Waste Management in Hindi – कचरा प्रबंधन क्या है, Solid, Plastic Waste

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Waste management in hindi – वेस्ट मैनेजमेंट इन हिंदी

अपशिष्ट प्रबंधन या वेस्ट मैनेजमेंट एक ऐसी प्रक्रिया हैं जिसके जरिए पर्यावरण में मौजूद कचरे का निपटान किया जाता हैं.

अपशिष्ट प्रबंधन या वेस्ट मैनेजमेंट(waste management in hindi) एक प्रोसेस हैं जिसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण को स्वच्छ और इकोसिस्टम को संतुलित बनाना होता हैं.

इस पूरे आर्टिकल में मैं आपको वेस्ट मैनेजमेंट के बारें सम्पूर्ण जानकारी दूंगा जो एक विधार्थी के साथ साथ एक जिम्मेदार नागरिक को भी ज्ञात होने चाहिए. क्योंकि पर्यावरण पर सभी का बराबर हक़ हैं उसको स्वच्छ बनाने की जिम्मेदारी भी सभी की होती हैं.

अपशिष्ट प्रबंधन क्या हैं(what is waste management)?

जो चीज हमारे काम की नहीं होती हैं उसको कचरा कहते हैं. पर्यावरण में मानवीय गतिविधियों के कारण कचरा या अपशिष्ट उत्पन्न होता हैं, यह कचरा मानव और पर्यावरण के लिए ठीक नहीं होता हैं. इसलिए इस कचरे को पुनःचक्रित या उचित जगह पर निदान किया जाता हैं. कचरे के निदान की इसी प्रक्रिया अपशिष्ट प्रबंधन कहते हैं.

इसमें कोई शक नहीं हैं कि कचरा हमारे लिए और पर्यावरण के लिए घातक हैं. बढती आबादी और उत्पादन से लगातार कचरे में बढ़ोतरी हो रही हैं. इसलिए सही समय अपर इनका निदान आवश्यक हैं. 

अपशिष्ट प्रबंधन के तरीकों के बारें में जानने से पहले हमको यह जान लेना चाहिए कि हमारे पर्यावरण में किस तरह का अपशिष्ट मौजूद रहता हैं. 

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पर्यावरण में मौजूद अपशिष्ट: types of waste material

प्रतिवर्ष दुनिया भर में 2.12 बिलियन टन कचरे का उत्पादन होता हैं. इस कचरे का एक सबसे बड़ा कारण यह है कि मनुष्य छह महीने के भीतर अपने द्वारा खरीदी गई हर चीज का लगभग 99% कचरा कर देता है.

पूरे संसार में शहरो और नगरों की बनावट अलग अलग हैं. बनावट के हिसाब से अलग अलग शहरों और क्षेत्रो में अलग कचरा उत्पन्न होता हैं. वेस्ट मटेरियल के हिसाब से ही निपटान के लिए आगे के कदम उठाये जाते हैं.

पृथ्वी पर मौजूद अपशिष्ट को पांच प्रकार में विभाजित किया जा सकता हैं.

  1. तरल अपशिष्ट: what is liquid waste?

तरल अपशिष्ट या लिक्विड वेस्ट में गंदा पानी, धोने का पानी, जैविक या कार्बनिक तरल पदार्थ, डिटर्जेंट का पानी और कभी-कभी वर्षा का पानी भी लिक्विड या तरल अपशिष्ट का कारण बन सकता हैं.

तरल अपशिष्ट घरों से, फेक्टरियों से निकलता हैं.

  • ठोस कचरा: what is solid waste?

ठोस कचरे में उन वस्तुओं को शामिल किया जाता हैं, घरों या लोकल एरिया में इधर उधर पड़ा मिल सकता हैं. सॉलिड कचरे या ठोस अपशिष्ट को सही से समझने के लिए इनको पांच उप श्रेणियों में बाँट सकते हैं.

प्लास्टिक कचरा(plastic waste hindi) – प्लास्टिक से बने बैग, कंटेनर, जार, बोतल को प्लास्टिक ठोस अपशिष्ट कहा जाता हैं.

कागज / कार्ड अपशिष्ट(पेपर सॉलिड वेस्ट) – इसमें समाचार पत्र, पैकेजिंग सामग्री, कार्डबोर्ड, रद्दी आदि शामिल हैं.

टिन और धातु(tin and matel solid waste) – घरों में मौजूद टूटे हुए मेटल के उपकरण. 

सिरेमिक और ग्लास – टूटे हुए सिरेमिक कप और प्लेट, कांच की बोतलें आदि.

  • जैविक अपशिष्ट: what is organic waste?

कार्बनिक कचरा हर घर में पाया जाता हैं, भोजन के बचे हुए या छीले हुए अपशिष्ट, गार्डन का कचरा जैविक अपशिष्ट में गिना जाता हैं.

  • रिसाइकिल करने योग्य कचरा: Recycleble waste

जिस कचरे को पुन रीसायकल कर किसी उपयोगी वास्तु में बदल दिया जाता हैं तो इस तरह के कचरे को Recycleble waste कहते हैं.

लकड़ी, फर्नीचर का बचा हुआ सामान, सॉफ्ट प्लास्टिक को Recycleble waste में काउंट किया जा सकता हैं. 

  • खतरनाक अपशिष्ट

खतरनाक अपशिष्ट किसी भी ऐसे अपशिष्ट को संदर्भित करता है जो विषाक्त, ज्वलनशील, संक्षारक या प्रतिक्रियाशील या रेडियोएक्टिव होता है। ऐसा कचरा मानव और पर्यावरण दोनों के लिए हानिकारक होता हैं. खतरनाक कचरे के उदाहरणों में जहरीले रसायन और इलेक्ट्रॉनिक कचरा शामिल हैं. फ़ोन की बैटरिया, इन्वर्टर की बैटरियां, स्मार्ट फ़ोन इ-गार्बेज के अंतर्गत आते हैं. गैस भी खतरनाक अपशिष्ट का ही उदाहरण हैं.

अपशिष्ट का निपटान: waste management

ऊपर मैंने आपसे कहा था कि अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग तरह का अपशिष्ट उत्पादित होता हैं. इसलिए अपशिष्ट प्रबंधन के लिए विकसित (developed) और विकासशील देशों (developing nation) में, गाव (rural area) और शहर (urban) में और आवासीय (residential) और औद्योगिक (industrial), क्षेत्रों के लिए अलग अलग होता है.

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कचरे को जमीन में दबा देना: Fresh Landfill

हमारे चारों और जो भी कचरा मौजूद हैं, उसमे से अधिकतर कचरा ऐसा हैं, जो गैर पुनर्नवीनीकरण हैं. अगर इस कचरे का निपटान नहीं किया जाए तो पृथ्वी पर इनकी मात्रा बढ़ जाएगी. ऐसे में इस कचरे को सुरक्षित रूप से निपटाने के लिए लैंडफिल एक बेस्ट तरीका हैं.

लैंडफिल एक वेस्ट मैनेजमेंट का ऐसा तरीका हैं जिसमे कचरे को दफनाया जाता हैं. यहाँ इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि कचरे को खेत, जल स्रोत, आवासीय क्षेत्र से दूर दफनाया जाना चाहिए.

लैंडफिल के लिए गैर-छिद्रपूर्ण मिट्टी और भूजल के निम्न स्तर वाले क्षेत्र का चयन करना चाहिए. चयनित जगह पर गहरा गड्ढा खोदने में बाद एक आधार का निर्माण किया जाता हैं, ताकि कचरे और पानी का संयोंग नहीं हो सके. आधार जहरीले रसायनों को नीचे के जल क्षेत्र में पहुंचने से रोकता है. इसके बाद कचरे को फैला कर ऊपर मिटटी की परत फैला दी जाती हैं. यह कचरा सड़ने में तीस साल तक का समय लग सकता हैं. इसलिए ऐसे स्थानों पर किसी तरह का निर्माण नहीं होता हैं. यह जगह केवल पार्क के लिए रिज़र्व की जाती हैं.

पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग: Recycle & Reuse

कचरे का पुन उपयोग करना और पुन चक्रित करना अपशिष्ट के प्रबंधन का सबसे अच्छा विकल्प हैं. यह बहुत अच्छी बात हैं कि हम कचरे का वापस उपयोग करके पर्यावरण को सुरक्षित करने में कुछ सहयोंग कर सकते हैं, लेकिन एक दुःख की बात यह हैं कि पृथ्वी पर मौजूद कचरे का मात्र 16 प्रतिशत रीसायकल किया जा सकता हैं.

हमारे चारों और बिखरे पड़े अधिकतर कचरे का रीसायकल किया जा सकता हैं, जिसमे प्लास्टिक सबसे महत्वपूर्ण हैं. प्लास्टिक के अलावा पेपर, प्लास्टिक बोतल को मोल्डिंग द्वारा जरुरत की चीजों में बदला जा सकता हैं.

प्लास्टिक को फेक्टरियों में स्क्रैप द्वारा दानों में बदला जाता हैं, जहाँ से इसको मोल्डिंग के लिए भेजा का सकता हैं. मोल्डिंग से नया उत्पाद तैयार किया जाता हैं.   

वर्मी कम्पोस्टिंग: vermicomposting

वर्मीकम्पोस्टिंग भी एक प्रकार का अपशिष्ट निपटान है. जिसमें कचरे को विघटित करने में मदद करने के लिए एक विशिष्ट प्रकार के कीड़े का उपयोग किया जाता है.  

हमारे चारों और मौजूद जैविक कचरे को खाद में बदला जा सकता हैं. वर्मी कम्पोस्टिंग का एक सबसे बड़ा लाभ यह है कि वातावरण से कचरा भी कम हो जाता हैं और मिटटी का पोषण भी हो जाता हैं.  

भस्मीकरण द्वारा निपटान : Incineration

जब बात अत्यंत जहरीले और खतरनाक कचरे की आती हैं तो भस्मीकरण एक प्रभावी तरीका हो सकता हैं. भस्मीकरण में कचरे को रख में बदल दिया जाता हैं. भस्मीकरण द्वारा  हॉस्पिटल के अपशिष्ट को निपटाया जाता हैं. भस्मीकरण कचरे को 95 प्रतिशत तक कम करता है.

भस्मीकरण प्रक्रिया थोड़ी महँगी प्रक्रिया हैं, इसके लिए अत्यंत उच्च तापमान की आवश्यकता होती हैं. लेकिन अपशिष्ट निपटान के बाद बचने वाली राख या भस्म का उपयोग भी एक उप उत्पाद के रूप में किया जा सकता हैं.

कचरे को उच्च तापमान पर भस्म में बदला जाता हैं, इस राख का उपयोग हाइड्रोपोनिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है.

जल निकायों में निपटान : in water bodies

कुछ अपशिष्ट इतने खतरनाक होते हैं कि उन्हें मानव जगत से बहुत दूर निपटाने की आवश्यकता होती हैं. उदाहरण के लिए, रेडियोधर्मी कचरे का निपटान साधारण तरीके से नहीं किया जा सकता हैं. इसलिए इस कचरे को बहुत दूर जल निकायों में या समुद्र में डंप किया जाता हैं.

जल स्रोतों में अपशिष्ट को गहराई में ले जाकर छोड़ दिया जाता हैं. यहाँ पर इनकी पैकिंग बहुत टाइट की जाती हैं, जहां से रिसाव के चांस बहुत कम होते हैं.

 Plastic waste management in hindi : प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन

प्लास्टिक कचरा प्रबंधन क्या है – प्लास्टिक कचरा प्रबंधन सर्कुलर इकोनॉमी और अन्य पर्यावरण के अनुकूल निपटान समाधान को अपनाकर पर्यावरण में प्लास्टिक कचरे की मात्रा को नियंत्रित करने की एक पहल है. प्लास्टिक कचरा प्रबंधन का उद्देश्य प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध लगाना है. प्लास्टिक के कचरे को पुन रीसायकल करवाना और इधर उधर व्यापत कचरे को कम करना हैं.

प्लास्टिक कचरा प्रबंधन एक अत्यधिक जटिल वैश्विक मुद्दा है और इसे हल करने के लिए देशों और समुदायों के बीच सहयोग की आवश्यकता है. आज तक, प्लास्टिक कचरे को नियंत्रित करने और प्लास्टिक प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए दुनिया भर में कई पहलों की घोषणा की जा चुकी है. प्लास्टिक अपशिष्ट के निपटान के लिए 3R रूल्स की पालना करनी चाहिए.

उचित अपशिष्ट निपटान क्यों आवश्यक है?

हमारे द्वारा प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले कचरे को ठीक से प्रबंधित करना एक चुनौती की तरह लग सकता है, लेकिन यह आवश्यक हैं. लेकिन महत्वपूर्ण यह हैं की हमारे पास कचरे के निपटान के लिए सबसे एक्यूरेट तरीका कौनसा हैं. कई बार ऐसे मुद्दे सामने आते हैं, जहाँ कचरे के रिसने से जल प्रदूषित हो जाता हैं, जो आगे जाकर लाखो लोगों के लिए खतरा बन जाता हैं. इसलिए कचरे का सही निपटान आवश्यक हैं.

अपशिष्ट निपटान किनकी जिम्मेदारी हैं?

जब कभी पर्यावरण सम्बंधित मुद्दा आता हैं तो लोग सोचते हैं कि यह सरकार या किसी संघठन की जिम्मेदारी हैं, लेकिन ऐसा नही हैं, पर्यावरण का हर इंसान उपयोग करता हैं, इसलिए इसकी साफ सफाई की जिम्मेदारी भी हम सब पर हैं.

सबसे पहले जितना हो सके कम कचरा फैलाइए, और दूसरा जितना हो सके, कचरे का सही तरीके से निपटान करें.

आपने क्या सीखा ”waste management in hindi”

अपशिष्ट प्रबंधन क्या हैं, और इससे निपटने के कुछ तरीकों के बारें में हमने जाना. हमारी दूसरी पोस्ट्स को पढने के लिए यहाँ क्लिक करें -:

2 मृदा प्रदूषण – (Land & Soil Pollution In Hindi)

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