गंगा नदी कहां से निकलती है(ganga nadi kahan se nikalti hai) – गोमुख या गंगोत्री से, जाने सटीक उत्तर
गंगा नदी कहां से निकलती है?(ganga nadi kahan se nikalti hai) – यदि मैं आपसे एक सवाल करूँ कि गंगा नदी का उद्गम स्थल क्या हैं? या गंगा नदी कहाँ से निकलती हैं? तो आप किसी ग्लेशियर का नाम ले सकते हैं. हालाँकि कई स्ठानो पर इसको सही मान लिया जाता हैं. लेकिन गंगा नदी कई नदियों से मिलकर बनती हैं. चलिए आज इस पोस्ट में विस्तार से जानते हैं कि गंगा नदी कहां से निकलती हैं(where does the ganges river originate from).
गंगा नदी कहां से निकलती है
गंगा नदी हिमालय पर्वत के गंगोत्री ग्लेशियर के टर्मिनस गोमुख से निकलती हैं. जब इस ग्लेशियर की बर्फ पिघलती है, तो यह भागीरथी नदी का साफ पानी बनाती है। जैसे ही भागीरथी नदी हिमालय से नीचे बहती है, यह अलकनंदा नदी में मिल जाती है, जो आधिकारिक तौर पर गंगा नदी का निर्माण करती है.
इसको विस्तार से जानने के लिए इसको आगे पढ़ते रहे – ganga nadi kahan se nikalti hai
पंच प्रयाग – देश के उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल हिस्से में बड़े-बड़े हिमानी या ग्लेशियर पाए जाते हैं. उत्तराखंड में ही बद्रीनाथ के संतो पथ नामक स्थान से दो नदियां निकलती है. एक तरफ से धौलीगंगा और दूसरी तरफ से विष्णु गंगा. यह दोनों नदिया जिस स्थान पर मिलती है, उसे विष्णुप्रयाग कहते हैं.
प्रयाग का मतलब जहां दो नदियां आपस में मिलती है. इस स्थान पर इन दोनों नदियों की गहराई बराबर हो जाती है. इस कारण विष्णुप्रयाग के बाद यह नदी अलकनंदा नाम से जानी जाती है. और जब अलकनंदा आगे बढ़ती है तो इसमें नंदाकिनी नदी मिलती है, उस स्थान को नंदप्रयाग कहते हैं.
इसके बाद नदी और आगे बढ़ती है तो इसमें पिंडर नदी मिलती है. उस उस स्थान को कर्णप्रयाग कहते हैं.
अब केदारनाथ से एक नदी निकलती है, जिसका नाम मंदाकिनी नदी है. मंदाकिनी नदी आकर यहाँ से अलकनंदा में मिल जाती है. और जहां मिलती है, उस स्थान को रुद्रप्रयाग कहते हैं. इस रूट में अलकनंदा बहुत गहरी होती है. इस कारण इसका नाम नहीं बदला.
अब उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के गंगोत्री (स्थान गोमुख) से भागीरथी नदी निकलती है.
उत्तराखंड के लोग मुख्य रूप से इसे ही गंगा मानते हैं. अब भागीरथी नदी आगे जाकर अलकनंदा में मिलती है. जिस स्थान पर मिलती है, उसे देवप्रयाग कहते हैं.
यहां पर दोनों की गहराई बराबर हो जाती है. इस कारण इस नदी का नाम बदलकर गंगा हो जाता है. देवप्रयाग के बाद यह गंगा नदी के नाम से बहती है. इस तरह उत्तराखंड की कई सारी नदियां मिलकर गंगा नदी का निर्माण(ganga kahan se nikalti hai) करती है. गंगा नदी पर स्थित कुल पांच प्रयाग स्थित है.
विष्णुप्रयाग, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग और देवप्रयाग इन पांचों क्रिया को पंच प्रयाग भी कहा जाता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, ये पंचप्रयाग घूमना बहुत ही पवित्र माना जाता है.
गंगा नदी में उतर की और से आने वाली प्रमुख सहायक नदियों के नाम निम्न हैं – यमुना रामगंगा करनाली जिसे घाघरा भी कहा जाता हैं तपती गंडक कोसी और काक्षी हैं. गंगा नदी में दक्षिण के पठार से आकर मिलने वाली नदियों में – चम्बल सोन बेतवा दक्षिणी टोंस केन इत्यादि हैं. यमुना नदी सबसे प्रमुख सहायक नदी हैं, जो की हिमालय से बन्दर पूंछ चोटी के आधार पर से यमुनोत्री हिम खंड से निकलती हैं.
हिमालय के उपरी इलाके में इसके अन्दर टोंस और लघु हिमालय में आने पर इसके अन्दर आसन और गिरी नदियाँ मिलती हैं.
यमुना की सहायक नदियाँ – शारदा चम्बल केन बेतवा यमुना की सहायक नदियाँ हैं. चम्बल नदी यमुना नदी में इटावा के पास तथा बेतवा हमीर पुर के पास यमुना में मिलती हैं.
यमुना नदी गंगा में इलाहाबाद के निकट बायीं और से मिलती हैं.
रामगंगा मुख्या हिमालय के दक्षिण क्षेत्र के नैनीताल के पास से निकल कर बिजनौर से प्रवाहित होती हुई कन्नोज के पास से गंगा नदी में मिलती हैं.
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मप्सातुंग नाम के हिमनद से निकल कर फ़ैजाबाद से उससे पहले अयोध्या से होक प्रवाहित होती हुई बलिया जिले की सीमा के पास से करनाली नदी गंगा में मिल जाती हैं. कर्णाली नदी को पर्वतीय भाग में कौरियाला तथा करनाली को मैदानी भाग में घाघरा कहा जाता हैं.
घंडक नदी हिमालय से निकलती हैं और नेपाल में शालिग्राम से होती हुई निकलती हैं. गंडक नदी को मैदानी भाग में नारायणी नदी कहा जाता हैं.
कोसी नदी की मुख्य धारा का नाम अरुण हैं. अरुण गोसाई धाम के उतर से निकलती हैं. अरुण ब्रह्मपुत्र के बेसिन से निकल कर सर्पाकार रूप में नदी में बहता हैं. सर्पाकार जगह पर यरू नामक नदी इसमें मिलती हैं. इसके आगे यह नदी हिमालय के कंचन जंघा के शिखरों के मध्य से होती हुई यह नदी दक्षिण की और 90 किलो मीटर बहती हैं. जहाँ पश्चिम से सुनकोसी तथा पुर्व दिशा से तमुर कोसी नामक नदियाँ इसमें मिलती हैं.
इसके बाद ये नदियाँ कोशी के नाम से शिवालिक हिमालय को पार करले मैदान में उतरती हैं.बिहार राज्य से बहती हुई यह नदी गंगा में मिल जाती हैं. सोंन नदी का उद्ग्हम स्थल अमरकंटक की पहाड़ियां हैं. सों नदी पटना के पास गंगा नदी में मिल जाती हैं. मध्य प्रदेश के मऊ के पास से जनायब पहाड़ से निकल कर चम्बल नदी इटावा से 38 किलो मीटर की दूरी तय करती हुई यमुना नदी में मिल जाती हैं.
बेतवा नदी का उद्गम स्थल भोपाल मध्यप्रदेश हैं. बेतवा भोपाल से निकल कर उतर हमीर पुर के निकट यमुना में मिल जाती हैं. भागरथी के दांये और से मिलने वाली अनेक नदियों में बांस लाई द्वारका रूपनारायण कंसवती रसूलपुर मयूराक्षी मुख्य हैं. जलांगी और माथा एक और चुनीं बाएं किना रे से मिलती हैं.
प्रश्न: गंगा नदी कहां है?
उत्तर: गंगा नदी भारत मूल की नदी हैं. गंगा नदी पश्चिमी हिमालय से निकलती है और पूरे उत्तरी भारत में बांग्लादेश में बहती है, जहां यह बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। गंगा नदी के बेसिन का लगभग 80% हिस्सा भारत में है, शेष नेपाल, चीन और बांग्लादेश में है।
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Faqs about ganga river in hindi
FAQs about Ganga River
हिन्दू धर्म की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गंगा नदी को भीष्म पितामह की माता से संबोधित किया गया हैं. जहाँ गंगा नदी को मानवता की माँ के रूप में दिखाया गया हैं. इसलिए गंगा नदी को माता कहा जाता हैं.
पौराणिक मान्यताओं के और धार्मिक ग्रंथों में गंगा को आकाश की तरफ बहने वाली नदी के रूप में दिखाया गया हैं. इसलिए गंगा नदी को मन्दाकिनी और पाताल की भागीरथी के रूप में भी जाना जाता हैं.
गंगा भारत की राष्ट्रीय नदी हैं.
गंगा नदी की कुल लम्बाई 2510 किलोमीटर है.
गंगा नदी पर 14 पुल हैं, जिनमे से कुछ के नाम महात्मा गाँधी सेतु, विद्यासागर सेतु, मुंगेर ब्रिज, मालवीय ब्रिज, अरह छपरा पुल, हार्डिंग ब्रिज, भक्तियापुर ब्रिज हैं.
बंगाल की खाड़ी में गिरने से लगभग 1500 माइल्स किलोमीटर पहले से गंगा नदी विश्व की प्रमुख प्रदूषित नदी बन जाती हैं. इसका कारण शहरी सीवेज, पशु अपशिष्ट, कीटनाशक, उर्वरक और अन्य धार्मिक कारण(दाह संस्कार की राख) हैं.
2019 तक सरकार ने गंगा को साफ करने के लिए 14 बिलियन डोलर का निवेश किया. इसके साथ ही मोदी सरकार ने 27 बिलियन डोलर खर्च करने का आवंटन किया लेकिन अकेला पैसा गंगा नदी को साफ नहीं कर सकता हैं.
गंगा की गहराई अलग अलग जगहों पर अलग अलग हैं. कुछ जगहों पर गंगा की गहराई कुछ फीट तक हैं, लेकिन अन्य कुछ स्थानों पर गंगा की गहराई 30 से 35 फीट तक हैं. एक औसतन गहराई की बात करें तो गंगा की औसत गहराई 33 फीट हैं.
गंगा हिमालय से शुरू होकर बंगाल की खाड़ी में गिरने से पहले भारत और बांग्लादेश से होकर गुजरती हैं.
4 Comments
Sachin Kumar · April-8-2022 at 12:48
इतने विस्तार से जानकारी देने के लिए आपका धन्यवाद!
LV-PKS · April-10-2022 at 10:43
Thanks for being here!
Sanvi Verma · May-3-2022 at 15:14
Hlw sir
Ashish kumar · July-19-2022 at 21:28
In Indian the gerat or obar life