चुड़ैल का बच्चा – सुमन चुड़ैल का बच्चा

चुड़ैल का बच्चा – भुतिया चुड़ैल की कहानी

भुतिया कहानियाँ में आप पढ़ने जा रहे हैं – चुड़ैल का बच्चा

गौतम, उसकी पत्नी सुमन और उनका दो साल का बच्चा जीवा हंसी ख़ुशी रह रहे थे. सब कुछ ठीक चल रहा था. गौतम हर रविवार के दिन पूरा परिवार को घुमाने कहीं बाहर ले जाता था. रस्ते में एक जंगल पड़ता था. जंगल इतना घना नहीं था, लेकिन फिर भी लूटमार का डर रहता था.
उसी जंगल में एक डाकुओ की टोली रहती थी. डाकुओ के सरदार का मकसद यह रहता था की किसी की जान नहीं लेना लेकिन उनके पास जो कुछ भी हैं उसमे से एक तिनका भी नहीं छोड़ना. सरदार केवल धन दौलत का लालची था.
सरदार सरदार ….! पिछले कुछ सप्ताहों से देख रहे हैं की एक गाड़ी लेकर पूरा परिवार हर रविवार को इस जंगल से गुजरता हैं. आप बोलो तो उसको रुकाए क्या?
हम उनको रुकायेंगे नहीं. कुछ चालबाजी करते हैं. ऐसा करो सड़क पर 5 लीटर तेल फैला दो. और दूर से उन पर ध्यान रखना.
फिर जब अगले रविवार को जब गौतम और उसकी बीबी बच्चा सभी घर लौट रहे थे तभी तेल की वजह से गौतम बाइक को संभाल नहीं सका, उसने अपना नियंत्रण खो दिया और सभी गिर गए. गौतम ने उस वक्त हेल्मट नहीं लगायी थी, सर पर गहरी चोट आने से उसकी वहीँ मौत हो गयी. सुमन और उसका बच्चा किसी तरह से खड़े हुए. सुमन ने होश संभाला और गौतम के पास पहुंची, लेकिन वो तो मर चूका था. गौतम…गौतम…गौतम …उठो …..
सरदार लगता हैं, पंछी जाल में फंस गया. चलो! चलते हैं. सरदार और साथी डाकू उस स्थान पर पहुंचे जहाँ पर तेल गिराया था.


उन्होंने गौतम की तलाशी की, लेकिन गौतम की जेब से केवल 500 रुपये मिले. डाकू बोले! ऐसे तो हमको तेल भी भारी पड़ गया. अब क्या करे? एक काम करते हैं इस बच्चे को छीन लेते हैं और शहर में बेच देंगे. क्या बोलते हो? जी सरदार! इतना कहते ही डाकुओ ने सुमन से बच्चे को छीन लिया. और सभी भाग गए. सुमन चिल्लाती रही. गौतम उठो…! हमारा बच्चा. सुमन को पता चल गया और उसने मान लिया की अभी गौतम और उसका बच्चा वापस नहीं आने वाला. सुमन ने वहीँ घाटी से कूदकर जान दे दी…


4 साल बाद…
एक हँसते खेलते एक जोड़ा. विनय और उसकी 8 महीनों की गर्भवती पत्नी पलवी दोनों कार से जा रहे थे. अचानक पलवी को पैन शुरू हो गया. और वो दर्द से कराह रही थी.
तभी विनय ने कार की स्पीड बढ़ा दी. और जंगल के रस्ते निकल पड़ा. जंगल में प्रवेश करने से पहले विनय ने बड़ा बोर्ड देखा, जिसके ऊपर साफ साफ लिखा था- रात के समय इस जंगल में प्रवेश नहीं करें. लेकिन विनय ने इस बात को नज़रंदाज़ किया और उसी रफ़्तार से चलता रहा. थोड़ी ही दूर फट करके कार का टायर फट गया. गूगल लोकेशन से पता करके विनय ने पता लगाया की हॉस्पिटल कुछ ही दुरी पर ही हैं.
पलवी ने कहा की आपको ध्यान रखना चाहिए था वहां पर लिखा था की रात को यहाँ से नही आना पर आपने… मुझे बहुत दर्द हो रहा हैं… प्लीज कुछ कीजिये… विनय ने पलवी को बाहर निकाला उसको ध्यान से पकड़ा और दोनों पैदल चलने लगे. कुछ ही कदमो कि दुरी पर उनको अजीब अजीब आवाजें आने लगी. लेकिन दोनों खुद को सांत्वना देकर आगे बढे. सामने अचानक धुआं बढ़ गया. और धुंधन्ली धुन्धंली परछाई दिखायी दी. विनय ने मदद के लिए पुकारा. क्या आप मुझे बता सकते हैं की यहाँ पर कोई रिक्शा वगैरह कहाँ मिलते हैं. मेरी बीबी को पैन शुरू हो गया हैं, वो प्रेगनेंट हैं. धुंधली परछाई एक दम साफ हो गयी और एक औरत दिखायी दी जिसके चेहरा बालों से ढका हुआ था. विनय समझ गया की कुछ न कुछ जोल जरूर हैं. वो चुप चाप निकलने लगा. इतने में सुमन बोल पड़ी….ह्ह्ह्ह कहाँ जा रहे हो….? मुझे मेरा बच्चा चाहिए…मेरा बच्चा… यही से उसे लेकर भाग गए. मेरा बच्चा …..ह्ह्ह्हह!
देखिये मेरी बीबी प्रेगनेंट हैं… प्लीज हमे जाने दीजिये.
कैसे जाने दू तुम्हे… मुझे मेरा बच्चा चाहिये नही तो मैं तुम्हारे बच्चे को ले जाउंगी. इतना कहते ही उसने अपनी भूतिया शक्ति से पलवी की कोख़ को झाड़ दिया. और बच्चा निकाल दिया. बच्चा लेकर झटपट सुमन भाग गयी. विनय और पलवी दोनों रोने लगे और हॉस्पिटल पहुंचे. पलवी को भरती करवाया और पूरी रात अपनी गलती को कोसता रहा. विनय को अपना बच्चा वापिस चाहिए था. एक तो उससे पलवी का दुःख देखा नही जाता दूसरा उसने बोर्ड देखने के बाद भी जंगल से गाड़ी निकालीं.
सुबह होते ही दोनों गाँव में गए और वहां के लोगो को पूरी घटना सुनाई. गाँव वालो ने कोई हमदर्दी नहीं जताई, अरे भाई ये यहाँ का रोज का मामला हैं, भला मनाओ की तुम दोनों की जान बच गयी. चुड़ैल किसी को जिन्दा नहीं छोडती.
भाई साहब आपको जितने पैसे चाहिए ले लो. पर भगवान के लिए हमारी मदद किजिये. विनय और गाँव वालो की बात छुपके से सरदार का डाकू सुन रहा था. पैसो की बात सुनते ही उसके मन में लालच आ गया. और जल्दी से जाकर पूरी घटना सरदार को सुनाई. सरदार को समझ आ गया अब क्या करना हैं. सरदार ने डाकुओ को इक्कठा किया और बोला तुम दोनों जाओ उस शहरी बाबु के घर…उसको बोलो की बच्चा दिला देंगे. और तुम तीनो जाओ उस बच्चे को ढून्ढकर लाओ जिसको हमने बेचा था.
विनय ने उस डाकू को बच्चे के बदले पूरी सम्पति देने को कहा. डाकू खुस हो गया. डाकू ने सुमन के बच्चे को पलवी के हाथ में पकड़ा दिया. और उनके साथ साथ चलने लगा. सभी उसी जगह पर पहुँच गए जहाँ से सुमन ने पलवी से बच्चा छिना. सरदार ने उस सात साल के बच्चे को संभलाकर पेड़ के पीछे छूप गया. अब सुमन का बच्चा बोला माँ! माँ! मैं आ गया हूँ तुम कहाँ हों. इतने में धुआं छा गया और स्स्स्स की आवाजें आने लगी. धीरे-धीरे करके सुमन सामने आई.
पलवी हाथ जोड़कर बोली देखो मैं तुम्हारे बच्चे को लेकर आयी. अब तुम मेरे बच्चे को लौटा दो. सुमन दूर से ही भयानक आवाज में रोने लगी मेरा बच्चा! मेरा बच्चा! सुमन ने पलवी के बच्चे को लौटा दिया. अब पलवी अपने बच्चे को चूमने लगी, प्यार करने लगी. ये देखकर सुमन का मन और भर आया. और वो विलाप करने लगी. क्योंकि अब वो अपने बच्चे का पालन पोषण नहीं कर सकती थी. अब सुमन बहुत छटपटाने लगी. ह्ह्ह ह्ह्ह्हह ह्ह्ह्हह. क्यों किया मेरे साथ ऐसा…. मेरे पति को मार डाला. मेरे बच्चे को छीन लिया. क्या बिगाड़ा था हमे किसी का. पूरा परिवार उजाड़ दिया. ह्ह्ह्ह ह्ह्ह.


इतने गुस्से में सुमन की सारी भुतिया शक्ति खुल गयी. सुमन ने पेड़ के पीछे छुपे उस सरदार को भांप लिया. सुमन एक एक को बुरी तरह से अपनी शक्ति से मार डाला. इतना खोफनाक दृश्य देखकर सुमन का बच्चा पलवी से लिपल गया. पलवी अब शांत हो चुकी थी. वो बस खड़े खड़े अपने बच्चे को देख रही थी. पलवी और विनय भी बहुत भावुक हो गए. पलवी ने कहा तुम चिंता मत करो. तुम्हारे बेटे का आज से मैं ख्याल रखूंगी. तुम अब किसी को नुकसान मत पहुँचाना. और अगर तुम्हारा उद्देश्य पूरा हो गया हो तो तुम इस संसार से हमेशा के लिए मुक्त हो जाओ.
इतना कहने के बाद सुमन धीरे धीरे ओझल हो जाती हैं. सभी उसको बाय बाय करते हैं…..जय श्री राम

इस भुतिया डरावनी कहानी(horror stories in hindi) “चुड़ैल का बच्चा” से क्या सीखा – परलोक जाने से पहले संसार के सभी तरह के मोह बंधन छोड़ कर जाये. नही तो आत्मा को शांति नहीं मिलेगी.

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