गूगल कैसे बना, how google invented, google kaise bana, google ka avishkar kaise hua hindi.
अगर देखा जाये तो हम किसी न किसी तरह से इन्टरनेट से जुड़े हुए हैं और इन्टरनेट गूगल के बिना अधुरा हैं. लेकिन एक आश्चर्य की बात हैं कि इन्टरनेट का अविष्कार पहली बार 1983 में हुआ था, लेकिन गूगल का अविष्कार(गूगल कैसे बना) 1998 में हुआ तो आपके दिमाग में सवाल आया तो पहले लोग इन्टरनेट पर क्या देखते थे या किस तरह से इन्टरनेट का उपयोग करते थे?
खैर हम यहाँ जानेंगे कि गूगल कैसे बना(google kaise bana) और किस तरह से आज पूरे वर्ल्ड का प्रत्येक देश गूगल से जुड़ा हुआ हैं.
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गूगल कैसे बना (google kaise bana)
गूगल एक सर्च इंजन हैं. जहाँ पर सर्च बार में लिखे गए “क्वेरी या कीवर्ड” को सबमिट करने पर हमारे सामने कई पेज को रख दिया जाता हैं, हम उन पेज से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
लेकिन यह सब कैसे बना किस तरह से आविष्कर्ता के दिमाग में यह आईडिया आया होगा? किन परिस्थितियों में इस इंजन का इनोवेशन किया होगा?
Google को किसने बनाया?
गूगल को दो वैज्ञानिक दोस्त लार्री पेज और सर्गेई ब्रिन ने मिलकर बनाया. पहली बार जब गूगल का अविष्कार हुआ तो गूगल का नाम “गूगोल” रखा गया था. इसके पीछे भी एक लॉजिक था.
लेर्री पेज और सर्गेई ब्रिन दोनों दोस्त पहली बार 1995 में मिले. दोनों दोस्तों की उम्र उस समय 22-23 साल की थी.
1995 में लेरी पेज और सर्गेई ब्रिन दोनों स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन कर रहे थे.
दोनों मित्रों ने BackRub नामक एक सर्च इंजन पर प्रोग्राम लिखना शुरू किया.
BackRub क्या हैं?
1996 में गूगल को BackRub कहा जाता था. BackRub गूगल का पुराना नाम हैं. लेकिन ट्रेडमार्क रजिस्टर के समय इस नाम को बदल कर गूगल(Google) कर दिया.
BackRub नाम रखने के पीछे एक लॉजिक यह था कि उनके द्वारा लिखा गया प्रोग्राम backlinks का विशलेषण करेगा.
उस वक्त लेर्री पेज और सर्गेई ब्रिन ने इंजन को बनाने के लिए एक एसी तकनीक का प्रयोग किया जिसे पेज रैंक कहा जाता था.
1996 में सर्च इंजन कैसे काम करता था?
1996 में सर्च इंजन इस लॉजिक के साथ काम करता था कि कोई वर्ड्स उस पेज पर कितनी बार दिखाई देता हैं. जब कोई विशेष वर्ड या कीवर्ड जितनी अधिक बार दिखाई देता, तो वह पेज उतना ही पहले रैंक करता.
समय के साथ पेज और ब्रिन को कुछ फीडबैक मिला, उन्होंने गूगल को डेवलेप करने पर काम किया. उस समय उनके पास ज्यादा बजट नहीं था. इसलिए इसको एक “शोस्ट्रिंग प्रोजेक्ट” कहा जा सकता हैं.
शोस्ट्रिंग प्रोजेक्ट क्या होता हैं?
वह प्रोजेक्ट जिसको पूरा करने के लिए आव्श्यक संसाधन की कमी हो, ऐसे प्रोजेक्ट को शोस्ट्रिंग प्रोजेक्ट कहा जाता हैं. इसमें “डिजिटल उपकरण” या “इन्वेस्टमेंट” की कमी हो सकती हैं.
पेज और ब्रिन ने सस्ते उपकरण खरीदें, और अपने उधर पर लिए गए पर्सनल कंप्यूटर से ही एक सर्वर नेटवर्क बना डाला.
बाद में जब उनको एक हार्ड डिस्क की जरुरत पड़ी तो उन्होंने आने क्रेडिट की मैक्सिमम डिस्काउंट पर एक टेराबाईट डिस्क खरीदी.
Google first investor
शुरुआत में उनको लाइसेंस नहीं मिला. तब पेज और ब्रिन ने इसको पब्लिक अनाउंस करने की कोशिश की. ताकि उनको कोई इन्वेस्टर मिल सके.
Sun Microsystem के को-फाउंडर Andy Bechtolsheim गूगल के पहले इन्वेस्टर थे, जिन्होंने गूगल को 100000 dollars का चेक लिखा.
Andy Bechtolsheim ने जब पेज और ब्रिन को चेक सौपा तब तक क़ानूनी रूप से गूगल अस्तित्व में नहीं आया था.
लेकिन Andy Bechtolsheim के इन्वेस्ट के बाद दुसरे इन्वेस्टर्स ने भी इच्छा जताई. इसके बाद धड़-धड़ 9 लाख डोलर और आ गए. फाइनली 4 सितम्बर 1998 को गूगल को रजिस्टर कर दिया गया.
इन्वेस्ट से जो भी फण्ड मिला उनसे एक ऑफिस खोला गया.
Google Inc. ने अपना पहला ऑफिस मेनलो पार्क, कैलिफोर्निया में खोला.
सबसे पहले गूगल ने google.com (beta formet) लांच किया. शुरुआत में गूगल 10000 सर्च रिजल्ट्स पर डे देता था.
21 सितम्बर 1999 को गूगल ने अपने ऑफिसियल साईट से बीटा को हटा दिया.
बीटा क्या होता हैं?
किसी टूल या एप्लीकेशन को टेस्टिंग मोड में रखा जाता हैं तो उस पर एक बीटा का लेबल लगा दिया जाता हैं.
2001 में गूगल ने खुद का पेटेंट करवा लिया, जिसमे लेर्री पेज को फाउंडर के रूप में नोटिस किया गया.
पेटेंट क्या होता हैं?
पेटेंट एक अधिकार होता हैं, जो सरकार उस फ़र्म को देती हैं जो नया अविष्कार करती हैं. पेटेंट किसी अन्य को उत्पाद बनाने या उसको सेल करने से रोकता हैं.
इसके बाद गूगल ने एक के बाद एक नए नए प्रोडक्ट पेश किये जिसमें – जी-मेल, गूगल डॉक्स, गूगल ड्राइव, क्रोम वेब ब्राउज़र, youtube और ब्लॉगर.com को टेकओवर किया.
अभी लेटेस्ट गूगल ने नेक्सस(स्मार्ट फ़ोन), एंड्राइड(ऑपरेटिंग सिस्टम), पिक्सेल(मोबाइल कंप्यूटर हार्डवेयर) के अलावा गूगल हार्डवेयर, google-fi(brodband), क्रोम-बुक, stadia(गेमिंग) इनमे इन्वेस्ट किया हैं.
गूगल की कमाई कैसे होती हैं?
गूगल की कमाई ad-रेवेन्यु से होती हैं.
2015 में गूगल कंपनी को अल्फाबेट नाम से पुनगर्ठन किया और सुन्दर पिचाई को न्य ceo बनाया गया.
आज के समय में गूगल विश्व की दस सबसे बड़ी कंपनी में शामिल हैं.
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इस पोस्ट में हमने जाना कि गूगल कैसे बना(google kaise bana) और किस तरह से हमारे बीच में लोकप्रिय हुआ. हमने कुछ अतिरिक्त शब्दों के अर्थ को साथ में जोड़ा हैं, ताकि आपको समझने में आसानी रहे.