पोंड का डरावना भूत – डरावनी कहानी

पोंड का डरावना भूत – डराने वाली कहानी

भुतिया डरावनी कहानियां में आप पढने जा रहे जा हैं – पोंड का डरावना भूत

यह कहानी हेलेना की हैं जो हवाई द्वीप पर रहती हैं. हेलेना हवाई द्वीप पर एक छोटे से टापू पर रहती हैं. हेलेना जिस टापू पर रहती हैं. वो टापू पानी के बीचो बीच में स्थित हैं. वैसे तो हेलेना का लन्दन में भी एक बहुत बड़ा घर है, लेकिन उसको घुमने का शौक हैं इसलिए वह अपने दौरे करती रहती हैं. अबकी बार हेलेना द्वीप पर अकेली आई थी, उसके पति को कुछ कम था तो वो एक सप्ताह बाद आएगा, ऐसा उसने अपनी पत्नी से प्रॉमिस किया था. हेलेना फ्लाइट से सैटरडे को ही आ गई थी. हेलेना आते ही सो गयी. अगले दिन सुबह उठकर हेलेना ने कुछ वर्कर्स को बुलाया और पूरे घर की सफाई करवाई. हेलेना ने अपने घर को अपने हिसाब से सजाया. अब हेलेना होटेल गयी और खाना खाया फिर वहीँ से ही वो उस पोंड पर चली गयी जहाँ उसका घर स्थित हैं. हेलेना ने आभी उस पोंड को पूरा नहीं देखा था इसलिए अबकी बार वो कोई चांस मिस नहीं करना चाहती थी. उसने पूरी तैयारी कर ली थी और पानी में गोता लगाने का भी मन बना लिया. हेलेना ने पूरे पोंड की सैर की और अआखिर मे वह गोटा लगाने की लिए सेफ्टी जैकेट पहन ली और पानी में कूद गयी. हलेना ने नयी नयी प्रजाति की मछलियाँ देखी. कुछ एसी झाडिया भी देखी जो लाइट छोड़ रही थी. हेलेना काफी गहराई पर गयी तो उसे कुछ महसूस हुआ. हेलेना को लग रहा था कि उसको कोई बुला रहा हैं. उसने एक झटके में ही साड़ी बैटन को इगनोर किया और आराम से अपनी गोताखोरी पूरी की और वापस ऊपर आ गयी. हेलेना काफी थक चुकी थी और रात ही काफी हो गई थी इसलिए हेलेना अब आराम करना चाहती थी. इसलिए हेलेना अपने घर पर चली आयी. अब हेलेना टीवी देखती देखती सो गयी.
थोड़ी देर बाद उसकी नींद खुली, उसने टीवी को बंद किया और अपने बेडरूम में चली गयी.


आधी रात को करवट लेते वक्त हेलेना ने कुछ महसूस किया. उसको लगा की यहाँ पर कोई तो हैं. उसने बेड से ही नज़र घुमाई लेकिन उसको कोई नहीं दिखा. हेलेना वापस सो गयी. थोड़ी देर बाद हेलेना की आखों के सामने कुछ परछाई से आई. हेलेना ने अपने सामने वाले गेट के कांच में देखा तो उसे कुछ नहीं दिखाई दिया. हेलेना वापस करवट बदल कर सोने लगी तो खिड़की के कांच में उसको किसी का धुंधला धुंधला चेहरा दिखाई दे रहा था. हेलेना उठ कर बैठ गयी. अब हेलेना कांच को गौर से देखने लगी. खिड़की को देखते देखते हेलेना को कुछ और महसूस हुआ. उसको लगा की उसकी बायीं तरफ कोई और परछाई हैं. हेलेन ने दरवाजे कांच पर देखा तो हलेना चौंक गयी. एक और परछाई अब हेलेना अन्दर से हिल गयी. उसने वापस खिड़की की तरफ देखा. परछाई ठप ठप खिड़की को मार रही थी. उसने वापस पलट कर दरवाजे की तरफ देखा तो हेलेना झट से पलंग की दीवार तक सरक गयी परछाई कमरे में आ गयी थी. अब हेलेना उस परछाई को एक दम साफ़ देख पा रही थी. वो तो कोई समुद्री जानवर लगता हैं. हेलेना ने लाइट चालू की तो चिल्लाकर वो दोनों परछाई वापस बाहर भाग गए हेलेना भी उनके पीछे पीछे बाहर भागी और देखा तो वो दोनों पोंड में कूद गए. हेलेना वापस आई और डरते डरते सो गयी. सुबह हुई. हेलेना ने अपने आस पास वाले लोगो को बुलाया और पुछा की इस पोंड से जानवर बाहर आते हैं क्या. पडोशी समझ गए की हो न हो इस मेडम ने कल गोताखोरी की हैं.


पडोशी बोले क्या आपने कल की सैर की? हाँ….!
और गोताखोरी…?
हाँ वो भी की हैं.
वही तो नहीं करनी चाहिए थी.
मगर क्यों ? उस गोताखोरी और उस जानवर का क्या कनेक्शन हैं?
मेडम आप जिस को जानवर कह रही हैं, वो कोई जानवर नहीं हैं. वो एक मृत शरीर हैं…एक आत्मा हैं.
पर वो तो दो थे. – हेलेना बोली.
दो नही पूरे बीस हैं.
क्या मैं जान सकती हूँ की इसका राज़ क्या हैं.
आप जानकर क्या करोगी मेडम. आप बस अभी वापस लन्दन निकल जाओ. अगली बार जब कभी आओ तो गोताखोरी मत करना. वैसे भी आप बहुत भाग्यशाली हो जो आपको कुछ नहीं क्या. वरन जो भी पोंड के उस चमकीले पेड़ के पास गया वो लौट के वापस नहीं आया. आप लकी हो.
हेलेना अब जिद करने लगी की आख़िरकार उन बीस लोगो के साथ क्या हुआ था.
अब पडोशी पूरी कहानी सुनते हैं. मेडम बात 1996 की हैं. इस पोंड का सर्वे करने के लिए रुस्सिया से एक टीम आई थी. उस टीम ने दो हफ्ते तक इस पोंड का निरिक्षण किया. लेकिन उनको कुछ खास मिला नहीं.जल विभाग को कहीं से जानकारी मिली थी की इस पोंड अन्दर कुछ रहस्यमयी चीजे हैं उसी को खोजने के लिए वह टीम यहाँ पर आई थी. टीम का एक मेम्बर उसने अन्दर कुछ चीजो को खोज लिया था. लेकिन उसको कुछ एसा मिला जो वो किशी को भी नहीं देना चाहता. इसलिए उसने झूट बोल दिया की कुछ नहीं मिला. लेकिन उसी टीम के एक ईमानदार ऑफिसर को भी पता चल गया की अन्दर खजाना हैं. पूरी टीम सो रही थी तभी वो चोर मेम्बर वहां से निकल कर उस खजाने के पास पहुँच गया. लेकीन साथ में इमाँदै ऑफिसर भी जग गया और वो पूरी टीम के साथ वहां पहुच गया. लेकिन तब तक वह चोर मेंबर सारा खजाना लादकर मिनी जहाज से जाने लगा. पूरी टीम उस पर गोली चलने लगी. उसकी जहाज का हिस्सा थोडा डेमेज हो गया था इसलिए वो पानी में कूद गया. लेकिन तभी भी वो ऑफिसर्स उस पर गोलियों की बौछार करते रहे. और उसको गोली लग गयी और वो इसी पोंड में मर गया.

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तो ये तो एक ही मारा गया फिर बीस क्यों?
मेडम …..जिस तरह आप गयी वैसे और भी गोताखोरीकरने गये. आप तो शुक्र मनाओ की जिन्दा लौट कर आये. बीस लोगो अब तक हजम कर चुका हैं वो.
तो क्या वो अभी और लोग को मारेगा…..
हां सुना हैं की जब तक वो 24 लोगो नहीं मार देता उसको शांति नहीं मिलेगी.
24 क्यों?
रुस्सिया से जो टीम आई थी उसमे 25 मेम्बर थे. इसलिए वो ये सोचकर मार देता हैं की उसने उन लोगो को मार दिया जो उससे खजाना छिनना चाहते थे.
ओओह एसी बात हैं क्या….पर ये तो मासूम लोग हैं.
सरकार तो इन अंधविश्वास पर भरोषा करती नहीं हैं. अब हमने भी तो पोंड के चारो और बोर्ड लगा दिया हैं गोताखोरी नहीं करे… अब नहीं माने तो क्या करे. अब आपने भी तो ध्यान नहीं दिया…
इतना सुनकर हेलेना वापस लन्दन लौटने के लिए तैयारी करने लगती हैं.
अगली बार जब भी आएगी. अकले नहीं आएगी.


इस कहानी (horror stories in hindi) पोंड का डरावना भूत से हम लोगो ने क्या सिखा – किसी काम को मना या रोकने के बाद कभी नहीं करे.

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