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महात्मा गाँधी जी की जीवनी
महात्मा गांधी जी एक ऐसा व्यक्तित्व थे. जिनसे पूरी दुनिया परिचित है. यहां तक की बच्चे-बच्चे भी उन्हें जानते है. एक क्रांतिकारी, राजनेता, सत्याग्रही, समाज सुधारक, अहिंसा के पुजारी, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का जीवन परिचय प्रस्तुत करते हैं. इस आर्टिकल में क्या है? mahatma gandhi biography in hindi . महात्मा गांधी का जीवन परिचय, जन्म, परिवार, शिक्षा, देश की स्वतंत्रता में योगदान, गांधी जी की हत्या व कारण, महत्वपूर्ण आंदोलन एवं घटनाएं, गांधीजी के विवाद, गांधी जी द्वारा लिखी पुस्तकें, महात्मा गांधी जी के विचार और भी कई जानकारियां सम्मिलित है.
19वीं और 20वीं शताब्दी में ऐसे कई महामानवो ने जन्म लिए हैं. जिन्होंने जीते हुए और मरने के बाद भी दुनिया को अपने उज्ज्वल चरित्र से प्रभावित किया है. ऐसे ही महामानव में से एक थे हमारे बापू महात्मा गांधी. दुनिया के सैकड़ो गुलाम देशो ने महात्मा गाँधी के अहिंसावादी सिदान्तो का अनुसरण कर स्वतंत्रता प्राप्त की है. उन्होंने न केवल स्वतंत्रता संग्राम लड़ा है. बल्कि एक ऐसा दर्शन प्रतिपादित किया जो युगों-युगों तक मार्गदर्शन करेगा.
महात्मा गाँधी जी का जीवन परिचय | जन्म एवं परिवार
पूरा नाम- उपनाम- | मोहनदास करमचन्द गाँधी राष्ट्रपिता, महात्मा, बापू |
जन्म | 2 अक्टूबर 1869 |
जन्म स्थान | पोरबंदर,गुजरात |
परिवार- | पिता- करमचंद गाँधी माता- पुतली बाई पत्नी- कस्तूरबा गाँधी बच्चे- हीरालाल गाँधी, मणिलाल गाँधी, रामदास गाँधी, देवदास गाँधी |
शिक्षा- | अल्फ्रेड हाई स्कूल, राजकोट, यूनिवर्सिटी ऑफ़ लंदन, इंग्लैंड |
पेशा- | बैरिस्टर, क्रांतिकारी, राजनेता, दार्शनिक |
जातीयता- धर्म- | गुजराती हिन्दू |
मृत्यु- मृत्यु का कारण- | 30 जनवरी 1948 मानव हत्या |
समाधि स्थल- | राज घाट, नई दिल्ली |
राजनैतिक पार्टी- | भारतीय कोंग्रेस पार्टी |
इन्हें देशवासी बापू, राष्ट्रपिता कहकर भी संबोधित करते हैं. महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 में गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था. जो पश्चिमी भारत का एक तटीय शहर है. गाँधी जी के बचपन का नाम मोनिया (moniya) था. इनका वास्तविक नाम मोहनदास करमचंद गांधी था. एम.के. गांधी के पिता जी का नाम करमचंद गांधी तथा उनके माता जी का नाम पुतलीबाई था. जो इनके पिताजी की चौथी पत्नी थी. बाकी तीन पत्नियों का प्रसव के दौरान ही देहांत हो गया था.
एम.के. गांधी अपने तीन भाइयों में से सबसे छोटे थे. इनके एक बहन भी थी. इनकी मां एक धार्मिक महिला थी. जिनका गांधीजी पर अत्यधिक प्रभाव पड़ा था. कहा जाता है कि, इनके ऊपर जो साधुत्व का प्रभाव उनके माँ के द्वारा पड़ा था. M. K. गांधी के पिता जी ब्रिटिश शासन के समय एक छोटी सी रियासत पोरबंदर के दीवान (प्रधानमंत्री) थे. उनका परिवार समृद्धि और धनी था. उनके पास पैसों की कोई कमी नहीं थी. फिर भी उनका मकसद देश सेवा व गुलामी की जंजीरों में जकड़े देश को आजाद कराया था.
Gandhi ji का विवाह | गाँधी जी की पत्नी का क्या नाम था ? गाँधी जी के कितने पुत्र थे ?
महात्मा गाँधी जी का विवाह सन 1883 में मात्र 13 वर्ष की आयु में 14 वर्ष की लड़की से हुआ था. इनकी पत्नी का नाम कस्तूर बाई मकनजी था. गाँधी जी ने इनका नाम छोटा करके कस्तूरबा रख दिया. वे इन्हें प्यार से ‘बा’ कहकर बुलाते थे. कस्तूरबा एक अमीर परिवार से थी. वह अनपढ़ थी गाँधी जी ने उन्हें पढना-लिखना सिखाया. गाँधी जी कस्तूरबा को आदर्श पत्नी मानते थे. जब वे 15 वर्ष के थे तब उनकी पहली संतान हुई थी. लेकिन वह ज्यादा दिनों तक जीवित न रह सकी. इसके बाद गाँधी की के चार पुत्र हुए. उन चारो के नाम इस प्रकार है- हीरालाल गाँधी, मणिलाल गाँधी, रामदास एवं देवदास गाँधी.
गांधी जी की शिक्षा
उनकी प्रारंभिक शिक्षा पोरबंदर जन्म स्थान पर हुई उसके बाद हाई स्कूल इन अल्फ्रेड स्कूल राजकोट से की मैट्रिक उत्तीर्ण करने के बाद उच्च शिक्षा के लिए हुए समलदास कॉलेज गए वहां उन्होंने कई समस्याएं का सामना करना पड़ा क्योंकि उनके परिवार वाले इन्हें एक बैरिस्टर बनाना चाहते थे अतः वे बैरिस्टर का अध्ययन करने के लिए सन 1888 में विदेश करें उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन इंग्लैंड से बैरिस्टर की उपाधि प्राप्त की. लंदन में रहते हुए गांधी जी पर विदेशी संस्कृति यानी पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव पड़ा. वे धोती-कुर्ता न पहन कर कोट-सूट पहनने लगे, रात्रि में पब, बार भी जाने लगे.
लेकिन वहां रहते हुए गांधी जी ने अपने मां के लिए संस्कार नहीं भूले. वह शुद्ध शाकाहारी भोजन करते. उन्होंने वहां एक शाकाहारी संगठन की सदस्यता ग्रहण कर ली थी. इन लोगों ने गांधीजी को बौद्ध धर्म सनातन धर्म और श्रीमद्भगवद्गीता पढ़ने में रुचि भी जगाई. लंदन से बैरिस्टर का अध्ययन पूरा करने के बाद वे भारत लौट आए और सर्वप्रथम उन्होंने मुंबई में एक निजी वकील के रूप में काम करना शुरू किया लेकिन इस काम में उन्हें कोई खास सफलता नहीं मिली बाद में उन्हें थोड़े समय के लिए हाई स्कूल में पढ़ाने का अवसर मिला जिसे गांधी जी ने ठुकरा दिया इसके बाद वे राजकोट गए और वहां रहते हुए बैरिस्टर का काम शुरू किया. Mahatma Gandhi Biography IN Hindi
दक्षिण अफ्रीका की यात्रा / रेल यात्रा कांड
मुंबई और फिर राजकोट में कोई काम नहीं मिलने पर गांधीजी एक साल खाली बैठे रहे. बाद में उन्हें अफ्रीका से दादा अब्दुल्ला का कानूनी सलाहकार बनने का प्रस्ताव मिला. उन्होंने उसे स्वीकार कर लिया. 1893 में गांधीजी अफ्रीका चले गए. वहां उनके साथ रेल यात्रा करते समय. एक घटना हुई जो गांधी जी के जीवन में अहम मोड लाई.
गांधीजी के स्किन का कलर काला होने के कारण एक अंग्रेज अधिकारी ने उन्हें फर्स्ट क्लास डिब्बे से निकाल दिया. वहां रहते हुए उन्होंने भारतीयों पर हो रहे अन्याय को देखा. और उस समय उन्होंने अपने जीवन में पहली बार नस्लीय भेदभाव का अनुभव किया. गांधी ने सोचा कि, अब यहा से भारत वापस लौटना कायरता होगी. वे अगले 20 सालों तक अफ्रीका में रहे और भारतीयों के अधिकारों के लिए लड़ते रहे.
दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे
गांधीजी दक्षिण अफ्रीका से भारत सन 1915 में लौटे. बनारस स्टेशन पर उनका जोरदार स्वागत हुआ. सर्वप्रथम उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्यता ग्रहण की और अपने विचार प्रस्तुत किए. इसी दौरान गांधीजी ने कई शहरों और गांवों के दौरे भी किए. और भारतीयों पर हो रहे अंग्रेजों द्वारा अन्याय को परखा.गाँधी जी गोपाल कृष्ण गोखले (कोंग्रेस के नेता) के राजनैतिक विचारो से काफी प्रभावित थे. गोपाल कृष्ण गोखले को गाँधी जी अपना राजनैतिक गुरु मानते थे. सन 1916 में गांधीजी ने साबरमती आश्रम की स्थापना की. जो गुजरात में साबरमती नदी के तट पर स्थित है. गांधी जी ने बनारस विश्वविद्यालय में के मंच पर पहली बार अपना जन्म भाषण दिया था. जो पूरे भारतवर्ष के लिए चर्चा का विषय बना था.
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महात्मा गांधी का योगदान | mahatma gandhi andolan list in hindi
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महात्मा गांधी जी का अहम योगदान था. उन्होंने भारतीयों में अंग्रेजो के खिलाफ जन जागृति फैलाई थी. गांधीजी ने भारत को अंग्रेजों से आजाद कराने के लिए कई सफल आंदोलन किए. जिसमें उन्हें कई भूख हड़ताले और कई बार जेल भी जाना पड़ा था. ऐसा माना जाता था कि, जिस भारत में कभी ब्रिटिश साम्राज्य का सूर्य अस्त नहीं होगा. उस भारत में गांधी जी ने आजादी की धारणा विकसित की. महात्मा गांधी ने भारत में के यह आंदोलन निम्नलिखित है. Mahatma Gandhi Biography IN Hindi
चंपारण आंदोलन, 1917
गांधी जी का भारत में पहला और अहिंसक आंदोलन या सत्याग्रह बिहार के चंपारण में किया था. राजकुमार शुक्ला के आग्रह पर गांधीजी चंपारण आए थे. इस आंदोलन के जरिए तीन कठिया प्रणाली का विरोध किया. इस प्रणाली में किसानों को 1 बटा 3 हिस्से पर नील की खेती करनी होती थी. नील की खेती के बाद वह भूमि बंजर हो जाती थी. इस विरोध में आंदोलन चलाया गया. इसे भारत में गांधीजी का प्रथम सत्याग्रह कहा जाता है. इस सत्याग्रह की जीत के बाद ही गांधी जी को रविंद्र नाथ टैगोर ने ‘महात्मा’ की उपाधि दी थी.
1918 खेड़ा किसान आंदोलन
सन 1918 में भयंकर अकाल पड़ा था. फिर भी अंग्रेज किसानों से अत्यधिक लगाना शुरु कर रहे थे. किसानों की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई थी. अतः किसानों को लगान मुक्त कराने के लिए गांधी जी ने आंदोलन शुरू किया. जिसे खेड़ा (गुजरात) आंदोलन कहा गया. इस आंदोलन के पश्चात सुभाष चंद्र बोस ने गांधी जी को राष्ट्रपिता कहां था.
1918 मिल मजदूरों के साथ भूख हड़ताल
सन 1918 में अहमदाबाद में मिल मालिकों के अत्याचारों से मजदूर परेशान थे. उन्हें कम वेतन में अधिक काम करवाया जाता था. मिल मजदूरों के वेतन बढ़ोतरी करने के लिए गांधीजी ने मजदूरों के साथ भूख हड़ताल की. अंत में मिल मालिकों को मजदूरों की सभी मांगे स्वीकार करनी पड़ी. इन आंदोलनों से गांधी जी ने अब तक भारतीय जनमानस में अपनी लोकप्रियता और पहचान बना ली थी.
खिलाफत आंदोलन 1919
यह आंदोलन मुस्लिमों द्वारा तुर्की के खलीफा को पुनः सत्ता में लाने के लिए किया गया था. गांधीजी ने इसका समर्थन कर आंदोलन का नेतृत्व किया. इसके पीछे का उद्देश्य था कि, गांधीजी भारत की स्वतंत्रता में मुस्लिमों का सहयोग चाहते थे. Mahatma Gandhi Biography IN Hindi
असहयोग आंदोलन 1920
सन 1920 में भारत में रौलट एक्ट पारित किया गया. इस कानून में किसी भी भारतीयों को बिना दलील, बिना अपील और बिना वकील के सीधे जेल में डालने का प्रावधान था. भारतीयों ने इसे काले कानून की संज्ञा दी. रोलेट एक्ट व जलियांवाला बाग हत्याकांड (1919) के विरोध में गांधीजी ने एक व्यापक आंदोलन शुरू किया. जिसमें भारतीयों ने अंग्रेजों के प्रति और सहयोग की नीति अपनाई. अंत में इस आंदोलन ने अंग्रेजों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था. लेकिन इसी बीच उत्तर प्रदेश में चोरी चोरा नामक स्थान पर हिंसक घटना हुई.
चोरी चोरा कांड
5 फरवरी 1922 को क्रांतिकारियों की शांतिपूर्ण रैली में अचानक हिंसा की ज्वाला भड़क उठी. क्रांतिकारियों ने एक पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया. इसमें कई पुलिसकर्मी मारे गए. चौरी चौरा घटना के बाद 11 फरवरी 1922 को गांधी जी ने असहयोग आंदोलन निरस्त कर दिया. क्योंकि गाँधी जी हिंसक आंदोलन के खिलाफ थे.
सविनय अवज्ञा आंदोलन 1930
गांधीजी ने लॉर्ड इरविन के समक्ष 11 सूत्री मांगे प्रस्तुत की. जिसमें पूर्ण स्वाधीनता की मांग भी थी. लेकिन लॉर्ड इरविन ने इसे नजर अंदाज कर खारिज कर दिया. इसके बाद गांधी जी ने 6 अप्रैल 1930 को सविनय अवज्ञा आंदोलन चलाया. इसका मतलब है, विनम्रता के साथ अंग्रेजों की अवहेलना करना. Mahatma Gandhi Biography IN Hindi
नमक सत्याग्रह दांडी मार्च 1930
नमक सत्याग्रह या दांडी मार्च, सविनय अवज्ञा आंदोलन का ही एक भाग है. इसमें गांधी जी ने 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से दांडी यात्रा शुरू की. जिसमें गांधीजी अपने 78 सहयोगियों के साथ 349 किलोमीटर की यात्रा 24 दिन में पूरी की. 6 अप्रैल 1930 को दांडी पहुंचे और नमक चख कर, नमक कानून तोड़ा. इसके बाद 5 मई 1931 को गांधी और लॉर्ड इरविन के बीच समझौता हुआ. जिसके तहत सविनय अवज्ञा आंदोलन समाप्त कर दिया गया.
भारत छोड़ो आंदोलन 1942
यह गांधी जी द्वारा किया गया अंतिम एवं सबसे बड़ा आंदोलन था. इस आंदोलन में पूरे देश ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. जगह-जगह गली मोहल्लों में जुलूस व रैली निकाली गई. भारत छोडो आंदोलन की घोषणा 8 अगस्त 1942 को हुई. इसे अगस्त क्रांति की संज्ञा दी गई. इसी आंदोलन के चलते गांधीजी ने ‘करो या मरो’ का नारा लगाया था. भारत छोड़ो आंदोलन का एकमात्र उद्देश्य था कि, भारत को तत्काल आजाद कराना. अंग्रेजों द्वारा ऑपरेशन जीरो लाइन चलाकर गांधी जी को गिरफ्तार कर दिया. जेल में रहते हुए गांधी जी को मलेरिया हो गया था. इस कारण बाद रिहा कर दिया गया. करीब 1 वर्ष पश्चात अंग्रेजों ने इस आंदोलन को दबा दिया.
आजादी और भारत का बंटवारा
क्रांतिकारियों के अभूतपूर्व प्रयासों से आखिरकार देश को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली. देश में चारों ओर खुशहाली का माहौल था. इसी बीच भारत और पाकिस्तान के बंटवारे पर निर्णय लिया गया. मुस्लिम लीग के नेता मोहम्मद अली जिन्ना पाकिस्तान को अलग मुस्लिम देश बनाना चाहते थे. लेकिन गांधीजी नहीं चाहते थे कि, देश का बंटवारा हो लेकिन परिस्थितियां विपरीत थी. इस कारण देश का बंटवारा होना ही था. Mahatma Gandhi Biography IN Hindi
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महात्मा गांधी की हत्या व कारण | mahatma gandhi death in hindi
30 जनवरी 1948 को गांधी जी नई दिल्ली स्थित बिड़ला भवन में टहल रहे थे. तभी नाथूराम गोडसे ने शाम 5 बजे 17 मिनट पर गांधी जी को गोली मारकर हत्या कर ली. नाथूराम गोडसे ने गांधी जी के छाती पर तीन गोलियां दागी. मरते वक्त गांधी जी की अंतिम शब्द थे ‘हे! राम’. महात्मा गांधी जी के समाधि स्थल को राजघाट के नाम से जाना जाता है जोकि दिल्ली में स्थित है.
नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या क्यों की ?
गांधी जी की हत्या का कारण यह था कि, नाथूराम गोडसे एक कट्टर हिंदूवादी नेता थे. उसने भारत-पाकिस्तान बंटवारे को लेकर गांधी जी को जिम्मेदार ठहराया. इस कारण नाथूराम गोडसे और उसके सहयोगी नारायण आप्टे ने हत्या की. बाद में 15 नवंबर 1949 को नाथूराम गोडसे और सहयोगी नारायण आप्टे को फांसी की सजा दी गई.
विवाद और आलोचनाए | mahatma gandhi controversy in hindi
जुलु विद्रोह में गाँधी जी ने अंग्रजो का दिया था. प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्व युद्ध में अंग्रेजो का साथ देना. खिलाफत जैसे साम्प्रदायिक आंदोलन का समर्थन करना. गाँधी-इरविन समजौते करना. चोरी-चोरा कांड के बाद असहयोग आंदोलन को पीछे लेना. आजादी के बाद पाकिस्तान को 55 करोड़ रूपये देने की जिद पर अनशन करना. इन सभी घटनाओ के बाद गाँधी जी को कई आलोचनाओ का सामना करना पड़ा. इसके अलावा उनके भीमराव अम्बेडकर और सुभाषचंद्र बोस के साथ भी विवाद रहा था.
महात्मा गाँधी की पुस्तकों के नाम ( mahatma gandhi books name in hindi)
gandhi जी क्रांतिकारी होने के साथ ही एक अच्छे विचारक और लेखक भी थे. गाँधी जी द्वारा लिखित पुस्तके निम्नलिखित है-
यंग इण्डिया
हरिजन
नवजीवन
हिन्दू स्वराज
दक्षिण अफ्रीका के सत्याग्रह का इतिहास
सत्य के साथ मेरे प्रयोग (माय एक्सपेरिमेंट्स विथ ट्रुथ) (आत्मकथा)
गीता माता
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
महात्मा गाँधी के आध्यात्मिक गुरु कौन थे ?
रामचंद्र जी के आध्यात्मिक विचारो ने गाँधी जी को काफी प्रभवित किया था. महात्मा गाँधी के आध्यात्मिक गुरु श्री रामचंद्र जी थे. जबकि गाँधी जी के राजनैतिक गुरु गोपाल कृष्ण गोखले थे.
महात्मा गाँधी के दो हथियार कौन कौन थे?
उनका मानना था कि, जो लड़ाई हथियारों के बल से नही जीती जा सकती. उसे सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए जीती जा सकती है. गाँधी जी के वे दो हथियार ‘सत्य और अहिंसा’ है.
यह आर्टिकल (mahatma gandhi biography in hindi) कैसी लगी. कोमेंट बॉक्स में अपनी प्रतिक्रिया जरुर दे. साथ ही आप की हिस्टोरिकल व्यक्ति के बारे में जानना चाहते है. हमें बताए. हम उस पर भी अच्छा आर्टिकल लिखने की कोशिश करेंगे.
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