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मूर्ख दिवस कब मनाया जाता है (murkh diwas kab manaya jata hai)
मूर्ख दिवस कब मनाया जाता है (murkh diwas kab manaya jata hai) – भले ही 1 अप्रैल को कोई छुट्टी न हो लेकिन 1 अप्रैल यानि मूर्ख दिवस(april fools day) का आनंद अलग ही होता हैं. 1 अप्रैल का इतिहास में एसा क्या छुपा हुआ हैं की लगभग सभी देशो में इसको मनाया जाता हैं. कुछ देशो में तो रास्ट्रीय अखबारों में इसके आर्टिकल छपते हैं. तो चलिए आज आपको मुर्ख दिवस या अप्रैल फूल्स(april fools day) से परिचत करवाते हैं. मूर्ख दिवस कब मनाया जाता है (murkh diwas kab manaya jata hai) और मूर्ख दिवस क्यों मनाया जाता हैं? चलिए हम आपको इन फनी सवालों के उतर से परिचित करवाते हैं.
सबसे पहले इतिहास के ऐसे बहुत से कारण हैं जिनकी वजह से 1 अप्रैल को महत्वपूरण मन जाता हैं. तो सबसे पहले 1 अप्रैल का इतिहास जान लेते हैं.
1 अप्रैल का इतिहास
अप्रैल फूल्स डे, जिसे कभी-कभी ऑल फूल्स डे भी कहा जाता है, साल के सबसे हल्के(cool day) दिनों में से एक है। कुछ इसे ऋतुओं के मोड़ से संबंधित उत्सव के रूप में देखते हैं, जबकि कुछ का मनना हैं की यह एक नए कैलेंडर को अपनाने से उपजा है।
नए साल के रूप में 1 अप्रैल
प्राचीन संस्कृतियां जैसे हिन्दू और पाश्चात्य रोमन संस्कृति में 1 अप्रैल के आस पास साल का नया दिन मनाया गया था. लेकिन निश्चित तौर से वह दिन एक अप्रैल नहीं था. बल्कि कोई 20 मार्च या 21 मार्च के आस पास या कुछ देशो में 25 मार्च को नया साल मनाया गया था. 1582 से पहले जुलियन कैलेंडर चलता था, लेकिन पॉप ग्रेगरी ने जुलियन के स्थान पर अपने नाम से ग्रेगरियन कैलेंडर चलवाया. तब से नया साल एक जनवरी को मनाया जाता हैं लेकिन कुछ लोगो ने इस नये कैलेंडर को मानने से इंकार कर दिया और एक अप्रैल को ही नया साल मनाते रहे. तब दुसरे लोग जो एक जनवरी को नया साल मनाते हैं, वे लोग एक अप्रैल को नया साल मनाने वालो को मुर्ख कहने लगे और तब से मुर्ख दिवस(MOORKH DIVAS KYON MANAYA JATA HAIN) मनाया जाता आ रहा हैं. लेकिन इस तथ्य को भी सत प्रतिशत सच नही कहा जा सकता.
एक अप्रैल को फूल्स डे क्यों मनाया जाता हैं
एक प्रोफ़ेसर जिनका नाम हैं – जोसेफ बोस्किन. जोसेफ बोस्किन ने मूर्ख दिवस के बारे में एक और व्याख्या दी हैं. ये बात रोमन देश की थी. कॉन्स्टेंटाइन नाम के शासक का राज चल रहा था. एक बार कॉन्स्टेंटाइन के दर बार में अदालत लगी. तभी एक मूर्खो के समूह ने कहा, की हम आपसे बेहतर राज्य चला सकते हैं. कॉन्स्टेंटाइन ने एक दिन के लिए कुगेल नाम के मूर्ख को राजा बनाया. तब से मूर्ख दिवस मनाने के रिवाज बन गया.
वसंत सीजन का चलना
अभी तक जो भी घटनाएँ हुई हैं, वो सभी अप्रैल महीने के आस पास की हैं. या तो कुछ हफ्ते ऊपर या कुछ हफ्ते नीचे. हिन्दू संस्कृति में होली का त्यौहार आता हैं. वहीँ यहूदी कैलेंडर में पूरीम नामक दिन आता हैं. सर्दियों की जाती सीजन के बाद वसंत के अंत तक नयी साल या विभिन्न धार्मिक पर्व एक अप्रैल का प्रकाश स्तम्भ हैं.
अप्रैल फूल्स दिवस (APRIL FOOLS DAY CELEBRATION IN HINDI) कैसे मनाते हैं
अप्रैल फूल दिवस पूरे पश्चिमी दुनिया में मनाया जाता है। कोई देश दोपहर तक इसको मानते हैं. युक्रेन जैसे देश पूरे दिन के लिए छुट्टी रखते हैं. हालाँकि छुट्टी सभी देशो में नहीं रखी जाता हैं. लेकिन फिर भी लगभग पूरे विश्व में इसको मनाया जाता हैं. अप्रैल फूल बनाने के लिए कोई किसी को के साथ चीट करके मूर्ख बनाना या शरारत करना, लोगो के साथ प्रैंक करना. अपने झूठ पर किसी को यकींन दिलाना. इस तरह से किसी को अप्रैल फूल बनाया जाता हैं.
अप्रैल फूल जोक्स
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बहुत आसानी और आराम से किसी को भी अप्रैल फूल बनाया जा सकता हैं ? क्यों ?
क्योंकि बहुत सारे लोग उस वक्त मार्च में ही जी रहे होते हैं.
एक बार एक किसी लड़के ने अपनी गर्लफ्रेंड के साथ मजाक करने के लिए दुसरे के नाम से मेसेज किया और बोला की आसिफ(bf) का एक्सीडेंट हो गया हैं. ये सुनकर वह लड़की बहुत दुखी हो जाती हैं. और उस लड़के से हॉस्पिटल का एड्रेस पूछती हैं. वह लड़का उसको एड्रेस दे देता हैं. फिर वह लड़की अपने bf से बात करने को कहती हैं, लेकिन वह होश में नहीं हैं ऐसा कहकर बात को संभाल लेता हैं. फिर वह लड़का पूछता हैं, तुम उसके लिए इतना चिंतित हो रही हो. अरे! वह मेरा दोस्त हैं. फिर वह लड़की हॉस्पिटल आने को कहती हैं. फिर वह लड़का सब कुछ सच बता देता हैं.
लड़की को चैन की सांस आती हैं. तुम भी ना आसिफ मेरी तो जान ही निकाल दी. अच्छा सुनो! मुझे तुम्हे कुछ बताना था. वो एक्चुअली मेरी सगाई हो गई हैं. मेरे कजन भाई के साथ.
अरे जाओ! मैंने तुमको अप्रैल फूल बनाया और तुम मुझसे बदला ले रही हो. तुम सिर्फ मुझसे प्यार करती हो. नहीं सच में…जाओ तुम झूठ बोल रही हों. अच्छा रुको एक मिनट मैं तुमको मेरी सगाई की पिक भेजती हूँ. आसिफ पिक्चर को देखकर बोलता हैं. अरे ये तो वाकई में तुम हो. तूने क्या कर दिया ये. वो मेरे चाचा जी ने मेरी माँ के सामने प्रस्ताव रखा और मेरी माँ उनको मना नहीं कर पाई. पर तुमने मना नहीं किया. वह लड़की कहती हैं… तुम तो जानते ही हो न मेरे घर में मेरी कोई नहीं सुनता हैं. अच्छा अब हमे भी अपने रिश्ते को यहीं खत्म कर देना चाहिए. वह लड़का बोलता हैं… यह तुमने बहुत गलत किया. अच्छा तुमको तुम्हारी सादी की शुभकामनायें. चलो बाय.
लिशन लिशन…… मैंने तुमको मुझसे भी बड़ा अप्रैल फूल बनाया. कैसा लगा मेरा तरीका. लड़का बोलता हैं तुमने तो मुझे डरा ही दिया. लेकिन वह पिक्चर जो तुमने भेजी. अरे वो सब फोटोशोप किया हुआ हैं. आसिफ उस लड़की से पूछता हैं क्या तुम मुझसे निकाह करोंगी……क्यों?
मतलब तुम मुझसे प्यार नहीं करती हो…..अरे ये लो मैंने तुमको एक बार और अप्रैल फूल बनाया. अच्छा अब मैं रखती हूँ.
बगिया में खिल रहा हैं गुलाब का फूल,
कीचड़ में तैर रहा हैं कमल का फूल,
चमन में महक रहा हैं लिली का फूल,
ये मेसेज पढ़ रहा हैं अप्रैल फूल
इस पोस्ट में हमने जाना की मूर्ख दिवस कब मनाया जाता है और मूर्ख दिवस क्यों मनाया जाता है.