अजय कैलाश पर्वत के अद्भुत और चमत्कारी रहस्य -नहीं की किसी ने आज तक चढाई

Published by Dinesh Choudhary on

Kailash mountain with red large text

कैलाश पर्वत के रहस्य

कैलाश पर्वत के रहस्य – जब जब भगवान शिव के निवास स्थान के बारे में जिक्र होता हैं तो, कैलाश पर्वत को सबसे ऊपर रखा जाता हैं. इस बात के सैकड़ों प्रमाण हैं कि भगवान् शिव अपने परिवार सहित कैलाश पर्वत पर निवास करते थे. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि कैलाश पर्वत अजय हैं, आज तक इस पर्वत को कोई भी जीत नहीं पाया हैं. शिव स्थान पर नहीं पहुँच पाने का कारण कलयुग का प्रकोप हैं या कोई वैज्ञानिकी तथ्य हैं.

चलिए जानते हैं सुनी सुनाई, आँखों देखी और विज्ञान आधारित शिव निवास कैलाश पर्वत के बारे में अद्भुत राज. अजय कैलाश पर्वत वह पवित्र स्थान हैं जहाँ पर भगवान् शिव अपने पूरे परिवार सहित रहते हैं. लेकिन सबसे अद्भुत रहस्य यह हैं कि – अभी तक यहाँ पर किसी के पैर नहीं पहुँच पाए हैं. कैलाश पर्वत माउन्ट एवेरेस्ट से 2200 मीटर नीचे स्थित हैं, जबकि माउंट एवेरेस्ट पर 7000 से अधिक बार चढ़ाई हो चुकी हैं, लेकिन कैलाश पर्वत पर एक बार भी नहीं.

शिव स्थान कैलाश पर्वत तिब्बत में स्थित हैं, जो कि हिमालय के उतर में स्थित हैं. तिब्बत गुरु कहते हैं कि कैलाश पर्वत के चारों और एक अलौकिक शक्ति का प्रभाव रहता हैं. 22068 फीट समुद्र तल से ऊंचाई पर स्थित कैलाश पर्वत विशेष आकार(चहूँमुखी) का हैं, जहाँ पर सभी दिशासूचक(कंपास) काम करना बंद कर देते हैं. कैलाश पर्वत को पृथ्वी का केंद्र बिंदु माना जाता हैं, जहाँ से चार पवित्र नदियाँ निकलती हैं, सतलज, सिन्धु, घाघरा और ब्रह्मपुत्र, जो की कैलाश को चार भागों में विभाजित करती है. कैलाश पर्वत पर समय जल्दी से बीतता हैं.

अगर कोई कैलाश पर्वत, या उसके आस पास चला जाये तो, उनके नाख़ून और बाल जल्दी जल्दी से बढ़ने लगते हैं. इस रहस्य का पता अभी तक वैज्ञानिक भी नहीं लगा पाए हैं. कैलाश पर्वत के अद्भुत और चमत्कारी राजों को जानते हुए, सन 2000 में तिब्बत सरकार ने कैलाश पर्वत की चढ़ाई पर प्रतिबन्ध लगा दिया. पर्वत कैलाश के शिखर पर दो झील स्थित हैं एक मान-सरोवर और दूसरी राक्षस झील. मानसरोवर और राक्षस झील के अपने अपने अलग अलग महत्व हैं.

मानसरोवर झील

मानसरोवर झील सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित मीठे पानी की झील हैं. 320 वर्ग किमी के भाग में यह झील फैली हुई हैं. मानसरोवर झील का आकर सूर्य के समान हैं. प्राचीन समय में सभी देव लोग इस झील में स्नान आदि किया करते थे. सैकड़ो ऋषियों ने इस झील के पास तपस्या की और देवताओं को प्रसन्न किया करते थे. मानसरोवर झील सकारात्मकता का प्रतीक हैं. अगर आपको भी कभी मौका मिले तो इस झील में स्नान जरूर करे, संभव हो सके तो सुबह 3.00 से 5.00 के बीच में करे तो अत्यंत उतम होगा. यह ब्रह्म मुहर्त का समय हैं, इस समय में स्नान करने के पश्चात् रुद्र गति प्राप्त होती हैं. प्राचीन समय में चीर सागर के नाम से इसी सागर को जाना जाता था. भगवान् विष्णु और लक्ष्मीजी इसी चीर सागर में निवास करते थे.

राक्षस झील

रावण ने वर्षों तक तपस्या कर भगवान् शिव को इसी झील के निकट प्रसन्न किया था. 220 वर्ग किमी में फैली हुई, यह झील नकारात्मकता का प्रतीक हैं. मानसरोवर और राक्षस झील विपरीत हैं. जबकि दोनों झील के बीच में दुरी अत्यंत कम हैं. राक्षस झील एक खारे पानी की झील हैं. विशेष समय में कैलाश पर्वत के चरों और विचित्र चुम्बकीय और अलौकिक तरंगे उत्पन्न होती हैं, जिसके टकराव से ॐ की ध्वनी उत्पन्न होती हैं.

कैलाश पर्वत पर बहने वाले पानी के साथ डमरू की आवाज़ आती हैं. कैलाश पर्वत का आकार एक शिवलिंग के सामान हैं, जो पूरे वर्ष भर बर्फ से ढका रहता हैं. इतने रहस्यों में एक अद्भुत रहस्य अपवादरूप हैं, ग्यारवी सदी में तिब्बती का बोधि योगी ने एक बार इस पर्वत की चढाई की थी. इनके अलावा कोई भी चढ़ाई नहीं कर सका हैं. 20 वीं सदी में पश्चिमी देशों ने भरसक प्रयास किये लेकिन सब नाकाम रहे.

जब जब किसी ने कैलाश पर्वत पर चढ़ाई करने की कोशिश की हैं, तब तब कुछ अद्भुत घटनाओ ने चढ़ाई संभव नहीं होने दी हैं. चढ़ाई के वक्त किसी का मन फिर जाता हैं तो किसी को मार्ग विस्मरण हो जाता हैं. कभी बर्फ की बाढ़ आ जाती हैं, तो कभी बर्फ़बारी, तूफान शुरू हो जाती हैं. कैलाश के अद्भुत रहस्य को जानकर तिब्बत सरकार ने इस पर्वत की चढ़ाई पर पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध लगा दिया हैं.

अगर आपको कैलाश पर्वत के अद्भुत रहस्य वाकई में अद्भुत लगे हो तो आप हमारी दूसरी पोस्ट्स को भी पढ़ सकते हैं.

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2 Comments

ram ber · February-15-2022 at 22:00

very good place

    krishna · February-15-2022 at 22:02

    om Nemo Shiva

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