लापता भाई- mystery story in Hindi part 2

लापता भाई- mystery story in hindi part 2

लापता भाई- mystery story in Hindi part 2


आप पढने वाले हैं – लापता भाई part 2
डेविड के लापता होने के बाद बहुत समय तक बॉब परिवार उनका इंतज़ार करता रहा लेकिन समय सब कुछ संतुलित कर देता हैं. समय काफी बित चूका हैं. रोनाल्ड एक टीचर बन चूका हैं, और सैकड़ो बच्चो का भविष्य बनाता हैं. अमिला की भी सादी हो चुकी थी. अब सब कुछ संतुलित रूप से वापस चलने लगा. रोबर्ट बॉब अब बुढा हो चूका हैं. रोबर्ट का पूरा दिन उसके ग्रैंड सन के साथ और उन बच्चों के साथ गुजरता हैं, जिनको रोबर्ट अपने ज़माने की कहानियां सुनाता हैं.
रोनाल्ड एक स्पोर्ट्स कोच हैं, जो बच्चो को खेल खेलाने के साथ साथ उनके लिए कभी-कभी कॉम्पीटीशन भी करवाता था. इसके लिए वह कभी कभी बच्चो को लेकर कही दूर टूर पर जाया करता था.
सब कुछ अच्छा चल रहा था, लेकिन किसको पता था की आइस-बम्पिंग टूर कॉम्पीटीशन एक एसा मोड़ लायेगा, जिसको बॉब परिवार जिंदगी भर भुला नहीं सकेगा. ऐसा क्या हुआ था? क्या आप जानने को उत्सुक हैं. तो बने रहिये लापता भाई part 2 के साथ.

रोनाल्ड Little Kickers Academy में चैम्पियन रह चूका हैं. अबकी बार होने वाले टूर्नामेंट में रोनाल्ड को पूरी टीम का जिम्मा सौपा गया. रोनाल्ड को 21 बच्चो की टीम के साथ नार्थ अलास्का के इसे हिल स्टेशन पर जाना था. एक सप्ताह के होने वाले टूर्नामेंट में विनर टीम को नेशनल लेवल पर खेलने का मौका दिया जायेगा, साथ ही कोच को प्री प्रिपेशन का लीडर चुना जायेगा. इसलिए रोनाल्ड को किसी भी हालत में अपनी टीम को जिताना था.
आख़िरकार वो घड़ी आ ही गई जिसका सभी को बेसब्री से इंतजार था. रोनाल्ड ने अपनी 21 वारिओर टीम को तैयार किया, और हिल स्टेशन के लिए निकल पड़ा.

सात दिनों में पांच कॉम्पिटीशन होने वाले थे. पांच में शुरू के तीनो मेच सीरीज में होने थे. फिर सेमी फाइनल, फाइनल होने थे.
शुरू के तीन दिन काफी अच्छे से बीते रोनाल्ड की टीम का प्रदर्शन जबरदस्त था. कोई भी टीम रोनाल्ड वारियोर्स का मुकाबला नहीं कर पाई. रोनाल्ड को अपनी टीम पर गर्व हो रहा था, एक छोटे से कस्बे की टीम आज पूरे अलास्का को मात दे रही हैं.
आज सेमी फाइनल का दिन हैं और आज की जीत रोनाल्ड के भविष्य को, एक कदम और नजदीक लेकर जाएगी. वैसे रोनाल्ड को कोई फर्क नहीं पड़ता था, मेरी टीम जीते या फिर किसी और की.
ओए देखते ही देखते रोनाल्ड की टीम ने सेमी फाइनल भी जीत लिया.
अब अगले दिन फाइनल होने वाला था, रोनाल्ड को ख़ुशी थी, की उसकी टीम जीत जाएगी. इसके लिए वह दिल से शुक्रिया करने के लिए रात को आइस स्टेशन पर गया. रोनाल्ड अपनी टीम के बच्चो को बताकर वहां से निकल गया. कुछ समय बाद जब रोनाल्ड वापस नहीं आया तो, बच्चो ने सीनियर टीम लीडर्स से बात की, हमारे कोच आइस-बम्पिंग स्टेशन पर गए है. काफी समय हो गया हैं लेकिन अभी तक आये नहीं हैं. हमें सर की चिंता हो रही हैं.
अकादमी के लीडर्स ने वहां जाकर देखा तो वहां पर रोनाल्ड नही थे. उन्होंने इधर उधर काफी ढूंढा, लेकिन नहीं मिले. जैसे तैसे रात बीती, सुबह होते पुलिस को इन्फॉर्म किया. पुलिस पूरी रेस्क्यू टीम के साथ वहां पर आई थी.

पुलिस ने सभी से पूछताछ की, हो न हो विनर टीम से कोई भी दुश्मनी मोल ले सकता हैं. पुलिस ने सभी टीचर्स की पोलीग्राफ परीक्षा ली. सभी टीचर्स ने पॉलीग्राफ परीक्षा को पास की.
रेस्क्यू टीम ने रोनाल्ड के पैरो को निशाना बनाया. टेंट से बाहर निकलते पैरो को पकड़ कर उसका पिछा किया. लगभग 2 किमी की दुरी पर रोनाल्ड का जैकेट एकदम परफेक्ट तरीके से समेट कर रखा हुआ मिला. और वहीँ पर रोनाल्ड के बैठने के निशान थे. फिर रोनाल्ड वहां से उठकर किस तरफ गया ये पता नही चल पा रहा था.
रोनाल्ड एक तिरछी ऊंचाई पर बैठा था, अगर वहां से कोई गिरता हैं तो, लुढकते हुए 300 मीटर निचे जा सकता हैं. लेकिन जान को खतरा वाली बात नहीं हो सकती. और रोनाल्ड तो एक स्पोर्ट्स मन था, उसके लिए ये खाई मायने नहीं रखती.
रेस्क्यू टीम नीचे खाई में गयी, वहां पर एक और हैरान कर देने वाला सुराख़ मिला, 300 मीटर नीचे रोनाल्ड के जुते पड़े थे. और वहां से वापस ऊपर आने के पैरो कस निशान थे. रेस्क्यू टीम ने पैरो के निशानों को फॉलो करते हुए वापस ऊपर आये.
मौषम कुछ ख़राब होने लगा और बर्फ गिरने लगी, कुछ ही देर में सारे पैरो के निशान गायब हो गए. और रोनाल्ड के मिलने के चांस भी कम हो गए.
अकादमी ने बॉब परिवार को सूचित किया. कुछ घंटो में बॉब परिवार वहां पर हाजिर हुआ. बॉब परिवार को सालो पहले हुई घटना वापस याद आ गई.
लेकिन रोबर्ट को उम्मीद थी की रोनाल्ड वापस लौट आएगा.
लेकिन रोबर्ट और बॉब फॅमिली की यह उम्मींद भी टूटने वाली थी. रोनाल्ड के लौटने की उम्मींदे की कड़िया धीरे धीरे करके टूटी.
आखिर क्या वजह रही होगी कि जंगल से डेविड और आइस हिल से रोनाल्ड वापस लौट कर नहीं आये. ये कैसा संयोग हैं, एक ही घर से दो भाई लापता हो गए.
बॉब परिवार के पास केवल एक ही विकल्प हैं, कि जिस तरह दोनों चले गए, उसी तरह वापस भी लौट आये.
क्या भरोसा…. और उम्मीद …वो कहते न कि

उम्मीद की कश्ती को डुबोया नहीं करते
साहिल अगर दूर हो तो रोया नहीं करते
जो रखते हैं दिल में होंसला
जिंदगी में कुछ खोया नहीं करते.

इस जिंदगी हमारे पास जो कुछ भी हैं, सब कुछ मिलता हैं, जो मिलता हैं, वो छिन भी सकता हैं. मतलब यहाँ हमारा कुछ भी नहीं हैं. जब हमारा कुछ हैं ही नहीं, तो हम किसके लिए वियोग करते हैं.

अगर आपको यह मिस्ट्री लापता भाई- mystery story अच्छी लगी हो तो आप हमारी दूसरी कहानियां भी पढ़ सकते हैं.

इस मिस्ट्री का पार्ट एक यहाँ से पढ़ सकते हैं.

part 1

KHOONI SANYOG

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