Ajit Doval Biography in hindi | भारत का जेम्स बोंड क्यों कहा जाता है इन्हें

Intro-

आज हम भारत के सबसे शक्तिशाली नौकरशाह (ब्यूरोकेट) अधिकारी श्री अजीत डोभाल (ajit doval) के बारे में बात करने वाले हैं ( ajit doval biography in hindi ). एक ऐसे जासूस जो आतंकवादियों से के सामने जाकर उनसे बात करते हैं. who is ajit doval? आखिर कौन है अजित डोभाल. वे एक कुशल रणनीतिकार, बुद्धिमान एवं कूटनीतिज्ञ जासूस है. उनके खतरनाक और जोखिम भरे जासूसी कारनामों के कारण. इन्हें भारत का जेम्स बांड भी कहा जाता है. आगे जब इस पोस्ट में इनके रोमांचक किससे पढ़ेंगे. तो आप स्वयं जान जाएंगे इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े.

पूरा नाम –अजित कुमार डोभाल
D.O.B.20 जनवरी 1945
जन्म स्थान –पौढ़ी, गढ़वाल, उत्तराखंड
राष्ट्रीयता –भारतीय
धर्म –हिन्दू
जाति (caste) –गढ़वाल ब्राह्मण
कार्य –पूर्व प्रशासनिक अधिकारी IPS, पूर्व IB निदेशक
वर्तमान – NSA राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार
फैमिली –पिता- घुननाद डोभाल
माँ-
पत्नी- अरुणी डोभाल
पुत्र- विवेक डोभाल और शोर्य डोभाल
निवास स्थान –नई दिल्ली
सैलरी –1,62000 INR ($2300) monthly
Ajit Doval Biography in hindi ; pasandhai.in

अजित डोभाल का परिचय | Ajit Doval kaun hai

who is ajit doval? अजीत दोवाल एक रिटायर्ड आईपीएस ऑफिसर एवं IB (इंटेलिजेंस ब्यूरो) के पूर्व निदेशक है. वर्तमान में अजीत दोवाल भारत के NSA (नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर) है. इनका जन्म स्वतंत्रता पूर्व ब्रिटिश शासन में 20 जनवरी 1945 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में हुआ था. इनके पिता जी का नाम घुननाद डोभाल तथा माता जी का नाम (अज्ञात). जो एक गढ़वाल जाति के ब्राह्मण हिंदू है. अजित डोभाल फैमिली | ajit doval family – अजित डोभाल के परिवार में उनके माता-पिता के अलावा पत्नी और दो बच्चें है. इनकी वाइफ का नाम अनु डोभाल है. विवेक डोभाल और शोर्य डोभाल इनके बच्चो के नाम है. इनका परिवार नई दिल्ली में रहता है.

Ajit Doval की शिक्षा एवं करियर (अजित डोभाल की जीवनी )

अजीत डोभाल के पिताजी एक आर्मी ऑफिसर थे. इस कारण इन्हें अन्य राज्यों में शिफ्ट होना पड़ता था. इसका प्रभाव इनकी पढ़ाई पर भी पड़ा. अजीत डोभाल की प्रारंभिक शिक्षा अजमेर मिलिट्री स्कूल में हुई. इसके बाद उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक और स्नातकोत्तर किया. पढ़ाई पूरी होने के बाद इन्होंने IAS (आईएएस) की तैयारी की और 1968 में IPS (भारतीय पुलिस सर्विस) में चयनित हुए.

बतौर आईपीएस इन्हें केरल कैडर मिला और यहीं से उनके करियर को एक दिशा मिली. बतौर आईपीएस 7 साल की सेवा करने के पश्चात इन्हें IB-इंटेलिजेंस ब्यूरो (जो भारत की एक खुफिया एजेंसी है), इसका निदेशक बनाया गया. बतौर आईबी के निदेशक उनका कार्यकाल 2005 से 2014 तक रहा. साल 2014 में इन्हें आईबी के निदेशक पद से हटाकर भारत का नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर बना दिया गया. इन्होंने अपनी इंटेलिजेंस कूटनीतिज्ञता, बुद्धिमता और रणनीति बनाने की अद्भुत क्षमता के जरिए. अब तक कई मिशनो को सफल अंजाम दिए हैं. अजीत जी डोभाल के रोचक एवं रोमांचित कर देने वाले जासूसी कारनामे निम्नलिखित हैं.

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ajit doval और malf (मिजोरम आर्म लेफ्ट फ्रंट)

मिजोरम में एक आतंकवादी संगठन MALF (मिजोरम आर्म लेफ्ट फ्रंट) चलता था. जो यह चाहता था कि, मिजोरम भारत से अलग हो जाएगा और उनकी खुद की सत्ता होगी. इस कारण यह भारत में कई आतंकवादी गतिविधियां चला रहे थे. तब भारत के आईबी ने अजीत डोभाल को मिजोरम के हालातों का जायजा लेने भेजा. तो अजित जी मिजोरम गए और मिजोरम आर्मी लेफ्ट फ्रंट के मुख्य कमांडर लाल डेंगा, जो एक कुख्यात आतंकवादी था उनसे मिले.

यह घटना अजीत जी के साहस और हिम्मत का परिचय देती है. कि केसे वे अकेले सीधे इतने बड़े डाकू से मिले और उनसे बात की. लाल देंगा के निचे सात कमांडर थे. वहां पर अजीत जी ने लालडेंगा के सात में से 6 कमांडरों को अपने विश्वास में ले लिया. जिससे लालडेंगा कमजोर पड़ गया. इसके पश्चात लालडेंगा के पास भारत सरकार के साथ शांति समझौता करने के अलावा कोई चारा नही था.

अजित डोभाल ओपरेशन ब्लैक थंडर और ब्लू स्टार

ऑपरेशन ब्लू स्टार और ऑपरेशन ब्लैक थंडर का नाम तो आपने सुना ही होगा. यह ऑपरेशन इंडियन आर्मी द्वारा चलाया गया था. जब कुछ खालिस्तानी आतंकवादियों ने अमृतसर पर कब्जा कर लिया था. इन आतंकवादियों ने स्वर्ण मंदिर के गुरुद्वारे को भी काफी नुकसान पहुंचाया. इस समय देश में इंदिरा गाँधी की सरकार थी. इस ऑपरेशन में अजित डोभाल एक रिक्शा चालक बनकर अमृतसर में घुसे. वे एक रिक्शा चालक बनकर उस इलाके में इर्द-गिर्द घूमते रहे जायजा करने के लिए. लेकिन आतंकवादियों को इन पर शक हो गया और पकड़ लिया.

तब उन्होंने खुद को पाकिस्तानी ISI आईएसआई एजेंट बताया और मदद देने की अपील की. इन्होंने खालिस्तानी आतंकवादियों को अपने विश्वास में ले लिया. इस तरह अजीत डोभाल 3 दिन तक उन आतंकवादियों के साथ रहे. उनकी सारी जानकारी एकत्रित की और इंडियन आर्मी के ब्लैक कैट कमांडो को पूरा प्लान बता दिया. तब जाकर ऑपरेशन ब्लैक थंडर चलाया गया. इस ऑपरेशन की यह खास बात थी कि, इसमें अमृतसर को आतंकवादियों के कब्जे से छुड़ा दिया तथा इसमें एक भी भारतीय कमांडो शहीद नहीं हुआ. ( ajit doval biography in hindi )

ajit doval pakistan history in hindi | अजित डोभाल इन पाकिस्तान हिस्ट्री

सन 1972 में भारत ने जब अपना पहला परमाणु परीक्षण पोखरण में किया. उसके डर से उसके बाद पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियार बनाने की सोची. उसने चीन से मदद ली. परमाणु हथियार बनाने का काम पाकिस्तान में खान रिसर्च सेंटर में शुरू हुआ. जब यह खबर भारत को मिली तो अजीत डोभाल को भेजा गया था. उस समय देश के प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी थी. अजीत जी डोभाल एक भीखारी बनकर उस रिसर्च सेंटर के सामने बैठ गए. और आने जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर निगरानी करे लगे.

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उन्होंने पता लगा दिया कि, परमाणु हथियार पर काम यहीं पर हो रहा है. यह खबर उन्होंने भारत के प्रधानमंत्रीश्री मोरारजी देसाई को दी. क्योंकि तब तक देश की सत्ता बदल चुकी थी. प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने इस मामले में उनकी किसी भी तरह की मदद नहीं की. पाकिस्तान को पता चल गया कि, भारत के प्रधानमंत्री को यह बात पता है. कि, हम परमाणु बम बना रहे हैं. तो उन्होंने इस कार्य को 15 साल तक स्थगित कर दिया है. इसकी असली वजह अजीत डोभाल ही है.

अजित डोभाल पाकिस्तान हिस्ट्री

अजित डोभाल की कहानी- अजित जी डोभाल ने अपने एक इंटरव्यू में कहां कि, मैं जासूस के तौर पर वेश बदलकर पाकिस्तान में 7 साल तक रहा हूं. इन्होंने इंटरव्यू के दौरान एक घटना का वर्णन करते हुए कहा कि ” मैं जब पाकिस्तान में औलिया की मजार के बाहर खड़ा था. तब एक व्यक्ति ने मुझसे पूछा कि, क्या तुम हिंदू हो. तो मैंने कहा नहीं, उस आदमी ने कहां तुम झूठ बोल रहे हो. तुम हिंदू हो. तो फिर मैंने कहा नहीं. तो वह आदमी मुझे थोड़ी दूर स्थित अपने घर ले गया. और फिर कहा तो तुम हिंदू हो. क्योंकि तुम्हारे कान छिदे हुए हैं. मैं भी एक हिंदू हूं. इन लोगों ने मेरे परिवार को खत्म कर दिया. और मैं यहां वेश बदलकर अपना जीवन निकाल रहा हूं. मैं तुम्हें सतर्क कर रहा हूं. अपने कानों की प्लास्टिक सर्जरी करवा लो. “

कांधार विमान IC-814 हाइजैक

यह घटना सन 1999 में हुई थी. इस घटना में पाकिस्तानी आतंकवादियों ने काठमांडू से उड़े भारतीय विमान IC-814 को हाईजैक कर लिया था. इस विमान में 176 भारतीय यात्री थे. आतंकवादियों ने विमान को हाईजैक कर लाहौर और लाहौर से अफगानिस्तान (काधार) लेकर ले गए. वहां पर सभी यात्रियों को बंधक बना लिया. इस बीच भारत की ओर से अजीत डोभाल ने आतंकवादियों से बात की थी. आतंकियों ने यात्रियों को सुरक्षित छोड़ने के बदले में भारतीय जेलों में बंद पाकिस्तानी आतंकवादियों को सोपने की मांग की थी. उनकी इस मांग को पूरा करते हुए तीन आतंकवादियों को रिहा किया गया था. और बदले में सभी यात्रियों को सुरक्षित वापस लौटा दिया था.

ईराक मिशन 2014

साल 2014 में अजीत डोभाल को भारत का NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) बनाया गया. उसी साल 2014 में ISIS आईएसआईएस के आतंकवादियों ने भारत की 46 नर्सों को इराक में बंदी बना लिया था. इनको छुड़ाने के लिए भारत ने खुफिया मिशन किया. जिसके तहत अजीत डोभाल खुद इराक गए थे. जमीनी हालात को समझने के लिए. उन्होंने ISIS आईएसआईएस के आतंकियों से बातचीत की उन्हें कन्वेंस किया. और सफलतापूर्वक सभी नर्सों को सुरक्षित वापस ले आए.

अन्य मिशन

इसके अलावा ओर भी कई सफल मिशन किए है. जैसे म्यामार में सर्जिकल स्ट्राइक कर कई उग्रवादियों को खत्म किया. साल 2016 में पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक का मास्टर प्लान भी अजित डोभाल ने ही बनाया था. इसके बाद 26 फरवरी 2019 में हुए पुलवामा हमले में CRPF जवानो की शहीदी का बदला पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक किया गया. 27 फरवरी 2019 को, पाकिस्तान में भारतीय वायु सेना के हवाई हमले के बाद भारतीय और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया. बाद में भारत में पाकिस्तान वायु सेना ने जवाबी हमला किया था. बाद में पाकिस्तानी सेना ने हमारे भारतीय पायलट अभिनंदन वर्थमान को पकड़ लिया था. पकड़े गए पायलट को अगले दिन पाकिस्तान ने रिहा कर दिया था.

अवार्ड्स एंड अचीवमेंट्स

अजित जी डोभाल ने अपनी 37 वर्षो की जॉब में केवल 7 वर्ष पुलिस सेवा में रहे थे. पुलिस सेवा में 6 साल में ही पुलिस पदक पाने वाले सबसे युवा पुलिस अधिकारी थे. साल 1988 में इन्हें दूसरा सर्वोच्च वीरता पुरुस्कार कीर्ति चक्र दिया गया था.

इसके अलावा साल 2019 में बतौर NSA इनका कार्यकाल 5 वर्ष और बढ़ा दिया गया है.

FAQ’S

  1. ajit doval को सिक्योरिटी कोनसी मिलती है ?

अजित डोभाल भारत के राष्ट्रिय सुरक्षा सलाहकार है. इन्हें भारत सरकार की ओर से Z+ (जेड प्लस) सेक्योरिटी मिलती है.

2. अजित डोभाल की कास्ट क्या है ? ajit doval ki caste kya hai

ajit doval की जाति गढ़वाल ब्राह्मण है.

3. अजित डोभाल की सैलरी कितनी है ? ajit doval salary

भारत के NSA राष्ट्रिय सुरक्षा सलाहकार होने के नाते. इनकी मासिक सैलरी 162000 INR है.

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