Light Pollution In Hindi – प्रकाश प्रदूषण कारण, प्रभाव और उपाय
Light Pollution In Hindi
प्रकाश प्रदूषण(Light Pollution) के इतने नकारात्मक प्रभाव हैं कि आप इसकी केवल कल्पना कर सकते हैं. प्रकाश प्रदूषण अर्थात lighting से मोटापा, मधुमेह, स्तन कैंसर न जाने कितनी बीमारियाँ होने की सम्भावना हो सकती हैं. हमारें चारों और पैदा होने वाले प्रकाश से हमारा दिमाग का मेलाटोनिन प्रभावित होता हैं, जो हमारी नींद को बिगाड़ता हैं.
कुछ वर्षों पहले, गाँव हो या शहर कहीं पर भी आप रात के समय में बाहर घूम सकते थे और रात के आकाश में आकाशगंगा के मेहराब को देख सकते थे. तारों को निहारना और उनके बारे में बातें करना हमारा रोजाना का हिस्सा था. कुछ संगीतकारों और लेखकों ने केवल आकाश और तारों को निहारते हुए, कई सारी कवितायेँ लिखी. लेकिन आजकल कृत्रिम रोशनी हमारा और आकाश का कनेक्शन को तोड़ रही हैं. इसका कारण हैं – ‘प्रकाश प्रदूषण'(pollution from light).
इस विशेष पोस्ट में मैं आपको प्रकाश प्रदूषण के बारे(about light pollution in hindi) में बताऊंगा. इसके साथ प्रकाश प्रदूषण के कारण(cause of light pollution), प्रभाव(effect of light pollution), और उपाय(solutions of light pollution) इत्यादि की चर्चा करेंगे. फ़िलहाल के आप ये जान लीजिये की प्रकाश प्रदूषण की परिभाषा(light pollution meaning in hindi) क्या होती हैं.
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प्रकाश प्रदूषण क्या हैं what is light pollution
जब वातावरण में कृत्रिम स्रोतों से प्रकाश की मात्रा इतनी अधिक हो जाती हैं कि प्रकृति पर नकारात्मक प्रभाव शुरू हो जाते हैं, तो इसी को प्रकाश प्रदूषण कहते हैं. प्रकाश प्रदूषण न केवल मानव प्रजाति पर दुष्प्रभावित होता हैं, बल्कि पौधों की वृद्धि और जानवरों के जनन पर भी गलत असर डालता हैं. प्रकाश प्रदूषण को लुमिनस पौल्यूशन(luminous pollution) या फोटो पौल्यूशन के नाम से भी जाना जाता हैं.
खिड़की से आने वाला अवांछित प्रकाश आपके सोने के माहौल को बिगाड़ सकता हैं. जिसके कारण सिरदर्द में वृद्धि, काम के दौरान थकान, तनाव, नींद की कमी के कारण मोटापा और इस प्रकार की चकाचौंध का असर बढती उम्र के साथ आँखों पर पड़ता हैं. जैसे कलर को पह्चाहने में दिक्कत, रतौंधी, स्थायी अंधापन भी हो सकता हैं.
इसलिए प्रकाश प्रदूषण मानव स्वास्थ्य और पारिस्थिकी तंत्र के लिए एक गंभीर विषय हैं. 2016 में जब वर्ल्ड एटलस ऑफ़ नाइट स्काई ब्राइटनेस ने रात के समय ग्लोब का अवलोकन किया, यह देखने के लिए ऑनलाइन उपलब्ध, एटलस रात में कैसे और कहाँ जगमगाता है। उत्तरी अमेरिका, यूरोप, मध्य पूर्व और एशिया के विशाल क्षेत्र प्रकाश से चमक रहे थे, जबकि पृथ्वी पर केवल सबसे दूरस्थ क्षेत्र (साइबेरिया, सहारा और अमेज़ॅन) पूर्ण अंधकार में था. दुनिया के सबसे अधिक प्रकाश-प्रदूषित देश सिंगापुर, कतर और कुवैत हैं.
पृथ्वी पर उत्पन्न होने वाला अधिकांश प्रकाश मानव द्वारा किये गए अविष्कारों से आता हैं. उदाहरण के लिए ऑटोमोबाइल, सडको पर लगाई गई रौशनी या इलेक्ट्रिक लाइटबल्ब कभी पृथ्वी पर सवेरे के पहले और सांझ के बाद कभी अँधेरा नहीं होने देती हैं. ऐसे में अगर चाइना अगर खुद का चाँद बनाएगा, तो वहां के पेड़ पौधे, वहां पर रहने वाले जीव-जंतु, यहाँ तक इन्सान भी चैन की नींद नहीं सो पाएंगे. खैर, हम इसके दुष्प्रभावों की चर्चा आगे करेंगे, अभी आप ये जान लीजिये कि प्रकाश प्रदूषण कितने प्रकार का होता हैं और इनके स्रोत क्या है?
प्रकाश प्रदूषण के स्रोत और प्रकार
प्रकाश प्रदूषण के कई सारे कारण और स्रोत हो सकते हैं. प्रकाश प्रदूषण का अर्थ यह हैं कि हद से ज्यादा मानव निर्मित प्रकाश जो हमारे दृश्य प्रकाश में व्यवधान पैदा कर सकता हैं. हमारी आँखे सभी प्रकाश को नहीं देख सकती हैं. आम तौर पर हमारे चारो और जिस प्रकाश को देखते हैं, असलियत में हम उसको देख ही नहीं सकते. जो प्रकाश नहीं देखा जा सकता वह रेडियो-तरंग स्पेक्ट्रम के रूप में पाया जाता है. प्रकाश प्रदूषण इन निम्न पांच प्रकार में हो सकता हैं.
- अति-रोशनी
सड़कों पर दिखाई देने वाली रोशनी के दुरुपयोग के कारण इस प्रकार का प्रदूषण उत्पन्न होता हैं. इस रौशनी और बिजली को बचाया जा सकता हैं, लेकिन स्ट्रीट लैंप दिन के उजाले में भी जलते रहते हैं, जिनको उत्पादित करने में लाखों बैरल तेल खर्च होता हैं.
- चकाचौंध
चारों और से आने वाला प्रकाश जब विभिन्न सतहों पर आपतित होता हैं इस प्रकार उत्पन्न होने वाली चकाचौंध एक दुगनी समस्या है जो दृष्टि संबंधी समस्याएं पैदा करती हैं. हालाँकि इस प्रकार की चकाचौंध रात की दृष्टि में हस्तक्षेप नहीं करती है लेकिन वस्तुओं की पहचान करना मुश्किल बना देती हैं.
- गलत व्यवस्था
गलत तरीको से प्रकाश उपकरणों का समायोजन करना एक मानव निर्मित मुद्दा हैं. अक्सर आपने सड़कों और स्ट्रीट लाइटो को देखा होगा, जो कि इस प्रकार लगाई जाती हैं की उसका प्रकाश चारों और फैला रहता हैं. बहुमंजिला इमारतों के आस पास इस प्रकार की रोशनी से स्थानीय लोगो को काफ़ी नुकसान झेलना पड़ता हैं.
जब प्रकाश चारों और फैलता हैं तो जानवरों की प्राकृतिक निशाचर गतिविधियाँ को भी फ़ैल कर देता हैं. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि शहरों में घुमने वाले जानवरों यह पता भी नहीं चल पाता हैं कि दिन कब होती है और रात कब.
- स्काईग्लो
कभी आप रात के समय अपने घर की छत पर खड़े होकर दूर चमक रही उस पिली रोशनी को देखना, जो हाईवे पर लगाई जाती हैं, आप पाएंगे की वहां पर कुछ ऐसा हो रहा हैं जैसे कि आग लगी हो या एक बड़ा-सा आकाश में दृश्य दिखेगा, जिसका आकर गुम्बंद जैसा हो सकता हैं. इसको स्काई ग्लो से जाना जाता हैं.
- प्रकाश अतिचार
यह न केवल प्रदूषण का एक रूप है, बल्कि कई क्षेत्रों में यह एक अपराध भी है. प्रकाश अतिचार से तात्पर्य यह है कि अक्सर कुछ रहीश लोग अपने घर में प्रवेश करने के लिए बहुत बड़े प्रकाश द्वार की व्यवस्था कराते हैं. यह एक प्रकार का अवांछित प्रकाश है.
प्रकाश प्रदूषण के कारण
प्रकाश प्रदूषण केवल मानव निर्मित समस्या हैं, क्योंकि यह केवल मनुष्य के द्वारा किये गए क्रियाकलापों द्वारा होता है. प्रकाश प्रदूषण का कोई भी तुलनीय प्राकृतिक कारण नहीं है. यहाँ पर प्रकाश प्रदूषण के मुख्य कारण दिए गए हैं.
- खराब योजना
साइनेज और स्ट्रीट लाइट लगाने की योजना इंजीनियरों द्वारा बनाई जाती है, और यदि वे इस बात को ध्यान में नहीं रखते हैं कि उनके द्वारा की गयी प्लेसमेंट का आसपास के वातावरण पर क्या प्रभाव पड़ता है, तो इस कारण से चकाचौंध, प्रकाश अतिचार और प्रकाश अव्यवस्था पैदा होने की सम्भावना बढ़ जाती हैं.
- गैर जिम्मेदाराना प्रयोग
बहुत सारे त्यौहारों पर लोग रौशनी लगाना पसंद करते हैं, लेकिन काम खत्म होने के बाद भी यह रौशनी पूरी रात तक जलती रहती हैं, जो की प्रकाश प्रदूषण को बढ़ावा देता हैं. इस प्रकार से एक बहुत बड़ी उर्जा की मात्रा का भी विनाश होता हैं, जो की इस रौशनी के निर्माण में लगाई गयी थी.
- अधिक जनसंख्या
बढती हुई जनसंख्या पहले से ही एक गंभीर समस्या हैं. मुंबई जैसे शहरो के स्लम के छोटे-छोटे घरों में लोग समूह में रहते है, तो वहां पर होने वाले लालटेन या इलेक्ट्रिक प्रकाश से हर पड़ोसी परेशान हैं. यह वास्तव में एक ज़ोनिंग और जोखिम मुद्दा है.
- प्रकाश का अत्यधिक उपयोग
प्रकाश प्रदूषण का एक महत्वपूर्ण कारण विद्युत प्रकाश का अत्यधिक उपयोग करना है. समय के साथ बिजली काफी सस्ती हो गई है. इसलिए, लोग अपनी बिजली की खपत के बारे में ज्यादा परवाह नहीं करते हैं. और अतिदोहन से स्वयं और प्रकृति दोनों का विनाश साथ साथ करते हैं.
- स्मॉग और बादल
प्रकाश प्रदूषण की समस्या कितनी सूक्ष्म हैं, आप इसके जरिये समझ सकते हैं. वायु प्रदूषण के कारण स्मॉग और बादल शहरों के ऊपर छा जाते हैं, जब शहरों का प्रकाश इन बादलों से टकराता हैं, तो वापस परावर्तित होकर धरती पर लौट जाता हैं. और एक हल्का हल्का प्रकाश चारों और वातावरण में छा जाता हैं. यह हल्की रौशनी पेड़ पौधों, जानवरों, पक्षियों के लिए बहुत हानिकारक हैं.
- कारों और अन्य मोटर वाहनों से रोशनी
कार और अन्य वाहनों से निकलने वाला प्रकाश, प्रकाश प्रदूषण(pollution from light) की समस्या में भरपूर योगदान करते हैं, खासकर रात के समय. कई अन्य प्रकाश स्रोतों के बिना वाहनों की रोशनी काफी तेज चमकती है.
जहां लोग उच्च यातायात घनत्व वाली सड़कों के पास रहते हैं, वहां कारों की रोशनी से लोगों की नींद पर बहुत बूरा प्रभाव पड़ता हैं.
- स्ट्रीटलैम्प
घरों और निवास स्थान के बहुत पास बने स्ट्रीट लैंप भी प्रकाश प्रदूषण का कारण बन सकते हैं और लोगों और प्रकृति को प्रभावित कर सकते हैं. इसके अलावा बहुत पास पास स्थित घरों में पड़ोसी के बत्ती को चालू छोड़ देने के कारण प्रकाश प्रदूषण होता हैं.
गैरेज लैंप या वेल्डिंग का प्रकाश, प्रकाश प्रदूषण का एक अतिरिक्त स्रोत हो सकता है, जिसका प्रकाश आस-पास के घरों तक पहुंच सकता है, और लोगों को प्रभावित कर सकता है,
- अन्य स्रोत
मार्केटिग करने के लिए अक्सर अधिक ऊंचाई पर बड़े बड़े बैनर लगाये जाते हैं जो कि रौशनी से चमक रहे होते हैं. केवल यही नहीं लम्बी लम्बी लाइनों में चलने वाली दुकाने भी अपने आपको रौशनी से सुशोभित रखती हैं. सभी प्रकार की रात्रि-प्रकाश व्यवस्था लोगों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकती है, और इसलिए प्रकाश प्रदूषण का कारण बनती है.
- डाउनटाउन क्षेत्र
ऊँची ऊँची बिल्डिंग्स या इमारतों वाले शहर के क्षेत्र आमतौर पर काफी रोशन होते हैं, इसलिए वे बड़ी मात्रा में प्रकाश उत्सर्जित करते हैं। चूंकि कई लाइटें यातायात के लिए 24/7 चालू रहती हैं, लेकिन व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए भी, वे प्रकाश प्रदूषण में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं.
प्रकाश प्रदूषण के प्रभाव
अब तक हमने उन स्रोतों और कारणों के बारें में जाना जो प्रकाश प्रदूषण(light pollution in hindi) को बढ़ावा देते हैं. लम्बे समय के लिए प्रकाश प्रदूषण एक गंभीर समस्या हो सकती हैं. उल्लू केवल अँधेरा में ही देख सकता हैं, ठीक ऐसे ही अनेक प्रजातियाँ जिनके क्रियाकलाप केवल रात को होते हैं, लेकिन प्रकाश प्रदूषण की स्थिति ने रात को हमेशा के लिए खत्म कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप जानवरों और पक्षियों की जनन क्रिया इत्यादि में बाधा उत्पन्न होती हैं. यहाँ पर प्रकाश प्रदूषण के प्रमुख प्रभाव दिए गए हैं.
- लोगों पर प्रभाव
गलत कारणों से होने वाले प्रकाश, या बहुत अधिक चकाचौंध से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और यह जीवन की गुणवत्ता को कम करता है. पृथ्वी पर रहने वाले मनुष्यों के डीएनए में एक विशेष सर्कैडियन लय(रिधम) होती है, जो यह तय करता हैं दिन के वक्त हमको प्रकाश की आवश्यकता होती हैं, और रात के समय अँधेरा की आवश्यकता होती हैं.
जब ये प्राकृतिक सर्कैडियन लय बाधित हो जाते हैं, तो यह स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है और कैंसर, हृदय रोग, अवसाद और अनिद्रा का कारण बन सकता है.
- जानवरों पर प्रभाव
सड़कों पर लगी हुई स्ट्रीट रौशनी जानवरों या छोटे कीड़ों को आकर्षित कर सकती है या दूर भगा सकती है. अधिकांश पशुओं का दैनिक क्रियाओं का कार्यक्रम रात को होता हैं, लेकिन प्रकाश प्रदूषण द्वारा इनका दैनिक कालक्रम टूट जाता हैं. इससे बहुत सारी प्रजातियाँ खतरे में पड़ सकती है.
- पृथ्वी और पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रभाव
पौधे भी रात को विश्राम करते हैं. क्योंकि पृथ्वी का पारिस्थितिकी तंत्र प्राकृतिक प्रकाश(सूर्य) के चक्रों पर निर्भर है. चूंकि ये पारिस्थितिक तंत्र आमतौर पर अपने पर्यावरण में परिवर्तन के प्रति काफी संवेदनशील होते हैं, इस कारण मानव निर्मित प्रकाश प्रदूषण पारिस्थितिकी तंत्र पर कुप्रभाव डालता हैं.
केवल अकेला स्काई ग्लो पर्यावरण संरक्षण में नुकसान का कारण बन सकता है क्योंकि वातावरण से निकलने वाली uv-किरणों को पृथ्वी तक पहुंचने में सहायता करता हैं. यह विकास और प्रकृति के चक्र को बाधित करता है जिस पर हमारा भोजन, वायु और जल कि आपूर्ति निर्भर करती है.
- नींद की समस्या
सही तरीके से नींद लेने के लिए अंधेरे के वातावरण में सोना चाहिए, इससे नींद की पूर्ति होती हैं, पर्याप्त नींद हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है. बहुत से लोग सोते समय प्रकाश से विचलित होने के कारण असहज हो जाते हैं.
- यातायात पर प्रभाव
अत्यधिक प्रकाश से उत्पन्न होने वाला चकाचौंध दृश्य प्रकाश को बाधित कर सकता हैं, इससे अस्थायी अंधापन हो सकता है. और जब कार चलाने की बात आती है तो यह खतरनाक हो सकता है. यदि कुछ सड़कों पर अत्यधिक प्रकाश के कारण चालक की दृष्टि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, तो दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ सकती है.
- वायु प्रदूषण
प्रकाश प्रदूषण से वायु प्रदूषण भी वातावरण को प्रभावित करता है. चूंकि रात में रोशनी के लिए भारी मात्रा में बिजली का उपयोग किया जाता है, इससे CO2 उत्सर्जन और अन्य हानिकारक गैसों का उच्च स्तर पर उत्सर्जन होता है.
- संसाधनों की बर्बादी
प्रकाश के अत्यधिक उपयोग का अर्थ है कई जीवाश्म ईंधनों का बढ़ते स्तर पर उपयोग. उदाहरण के लिए, रोशनी को बिजली की आवश्यकता होती है, और बिजली उत्पादन के लिए औद्योगिक प्रक्रियाओं में भारी मात्रा में कोयले का उपयोग किया जाता है. इसका मतलब है कि हम भी अप्रत्यक्ष रूप से कोयले जैसे प्राकृतिक संसाधनों के ह्रास में योगदान दे रहे हैं.
प्रकाश प्रदूषण का समाधान और उपाय
कोई भी पर्यावरण से सम्बन्धित मुद्दा तभी सरल हो सकता हैं जब सभी लोग मिलकर उसका सामना करे. प्रकाश प्रदूषण को हल करने के लिए दो बुनियादी दृष्टिकोण हैं – योजना और जागरूकता. प्रकाश के स्रोत को इस प्रकार लगाया जाना चाहिए ताकि उर्जा का सरंक्षण हो सके, लोगो को कम से कम समस्या हो. इसलिए घर के अन्दर उपयोग होने प्रकाश स्रोतों, सड़कों पर स्ट्रीट-लैंप को अधिक कुशलता वाले बल्बों से प्रतिस्थापित किया जाना चाहिए. यहाँ पर कुछ प्रकाश प्रदूषण को कम करने के लिए उपाय दुए गए हैं.
- लाइट शील्ड्स
प्रकाश स्रोत को इस प्रकार लगाया जाना चाहिए किप्रकाश को आस-पास के क्षेत्रों में फैलने से रोकती हैं और प्रकाश को निश्चित स्थानों पर केंद्रित करती हैं. यह प्रकाश प्रदूषण की समस्या और आस-पास के घरों और उनके निवासियों के लिए इसके नकारात्मक परिणामों को सुलझाने में मदद करता है.
- प्रमाणित प्रकाश स्रोत का प्रयोग करें
एक अन्य प्रभावी तरीका यह हैं कि प्रमाणित प्रकाश व्यवस्था का उपयोग करना है जो चकाचौंध, आकाश की चमक और प्रकाश के फैलाव को काफी हद तक कम कर सकता है. IDA जैसे कुछ प्रमाण-पत्र पर्यावरण पर रोशनी के कम प्रभाव की गारंटी देते हैं, जिससे प्रकाश प्रदूषण कम से कम होता हैं.
- मोशन सेंसर
मोशन सेंसर प्रकाश प्रदूषण को कम करने का एक अद्भुत तरीका है. इस मामले में, कोई भी स्रोत या बत्ती तभी चालू होती है, जब गति संवेदक चालू होता है. और इससे बहुत सारी ऊर्जा बचाने में मदद मिलती है.
- कट ऑफ लाइट
कुछ समय के लिए उन इलाकों के प्रकाश को पूर्णतया बंद कर देना चाहिए जहाँ इसकी बिलकुल आवश्यकता ही नहीं हो. इसके जरिये आस-पास के घरों को प्रकाश प्रदूषण से मुक्त किया जा सकता है क्योंकि प्रकाश कुछ निश्चित स्थानों पर केंद्रित होता है.
- लाइट बंद रखे
जितने अधिक लोग ऊर्जा संरक्षण और प्रकाश प्रदूषण को कम करने के लिए जितनी बार संभव हो रोशनी बंद करने के महत्व को समझेंगे, उतनी ही तेजी से बदलाव देखा जाएगा. यह प्रकाश प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभावों को रोकने के सबसे आसान और सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है.
- दूसरों को शिक्षित करें
प्रकाश प्रदूषण से निपटने के लिए शिक्षा और जागरूकता भी महत्वपूर्ण है. अपने मित्रों से इसके बारें में बात करें, उन्हें समझाइए, मैं इस पोस्ट को लिखकर आपके पास इस बात को पहुंचा रहा हूँ, आप इसको शेयर करके आगे पहुंचा सकते हैं. इस प्रकार के कदम प्रकाश प्रदूषण की गंभीर समस्या को कम करने के लिए एक बड़ा प्रभाव डालेगा और कई अन्य वैश्विक समस्याओं से भी लड़ने में मदद करेगा जिनका हम वर्तमान में सामना कर रहे हैं.
जल प्रदूषण क्या होता हैं विस्तार से जानिए
आपने क्या सीखा ….what did you learn about ‘light pollution in hindi’
प्रकाश प्रदूषण से सम्बन्धित पोस्ट में हमने जाना कि प्रकाश प्रदूषण क्या होता हैं, इसके प्रकार, कारण और इसके उपाय को जाना. आप इसके बारें में क्या विचार रखते हैं, इनका जिक्र नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर करें.