लिमिटेड का मतलब क्या होता है – अगर आप कोई बिजनेस करते हो या बिजनेस से सम्बन्धित जानकारी पढने की चाह रखते हैं तो आपने लिमिटेड कम्पनी के बारें में जरूर सुना होगा? कई बार आपके दिमाग में ये सवाल आया होगा कि लिमिटेड का मतलब क्या होता है? इसके साथ साथ आपके दिमाग में यह भी आया होगा कि लिमिटेड कंपनी क्या होती हैं?
इस पोस्ट में आपको जानने को मिलगा कि लिमिटेड का मतलब क्या होता है? लिमिटेड कम्पनी कैसे काम करती हैं? लिमिटेड कंपनी कितने प्रकार की होती हैं? *लिमिटेड कम्पनी के फायदे क्या हैं और इसके नुकसान क्या हैं? आगे हम सभी पॉइंट्स के बारें में जानेंगे लेकिन सबसे पहले जानते हैं कि लिमिटेड का मतलब क्या होता है?
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लिमिटेड का मतलब क्या होता है?
जैसा कि लिमिटेड नाम से पता चलता हैं कि इसका अर्थ सीमित होता हैं. कोई भी लिमिटेड कंपनी(LC), कम्पनी के मालिक की जिम्मेदारी को सीमित करती हैं.
लिमिटेड कंपनी का मतलब – एक लिमिटेड या सीमित कंपनी वह कंपनी होती हैं जो कंपनी के शेयरधारकों(मालिकों) की कम्पनी पर जिम्मेदारी को कम करता हैं या सीमित करता हैं. क़ानूनी रूप में लिमिटेड कंपनी में मालिक(शेयरहोल्डर) का अधिकार उतना ही होता हैं जितना वह निवेश करता हैं. हमारे देश भारत में मुख्यतर सात तरह की कंपनियां रन करती हैं जिनमें से एक लिमिटेड कंपनी भी हैं. अगर आपने जान लिया लिमिटेड का मतलब क्या होता है तो अब आपको इसके प्रकार के बारें में जानने की जरुरत हैं.
लिमिटेड कंपनी के प्रकार
*लिमिटेड कम्पनी के अलग अलग देशो में अलग अलग प्रकार होते हैं. हम यहाँ भारत में चलने वाली लिमिटेड कंपनियों के प्रकार के बारें मे बात करेंगे. Uk में सात प्रकार की लिमिटेड कंपनी चलती हैं.
भारत में तीन प्रकार की लिमिटेड कम्पनी चलती हैं.
1 प्राइवेट लिमिटेड कंपनी
2 पब्लिक लिमिटेड कंपनी
3 वन मेन कंपनी
प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का मतलब क्या होता हैं?
*प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का मतलब – स्वामित्व या ओनरशिप के आधार एक प्राइवेट लिमेटेड कंपनी में शेयरधारको की संख्या कम होती हैं. कम्पनी अधिनियम 2013 के अनुसार एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में अधिकतम 200 शेयरहोल्डर हो सकते हैं.
प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के शेयरहोल्डर कंपनी में जितना निवेश करते हैं. उतनी ही उनको भागीदारी मिलती हैं. जब किसी कंपनी को वित्तीय घाटा होता हैं या मुनाफ़ा हो तो उसकी भागीदारी उतनी होती हैं जितनी उनकी पार्टनरशिप(payment on joining time) होती हैं.
प्राइवेट लिमिटेड कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड नहीं होती हैं. प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी भी दो प्रकार की होती हैं, उनकी चर्चा हम अन्य दूसरी पोस्ट में करेंगे.
पब्लिक लिमिटेड कंपनी का मतलब क्या होता हैं?
पब्लिक लिमिटेड कंपनी का मतलब – एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी में कम से कम सात शेयरहोल्डर होने चाहिए. तथा अधिकतम कितने भी हो सकते है. पब्लिक लिमिटेड कंपनी में शेयरधारकों की संख्या असीमित होती हैं. कंपनी अधिनियम 2013 के तहत एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी एक ऐसी कंपनी है, जिसकी सीमित देयता है और आम जनता को शेयर प्रदान करती है. इन कंपनी में कोई भी निवेश कर सकता हैं (शर्तों के साथ).
यहाँ आपका एक प्रश्न हो सकता हैं कि क्या एक प्राइवेट कम्पनी पब्लिक लिमेटेड कम्पनी बन सकती हैं?
हाँ! एक प्राइवेट कम्पनी आईपीओ जारी करके पब्लिक लिमिटेड कंपनी बन सकती हैं.
वन मेन कंपनी का मतलब क्या हैं?
2013 से पहले भारत के कंपनी नियम में किसी तरह वन मेन कंपनी का प्रावधान नहीं था. 2013 कंपनी नियम के अनुसार कोई भी आदमी अपनी खुद की कंपनी शुरू कर सकता हैं.
लिमिटेड कंपनियों के लाभ
जैसा कि आपने जाना कि लिमिटेड कम्पनी में एकाधिक शेयर होल्डर होते हैं तो कंपनी को इसके बहुत सारे फायदे होते हैं. लिमिटेड कंपनी के शेयर होल्डर कम्पनी को सुव्यवस्थित तरीकों से काफी मुनाफा कमा सकते हैं.
उदहारण के लिए जब अमेज़न की स्थापन हुई तब इसका मालिक एक था. यानि अमेज़न एक वन मेंन कंपनी थी, लेकिन जब यह पब्लिक लिमिटेड हुई तो इसकी वैल्यू सातवें आसमान पहुँच गई. वही आज इसके मालिक दुनिया के सबसे अमीर की सूची में आते हैं.
यहाँ हम लिमिटेड कंपनी के फायदे बता रहे हैं. हालाँकि one person company में सिमित देयता एक आदमी तक सिमित होती हैं. जब तक यह कम्पनी प्राइवेट या पब्लिक लिमिटेड में कन्वर्ट नहीं हो जाता हैं तब तक इनकों फायदे नहीं मिल पाते हैं.
- कंपनी को फंडिंग होती रहती है
- जब कोई कंपनी लोगों को शेयर खरीदने के लिए आमंत्रित करती हैं तो कंपनी को फंडिंग मिलती हैं. इससे कंपनी को फ्यूचर के लिए नए इन्वेस्टमेंट का रास्ता सरल हो जाता हैं.
- कंपनी ध्यान में बनी रहती हैं
- जो कम्पनी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड होती हैं तो वह चर्चा में रहती हैं. लोग आमतौर पर इसके बारें में कुछ म कुछ जानकारी निकालते रहते हैं. इससे कंपनी का प्रचार होता हैं और कंपनी को ग्रोथ मिलती हैं.
- चर्चा में बने रहने के कारण म्यूच्यूअल फण्ड, हेज फण्ड के अवसर मिलते रहते हैं. कुल मिलाकर व्यापर में सुधार होता हैं.
- जोखिम कम हो जाता है
- जब कंपनी में शेयर धारक बहुत सारे होते हैं तो मालिकाना अधिकार उनकी इन्वेस्टमेंट के अनुसार बाँट जाता हैं. ऐसे में कंपनी के फायदे के लिए बहुत सारे लोग एक साथ चिंता और विचार विमर्श करते हैं. इसलिए जोखिम फ़ैल जाता हैं. ऐसे में अगर कभी कम्पनी को वित्तीय घाटा होता हैं तो उसकी जिम्मेदारी किसी एक को न हो कर उन तमाम लोगों को होती जो उसमे इन्वेस्ट करते हैं.
- विकास और विस्तार के अवसर
- कम जोखिम के कारण शेयरों के माध्यम से जुटाए गए धन से नई परियोजनाओं में निवेश करके व्यापार को बढ़ाने और विस्तार करने का एक सही अवसर है. इससे कम्पनी अपने प्रोडक्ट्स के नए नए अपडेटस और वर्जनस लाती रहती हैं.
पब्लिक लिमिटेड कंपनी के नुकसान क्या हैं?
पब्लिक लिमिटेड कंपनी के फायदे आपको निवेश करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं, लेकिन जो कुछ भी चमकता है वह सोना नहीं होता है. पब्लिक लिमिटेड कंपनी में निवेश करने के लिए आपको कुछ बाधाओं के लिए भी तैयार रहना चाहिए.
- विवाद की निरंतरता
- पब्लिक लिमिटेड में निदेशकों की संख्या अधिक होती हैं जिससे कोई एक मालिक न रहकर हक़ बाँट जाता है. इसी कारण बोर्ड मेम्बेर्स में वाद विवाद चलते रहते हैं.
- निर्णय में देरी
- कोई भी नए निर्णय के लिए बहुत लम्बी प्रक्रिया होता हैं, पब्लिक लिमिटेड कंपनी में कोई भी निर्णय तेजी से नहीं लिया जा सकता हैं.
- गोपनीयता की कमी
- पब्लिक कम्पनी में सब कुछ एक विवरण में सबके सामने रखना होता हैं. किसी भी तरह का सीक्रेट नहीं रख सकते हैं. अगर कोई सीक्रेट रख लिया जाए और बाद में उसका खुलासा हो तो कंपनी को नुकसान हो सकता हैं.
- मुनाफे का वितरण
- कंपनी को जो भी लाभ होगा उसका वितरण सभी में वितरित कर दिया जाता हैं. अगर किसी भी कंपनी में 2000 शेयर होल्डर हैं तो होने वाला मुनाफा सभी में वितरित कर दिया जाएगा.
लिमिटेड कंपनी कैसे काम करती है
जैसा की उपर बताया कि एक लिमिटेड कंपनी में कंपनी की सम्पति और लोन कम्पनी के शेयरधारकों की पर्सनल प्रोपर्टी से अलग होती हैं. अगर कभी कंपनी को कोई नुकसान होता हैं तो शेयर धारकों की व्यक्तिगत संपत्ति को लेनदारों द्वारा जब्त किए जाने का जोखिम नहीं होगा.
जैसा कि उल्लेख किया गया है, एक सीमित कंपनी में, कंपनी की संपत्ति और ऋण शेयरधारकों से अलग होते हैं। नतीजतन, अगर कंपनी को सामान्य व्यावसायिक गतिविधि के कारण वित्तीय संकट का अनुभव होता है, तो शेयरधारकों की व्यक्तिगत संपत्ति को लेनदारों द्वारा जब्त किए जाने का जोखिम नहीं होगा.
लिमिटेड कंपनी में स्वामित्व(ओनरशिप) को आसानी से स्थानांतरित किया जा सकता है. और यह सब एक क़ानूनी प्रक्रिया से नियंत्रित रहता हैं.
पब्लिक लिमिटेड कंपनी की ओनरशिप को शीघ्र ही ख़त्म किया जा सकता हैं. अगर कोई किसी कम्पनी से ओनरशिप ख़त्म करता हैं तो उसके बाद उसके फायदे और नुकसान से उसको कोई लेना देना नहीं होता हैं.
लिमिटेड कम्पनी के बारे में कुछ तथ्य
- लिमिटेड को Ltd. से लिखा जाता हैं.
- प्राइवेट लिमिटेड को Pvt. Ltd. से लिखा जाता हैं.
- प्राइवेट लिमटेड कंपनी का भविष्य मालिक के जीवन पर निर्भर नहीं करता हैं.
- प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को अपनी कंपनी का वितीय विवरण समय समय पर पब्लिक्ली रखना होता हैं. इस वित्तीय विवरण से ही लोग निर्णय लेते हैं कि उनको कम्पनी में शेयर लेना हैं या नहीं.
- पब्लिक लिमिटेड कंपनी को शुरू करने के लिए 5 लाख का निवेश आवश्यक हैं.
- पब्लिक लिमिटेड कंपनी में हिस्सा लेने के लिए कंपनी के शेयर को उसके भाव पर खरीदना पड़ता हैं.
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FAQ’S
क्या मैं पब्लिक लिमिटेड कंपनी का हिस्सा बन सकता हूँ?
हां! जो कोई भी पब्लिक लिमिटेड कंपनी का हिस्सा बनना चाहता है, उनकों शेयर खरीदने का प्लेटफार्म पर रजिस्टर करना पड़ता हैं. यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हैं. इसके लिए कुछ डाक्यूमेंट्स लगते हैं. एक बार जब आपके पास ट्रेडिंग प्लेटफार्म आ जायेगा तो आप किसी भी कंपनी का शेयर खरीद सकते हो जो स्टॉक मार्किट में list हो रखी हों.
किसी कंपनी को स्टार्ट करने के लिए कितन पढ़ा लिखा होना जरूरी है?
कंपनी को शुरू करने के लिए भारतीय कंपनी अधिनियम में कोई प्रावधान नहीं हैं, इसलिए कोई भी कंपनी शुरू कर सकता हैं बशर्तें कि उसके पास सभी डाक्यूमेंट्स और बिजेनस प्लान हों.
इस पोस्ट “लिमिटेड का मतलब क्या होता है” में आपने क्या सीखा
लिमिटेड का मतलब क्या होता है – टाइटल में हमने अलग अलग विषयों पर जानकारी देने की कोशिश की हैं. लिमिटेड का मतलब बताने के साथ साथ दुसरे विषयों पर भी जानकारी शेयर की हैं. इस ब्लॉग पर बिजेनस से सम्बन्धित पोस्ट्स आती रहती हैं, so आप इसको सब्सक्राइब कर सकते हैं. यह निशुल्क हैं.