सबसे बड़ा मुर्ख कौन हैं – अकबर बीरबल की मजेदार कहानी

सबसे बड़ा मुर्ख कौन हैं – कहानी अकबर बीरबल की

अकबर बीरबल की हिंदी कहानियां’ में आप पढने वाले हैं – सबसे बड़ा मुर्ख कौन हैं?

एक दिन मुग़ल बादशाह अकबर अपने कक्ष में अकेले बैठे हुए कुछ विचार कर रहे थे. तभी उनके दिमाग में ख्याल आया. सेवक से कहकर बीरबल को बुलाया. बीरबल को आदेश होते ही वहां पर हाजिर हो गए. अकबर अक्सर अजब- सवाल पूछते थे और अजीब उतर जानने की इच्छा रखते थे. लेकिन अबकी बार जो अकबर सुनना और जानना चाहता थे, बहुत ही अजीब था.
अकबर ने बीरबल से कहा – बीरबल.. बादशाह होने के नाते में हमेशा समझदार लोगो से ही मिलता हूँ. हमेशा मैं समझदार और बुद्धिमान लोगो से गिरा रहता हूँ. और मैंने बेवकूफ देखा ही नहीं…. एक भी नहीं. लेकिन अभी मैं बेवकूफों के बारे में जानने के लिए काफी उत्साहित हूँ. मैं जानना चाहता हूँ की सबसे बड़ा मुर्ख कौन हैं? इसलिए मैं तुम्हें जिम्मेदारी सौपता हूँ तुम हमारी सल्तनत के पांच सबसे बड़े मूर्ख ढुंढकर लाओ…. जैसा आप कहे जहापनाह. मैं ऐसा ही करूँगा.
बादशाह ने पांच मूर्खो को ढूंढने के लिए एक महिना का समय दिया. इस पर बीरबल ने कहा – ये तो बहुत ज्यादा समय हो गया जहापनाह. मैं आपके लिए यह कम बहुत जल्दी खत्म कर दूंगा जहापनाह. इतना कहकर बीरबल निकल गये. जब बीरबल गाँव की सैर कर रहे थे तो उनको अजीब अजीब लोग देखने को मिले.
बीरबल एक घोड़े से जा रहे थे. उनको एक आदमी दिखाई दिया जो अपने सर पर एक भारी लकडियो का गट्टर लिए एक घोड़े के साथ जा रहा था. बीरबल ने उनसे पुछा भाई तुम इतना भारी गट्टर अपने सर पर क्यों लेकर जा रहा हैं. और इस घोड़े को खाली क्यों ढो रहे हो. हुजुर मेरा घोडा बहुत बुढा हो गया हैं. अगर इस पर लकडियो का गट्टर रख दिया, तो गिर जाएगा, और फ़िर किसी काम का नही रहेगा. बीरबल ने कहा वाह भाई… पहला बेवकूफ तो मिल गया. चलो मैं तुम्हें बादशाह अकबर से मिलाता हूँ. और तुमको मजबूत घोड़ा भी दूंगा. फिर तुम्हें कभी अपने सर पर वजन नही उठाना पड़ेगा. आप तो बहुत दयावान हैं हुजुर..मैं आपका शुक्रिया अदा कैसे करू….. मेरे पास शब्द नही हैं.


दोनों आगे बढ़े. कुछ दुरी पर उनको एक आदमी जमींन पर लेटे हुए और हाथ आकाश की और फैलाये हुए मिला. बीरबल ने कहा इसे क्या हुआ ये एसे क्यू लेटा है. उस बूढ़े घोड़े वाले ने कहा मुझे लगता हैं इसको कहीं चोट लगी हैं. चलो चलकर देखते हैं. क्या पता मैं उसकी कुछ मदद कर पाऊ. बीरबल उसके पास गये, और पुछा? क्या तुम ठीक हो भाई! क्या तुम्हें मदद की जरुरत हैं? चलो मैं तुम्हें खड़ा होने मैं मदद करता हूँ.


नहीं! नही! कृपया मेरे हाथो को छूना मत. क्यों भाई! तेरे हाथों में ज्यादा दर्द हो रहा हैं?
नही नही! असल में मेरी बीबी ने मुझसे इतना बड़ा घड़ा लेन के लिए कहा. अगर मैंने अपना हाथ हिलाया तो मैं घड़े का आकर भूल जाऊंगा. और मेरी बीवी बहुत गुस्सा होगी. और अगर मैं गलत आकर का धड़ा ले गया तो पूरी जिंदगी इसके लिए परेशान करेगी.
बीरबल ने जोर से आह भरी! कितना बड़ा मुर्ख हैं. बीरबल ने इसे भी साथ लेने का फैसला कर लिया.
बीरबल ने उसे कहा – अगर मैं तुमको हर आकर का घड़ा दू तो क्या तुम मेरे साथ चलोगे. वो आदमी भी मान गया. और बीरबल का शुक्रिया किया. वो तीनो निकल पड़े.


बीरबल जैसे ही घोड़े पर चड़ने वाला था कि एक आदमी आया और बीरबल से टकरा गया.
आदमी इतना भागकर आया की बिरबल को गुस्सा आ गया और उस पर चिल्लाने लगे. क्या तुम अंधे हो या तुम्हारा दिमाग ख़राब हो गया.
मुझे माफ़ कर दीजिये हुजुर. मैंने अभी अभी मस्जिद में शाम-की-हजाम पढ़ी हैं. मैं देख रहा था की मेरी आवाज कहा तक पहुँचती हैं. इसके लिए मैं आवाज के पीछे पीछे भाग रहा था. इतने आप बीच में आ गये. वो मौलवी बोलता रहा और बीरबल उसकी मुर्खता देखता रहा और आहे भरता रहा… वाह बादशाह क्या सल्तनत हैं आपकी. चलो इस आवाज़ को भूल जाओ. तुम मेरे साथ चलो. मैं तुम्हें बहुत सारा सोना दूंगा. बीरबल उन सभी को अपने साथ अपने घर ले गया और उन सभी को वहा रुकने को कहा.


बीरबल को अभी और बेवकूफ ढूंढने थे.
जैसे ही बीरबल थोड़ी दुरी पर निकला दो लोगो को लड़ते हुए देखा. बीरबल ये देखने गया की उनको क्या परेशानी हैं. अरे! भाइयो तुम दोनों लड़ क्यों रहे हों?
अरे इसने मुझे धमकी दी है…ये अपने शेरो को मेरे भैंसों पर छोड़ देगा.
लेकिन यहाँ न तो मुझे शेर दिख रहे ना ही भैस – ऐसा बीरबल ने कहा.


आपको दिखेंगे हुजूर! अगर ऊपर वाले ने हमारी एक एक इच्छा पूरी कर दी तो. मैं एक शेर मागुंगा और ये एक भैंस.
दुसरे आदमी ने कहा – क्या आपने सुना हुजुर. अब आप ही देख लीजिये. दोनों फिर से झगड़ने लग गए. किसी तरह बीरबल उन दोनों को अपने साथ ले गया.


पाचों को एक साथ जहापनाह के सामने पेश किया.
अकबर ने कहाँ बीरबल तुमने तो बहुत जल्दी इस काम को खत्म कर लिया. तुम तो बड़े हो तेज हो.
जहापनाह ये कोई मुश्किल काम नही था. किसी बेवकूफ को ढूढना किसी समझदार को ढुढने से आसन काम हैं.
फिर बीरबल ने पूरे दरबार में उन पांचो की घटनाओ का विस्तार से वर्णन किया.
क्या आपको पता हैं हुजुर! पांच सबसे बड़े मुर्ख आपके दरबार मे ही बैठे हैं.
वो आप और मैं हैं. ये तुम क्या कह रहे हो बीरबल. अपनी जबान को लगाम दो. ये काम अपने आप में बड़ी बेवकूफी थी. जिस तरह से आपने मुझे बेवकूफों को ढुढने का काम दिया. और मैं भी, जिसने इस हुक्म का पालन किया.
इस बात पर सभी हंस पड़े. तो आपको भी पता चल गया होगा की सबसे बड़ा मुर्ख कौन हैं? कमेंट बॉक्स में अपने विचार जरूर लिखे.

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इस अकबर बीरबल के किस्से(akbar birbal kahaniya) सबसे बड़ा मुर्ख कौन हैं? से हमने क्या सिखा – हमको विरासत में जो बुद्धि मिली हैं उसको सही विचार करने के लिए उपयोग में लाये. जिस काम का कोई औचित्य नहीं हैं. उसको मन में न आने दे.

तो ये थी एक अकबर बीरबल की हिंदी कहानियां‘ की रोचक और मजेदार कहानी. इसके जैसी कहानियों को नीचे दी गयी लिंक से पढ़ सकते हैं.

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