हिमाचल प्रदेश के फोक डांस, जानिए – रोचक तथ्य सहित

इस पोस्ट में हम बात करने वाले हिमाचल प्रदेश के फोक डांस(himachal pradesh folk dances in hindi) के बारे में. यह पोस्ट आपके जनरल नोलेज को बढ़ाने में तो मदद करेगा, इसके साथ साथ ही कंपटीशन एग्जाम्स के लिए भी महत्वपूर्ण विषय साबित होगा. किसी भी कंपटीशन एग्जाम्स में फोक डांस(himachal pradesh folk dance hindi) से संबंधित प्रश्न पूछा ही जाता है.
इससे पहले थोड़ा हिमाचल प्रदेश के बारे में जान लेते हैं.यह राज्य भारत के उत्तर पश्चिम में स्थित है. इसकी राजधानी शिमला है. 25 जनवरी 1971 को 18 वे राज्य के तौर पर इसका गठन किया गया था. इसमें कुल 12 जिले हैं. जिनके नाम काँगड़ा जिला, मंडी जिला, उना जिला, हमीरपुर जिला, बिलासपुर जिला, चंबा जिला, लाहौल और स्पीती जिला, सिरमौर जिला,किन्नौर जिला, सोलन जिला, कुल्लू जिला शिमला है. इन्हीं के आधार पर हम लोक नृत्य को समझेंगे.

हिमाचल प्रदेश के फोक डांस(लोक नृत्य – himachal pradesh ke folk dance)

वैसे फोक डांस या लोक नृत्य होते क्या है? सामान्य जन द्वारा आनंद व उमंग से भर कर सामूहिक रूप से किए जाने वाले नृत्य ही फोक डांस कहलाते हैं. यह लोगों के जीवन का अभिन्न अंग होते हैं. इनमें जनजीवन की परंपरा उसके संस्कार तथा लोगों का आध्यात्मिक विश्वास होता है. इन्हीं में वहां की संस्कृति छुपी होती है. चलिए जानते हिमाचल प्रदेश के कुछ ऐसे ही प्रसिद्ध फोक डांस के बारे में.

शिमला जिले के फोक डांस (shimla ke folk dance)

हिमाचल के शिमला में ‘नाटी’ एक प्रमुख लोक नृत्य है. इसे शिमला में ‘घी’ या ‘माला’ के नाम से भी जाना जाता है. इस नृत्य को करने से पहले बीच में अलाव (आग) लगाई जाती है. और उसके चारों और सभी एक दूसरे का हाथ पकड़कर, पैर आगे पीछे करते हुए गीतों की लय के अनुसार अन्य अंगों को खिलाते हुए नाचते हैं. इसमें स्त्री पुरुष के बच्चे सभी भाग ले सकते हैं. अलग-अलग क्षेत्रों और अभिनय के हिसाब से इसी कई प्रकारों में बांटा गया है. बाहड़ नाटी, बूसेहरी नाटी, लाहौल, बकैती, खरेत, ढीली नाटी,फटी नाटी आदि. यह सभी नाटी के ही प्रकार है. इसके अलावा शिमला जिले के प्रमुख लोक नृत्य बुरा और सिय,टोडा,छुहारा तुरिन आदि प्रमुख है.

सिरमौर जिले के फोक डांस(sirmore jile ke folk dance)

बुड़ाह नृत्य, सिरमौर जिले का प्रमुख लोक नृत्य है. मुख्य तौर पर इसे दिवाली या अन्य उत्सवों में किया जाता है. यह एक पुरुष प्रधान नृत्य है. इसमें 10-15 पुरुष सामूहिक रूप से नृत्य करते हैं. चार पांच पुरुष हुड़की वाद्य यंत्र बजाते हैं. जबकि शेष पुरुष हाथों में डांगरा लिए गीत गाते हुए नाचते हैं. इन गीतों में वीर गाथाओं का उल्लेख मिलता है. सिरमौर जिले के अन्य प्रमुख लोक नृत्य बीडसु, गीह, नाटी, रासा, झूरी है.

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कुल्लू जिले के लोक नृत्य (kullu jile ke folk dance)

कड़थी नृत्य-यह एक नाटी का ही प्रकार है. इसका प्रचलन कुल्लू में अधिक है. इसमें महिलाएं और पुरुष दोनों भाग ले सकते हैं.यह चांदनी रात पूर्णिमा के दिन किया जाता है. इसमें सबसे पहले फसल के देवता की पूजा की जाती है.उसके बाद स्त्रियां सामूहिक रुप से गीत गाते हुए लड़ते स्थान पर आती है. पीछे-पीछे पुरुष इनका अनुसरण करते हैं. कुल्लू जिले के अन्य प्रमुख लोक नृत्य दीली, रूझका, तलवार, हरण, सांगला, पेखा,लालड़ी है.

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चंबा जिले के लोक नृत्य(chamba jile ke lok nrithyu)

डांगी और डेपक नृत्य चंबा जिले के प्रमुख फोक डांस है. यह नृत्य केवल गद्दी महिलाओं (विशेष जाति) द्वारा किया जाता है. डांगी नृत्य का गद्दी महिलाएं मेलो या जातरू में सामूहिक रूप से प्रदर्शन करती है. डेपक नृत्य गद्दी महिलाओं द्वारा तब किया जाता है. जब वह अपने पालतू पशुओं भेड़ बकरियों को लेकर कांगड़ा जिले की तरफ चली जाती है.
फूलयात्रा नृत्य, यह भी चंबा जिले का एक प्रमुख लोक नृत्य है.इसे पांगी का फूल यात्रा नृत्य भी कहा जाता है.इस नृत्य को पांगी महिलाएं (विशेष जाति) पहले हिमपात होने से पूर्व करती है. यह नृत्य सामूहिक रूप से गोलाकार आकृति बनाकर किया जाता है. चंबा जिले के अन्य प्रमुख लोक नृत्य घूरेई, झांजर, चुराही,पंगवाल,घोड़ाई आदि है.

किन्नौर जिले के लोक नृत्य (kinnor jile ke lok nrithyu)

मुख्यतः किन्नरों की भूमि होने के कारण किन्नौर जिले को नृत्य का घर भी कहा जाता है.


क्यांग नृत्य (kyang dance in hindi)

यह हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले का प्रमुख फोक डांस है.यह नृत्य महिलाओं और पुरुषों द्वारा गोलाकार आकृति बनाकर किया जाता है.और बीच में वाद्य यंत्र बजाने वाले बाज को बैठे रहते हैं. वाद्य यंत्र की लय के अनुसार महिलाएं और पुरुष अपने पैर आगे पीछे रखकर गीत गाते हुए नृत्य करते हैं.


बयांगचछु (banyangchu dance in hindi)

, यह किन्नौर जिले का प्रमुख नृत्य है. एवं मुख्य दो पुरुषों द्वारा किया जाता है.इसमें महिलाएं गीत गाती है. जबकि पुरुष वाद्य यंत्र बजाने वालों के चारों और स्वतंत्र रूप से कदम चलाते हुए नाचते हैं.

आंध्र राज्य के कुछ प्रमुख लोक नृत्यु


बाक्यांग (bakyang dance in hindi)

यह क्यांग नृत्य का ही दूसरा रूप है. मुख्यत यह स्त्रियों द्वारा किया जाता है. इसमें मृतक एक दूसरे के सामने पंक्तियां बनाते हैं. और लयात्मक रूप से आगे पीछे हटते हुए नाचते हैं.


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राक्षस/दानव नृत्य (danva nrithyu in hindi)

यह किन्नौर जिले का ऐतिहासिक नृत्य है. इसमें पुरुष और महिलाएं एक दूसरे का हाथ पकड़ कर नृत्य करते हैं. नृत्य करते समय चेहरे पर राक्षस मुखोटे पहने जाते हैं. जिन्हें ‘वाग’ कहां जाता है.यह नृत्य सामूहिक रूप से किया जाता है.इसके नेता को घूरेकहा जाता है.इस नृत्य में देवताओं द्वारा फसलों की सुरक्षा और दानवों पर विजय करते हुए दर्शाया जाता है. किन्नौर जिले के अन्य प्रमुख फोक डांस- छाम्ब, बयांगचछु, जातरू क्यांग, जाप्रो आदि है.

लाहौल स्पीति के लोक नृत्य(lahaul spithi Ke folk dance)

शांद, शाबू, लंगदरमा, कमर नृत्य, छम नृत्य आदि लाहौर जिले के प्रमुख फोक डांस है.

इस पोस्ट – हिमाचल प्रदेश के फोक डांस (himachal folk dance) में हमने हिमाचल प्रदेश के मुख्य जिलो और उनके फोक डांस के बारे में जानकारी को आपके साथ साथ शेयर किया. अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो आप हमारी दूसरी पोस्ट्स को भी पढ़ सकते हैं. शेयर बटन पर क्लिक करके इस पोस्ट को आप शेयर भी कर सकते हैं. दूसरी पोस्ट्स को पढने के लिए यहाँ क्लिक करें.

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