैं …..क्या आप मुझे सुन पा रहे हैं…..?
रानी जोर से बोली… मेरे सामने आओ… मेरे सामने आओ… मेरे सामने आओ…. मेरे सामने आओ… रानी अपने डेस्कटॉप की ब्लैंक स्क्रीन पर अपनी परछाई को साफ देख पा रही थी। रानी थोड़ी डर गई थी। उसने लैपटॉप बंद करना चाहा, लेकिन तभी अचानक उसको स्क्रीन पर एक आदमी की शेप दिखाई दी। रानी थोड़ा रुक जाती है। रानी फिर से कांटेक्ट करने के लिए हेलो बोलते हैं, लेकिन अभी भी उसकी आवाज हेलो… हेलो …हेलो …ही गूंज रही थी. रानी ने उस मैन शेप पर गौर किया. वह धीरे-धीरे झूम हो रही थी। और रानी की तरफ बढ़ने लगी। अब जो रानी ने महसूस किया उससे तो जान ही निकल गई।
जो शेप ज़ूम हो रही थी. असलियत में वह तो उसके पीछे से धीरे-धीरे करके उसके नजदीक आ रही थी। अब वह धीरे धीरे पास आ रहा था। जैसे जैसे वह रानी के पास आ रहा था, उसका चेहरा रानी को साफ दिखाई दे रहा था। रानी को यह समझ में आ गया कि यह आदमी तो नहीं है। जैसे ही नजदीक आ रहा था। रानी की धड़कन बढ़ती जा रही थी। जैसे ही वह आदमी रानी की कुर्सी के पास रानी ने अपनी आंखें बंद कर ली और एकदम झुक गई। रानी ने डरते डरते अपनी आंखें खोली तो उसने देखा कि वह आदमी वहां से गायब था। अब रानी ने रहत की सांस ली और सीधा बैठ गई। रानी की धड़कन फिर से तेज हो गई, क्योंकि उसकी परछाई डेस्क पर अभी भी झुकी हुई थी। लेकिन अब धीरे-धीरे सीधी हो गई। रानी ने अपनी गर्दन हिलाई तो दो-4 सेकंड बाद उसकी परछाई ने भी अपनी मुंडी हिलाई। अब रानी ने अपने हाथों ऊपर किए तो फिर से धीरे-धीरे 4 सेकंड बाद परछाई ने भी हाथों ऊपर किए। रानी ने अपने हाथ से हरी बत्ती को साफ किया जो उसके डेस्कटॉप पर लगी थी।
अब रानी ने देखा कि अब जैसे ही उसने हरी बत्ती साफ की उसके सामने एक वेबसाइट पर विडियो रिकॉर्डिंग का तब चालू था.और जो कुछ भी चल रहा था, वह वेबसाइट इसको मॉनिटर कर रही थी। रानी ने राहत की सांस ली।
अपने लैपटॉप को बंद कर दिया।
उस रात रानी ने दो गलती की थी. पहली कीबोर्ड को साफ़ करके दूसरी उस लिंक को ओपन करके.
इस हॉरर कहानी “आईपेड का लालच” से हमने क्या सीखा – लालच कभी साथ नहीं देता.
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