What is Google Analytics in Hindi – गूगल एनालिटिक्स क्या हैं, उपयोग और फायदे

Google Analytics in hindi – दोस्तों अगर इन्टरनेट की दुनिया में सबसे कीमती अगर कोई चीज हैं तो वह हैं – डेटा. अगर किसी डेटा कंपनी को डेटा मिल जाए तो फिर कहना ही क्या. आप ही जरा सोचिये, अगर आप एक दुकानदार हैं और सड़क पर चलने वाले कस्टमर आज किस उद्देश्य से मार्किट में आया हैं तो आप सबसे ज्यादा सैल कर पायेंगे.  गूगल एनालिटिक्स भी कुछ ऐसा ही हैं. आपका सवाल हो सकता हैं, गूगल एनालिटिक्स क्या हैं(what is google analytics in hindi), कैसे वेबसाइट में गूगल एनालिटिक्स का इस्तेमाल किया जाता हैं?

अगर आप गूगल एनालिटिक्स के बारें में सम्पूर्ण जानकारी लेना चाहते हैं, तो इस पोस्ट के आखिर तक बने रहे.

गूगल एनालिटिक्स क्या है – what is google analytics in Hindi

Google Analytics Google द्वारा प्रदान की जाने वाली एक वेब-विश्लेष्ण सर्विस हैं. Google Analytics एक ऐसा मंच हैं, जो वेबसाइट के ट्रैफिक को ट्रैक करता हैं और उसकी एक रिपोर्ट बनाकर पेश करता हैं. गूगल ने यह सर्विस 2005 से शुरू की हैं, गूगल ने इसको अर्चिन(एक वेब एनालिटिक्स प्लेटफार्म) से ख़रीदा था.

 गूगल एनालिटिक्स सभी प्रकार के डिवाइस या सिस्टम से डेटा को कलेक्ट करता हैं. चाहे किसी के पास ios हो या एंड्राइड डिवाइस के सभी ब्राउज़र से गूगल एनालिटिक्स डेटा को कलेक्ट करने में सक्षम हैं.

सरल शब्दों में Google Analytics Hindi क्या है?

Google Analytics एक वेब एनालिसिस सर्विस हैं, जो सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन(seo) को बेहतर बनाने में मदद करता हैं और प्रोडक्ट मार्केटिंग के लिए डेटा और यूजर बिहेवियर को ट्रैक करता हैं. जिसका उपयोग कर वेबमास्टर अपनी सेल्स और वेब ट्रैफिक को बूस्ट-अप कर सकता हैं.   

गूगल एनालिटिक्स न केवल वेबमास्टर के लिए फायदे मंद हैं बल्कि यह गूगल के लिए भी फायदेमंद हैं. दोस्तों अगर आप एक वेबमास्टर हैं तो आपको मालूम होगा की, गूगल ब्राउज़र कुकीज को रीड करता रहता हैं. इसी के आधार पर वह यूजर को ad दिखता हैं.

दूसरा यह की गूगल हमारे कुछ डेटा(पर्सनल डेटा को छोड़कर) को सेल करता हैं, इसी देता से दुसरे वेबसाइट अपने लिए audience को टारगेट कर पाती हैं.

ऐसे ही कुछ गूगल एनालिटिक्स के फैक्ट्स हम आगे जानेंगे, लेकिन पहले यह जान लेते हैं की गूगल एनालिटिक्स के फिचर्स क्या क्या हैं? और गूगल एनालिटिक्स का उपयोग क्या हैं?

वर्डप्रेस वेबसाइट को गूगल एनालिटिक्स कैसे इनस्टॉल करे

install google analytics in wordpress in hindi – वर्डप्रेस वेबसाइट को गूगल एनालिटिक्स से लिंक करने लिए सबसे सरल तरीका यह हैं कि सबसे पहले आप साईट-किट प्लगइन को इनस्टॉल कर ले. इसके बाद साईट किट को लाग-इन कर ले. अब आप केवल एक क्लिक से गूगल एनालिटिक्स, गूगल एडसेंस और गूगल सर्च कंसोल को सेटअप कर सकते हैं. इसके लिए आपको किसी तरह से कोड को पेस्ट करने की जरुरत नहीं हैं.

गूगल एनालिटिक्स के उपयोग और फायदे

गूगल एनालिटिक्स ट्रैफिक का विश्लेष्ण कर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करता हैं. इस रिपोर्ट के जरिये एक नयी रणनीति बनायीं जा सकती हैं और बिजनेस को बड़ा किया जा सकता हैं. अलग अलग तरीकों से गूगल एनालिटिक्स का विश्लेष्ण कर इसका उपयोग किया जा सकता हैं. यहाँ हम पॉइंट्स के जरिये जानते हैं की  गूगल एनालिटिक्स के क्या फायदे हैं.

ऑनलाइन जितने भी बिजनेस चल रहे हैं, वे किसी न किसी वेबसाइट , एप्प या लिस्टिंग के माध्यम से चल रहे हैं. उन सभी को ट्रैक करने के लिए गूगल एनालिटिक्स एक निशुल्क व्यवस्था हैं. Google Analytics का उपयोग करने के लिए Google आपसे कुछ भी चार्ज नहीं लेता है. महत्वपूर्ण जानकारी आंकड़े, मेट्रिक्स और वेबसाइट की रैंकिंग से सबंधित हर रह की जानकारी बिकुल फ्री में शेयर करता हैं.

वेबसाइट की आंतरिक सरंचना, टारगेट को समझने और पूरा करने के लिए गूगल एनालिटिक्स का उपयोग किया जाता हैं.

गूगल एनालिटिक्स की मदद से आप यह जान सकते हैं कि लोग आपकी वेबसाइट पर किस पेज को विजिट करते हैं कितने समय तक वहां रुकते हैं और क्या करते हैं.  

अगर कोई ई-कॉमर्स की वेबसाइट चलाता हैं तो गूगल एनालिटिक्स उसके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता हैं. गूगल एनालिटिक्स से आप पता लगा सकते हैं कि आने वाले कस्टमर की क्या डिमांड है.  

गूगल एनालिटिक्स किसी वेबसाइट की सभी तरह की इनफार्मेशन को स्टोर करके रखता हैं. आप पिछली महीने की रिपोर्ट की तुलना दुसरे महीने की रिपोर्ट से कर सकते हैं. इसके लिए आपको किसी भी फोर्मुले का सहारा लेना की जरुरत नहीं हैं. यह आटोमेटिक आपको एक सुव्यवस्थित रिपोर्ट बनाकर देता हैं. आप चाहे तो इस रिपोर्ट को कस्टमाइज कर सकते हैं. जिस तरीके से आप पढना चाहे उस तरीके को अपना सकते हैं.

गूगल एनालिटिक्स तैयार रिपोर्ट को एक्सपोर्ट करने की सुविधा भी देता हैं, जिससे आप अपनी टीम मेंबर को शेयर कर सकते हैं. आप इस फाइल को गूगल डॉक्स में भी रन कर सकते हैं.

इसके सेट-अप करना बहुत आसान हैं, आपको केवल ट्रैकिंग कोड को अपनी वेबसाइट में पेस्ट करने होते हैं. सेटअप करने के तुरंत बाद यह आपके लिए ट्रैकिंग करना शुरू कर देगा.

डेटा को कलेक्ट करने के लिए आपको किसी तरह से कोई भी कारवाही नहीं करनी हैं, गूगल एनालिटिक्स आटोमेटिक यह काम कर देगा.

गूगल एनालिटिक्स का एक और बड़ा फायदा यह हैं की आप जिस तरह से चाहते हैं उस रूप में अपनी रिपोर्ट को मॉडिफाई कर सकते हैं. इसका फायदा यह हैं की आर आप केवल अपने USERS की ऐज देखना चाहते हैं तो केवल उसकी रिपोर्ट देख सकते हैं.

आप देखना चाहते हैं की आपके यूजर के पास कोनसा फ़ोन हैं और कौनसे ब्राउज़र से किस पेज पर लैंड हुए तो आप उस तरीके से भी देख सकते हैं.

गूगल एनालिटिक्स को USE करना बहुत आसान हैं. जितने सरल तरीके से हम इसको USE करना चाहते हैं, गूगल भी इसको इतना ही सरल बनाने की कोशिश करता हैं. गूगल एनालिटिक्स को डेस्कटॉप पर बहुत अच्छे तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता हैं. यह एंड्राइड पर भी बढ़िया तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता हैं. इसका एंड्राइड अप्प भी अवेलेबल हैं, वहां आपको अलग इंटरफ़ेस देखने को मिलता हैं.  

Google Analytics एक ऐसा टूल हैं जिसको आप किसी गूगल के दुसरे टूल के साथ लिंक कर सकते हैं. इसको गूगल एडसेंस, गूगल एडवर्ड, गूगल सर्च कंसोल  से लिंक किया जा सकता हैं. इस तरह यह आपके लिए एक इको-सिस्टम बनाता हैं. इस ईको-सिस्टम में आपको नए गोल सेट करने और उसको पूरा करने में बहुत आसानी होती हैं.  

जब आप इन सभी टूल्स को एक साथ उपयोग करते हैं, तो आपको सोचने का नया विजन मिलता हैं.

दोस्तों आदमी खुद की गलती नहीं निकाल सकता हैं, ना ही पूरी तरह से यह पता लगा सकते हैं की आपका कस्टमर एक्स्जेक्ट्ली क्या चाहता हैं. गूगल एनालिटिक्स आपकी उन कमियों को शो कर सकता हैं, जो आपने वेबसाइट को स्ट्रक्चर के समय की थी. आप सटीकता से यह भी पता लगा सकते हैं कि लोग आपकी वेबसाइट पर आकर क्या ढूंढ रहे हैं, और आपको क्या नया ऐड करना हैं, या कस्टम करना हैं.   

 आपने बाउंस रेट का नाम जरूर सुना होगा, उअर यह भी सुना होगा की बाउंस रेट जितनी कम होती हैं, वेबसाइट के लिए उतना ही अच्छा रहता हैं. गूगल एनालिटिक्स से आप इस बात का पता लगा सकते हैं की लोग आपकी वेबसाइट को एग्जिट क्यों कर रहे हैं.

गूगल एनालिटिक्स से आप अपने यूजर की उम्र, लिंग, इंटरेस्ट उनकी लोकेशन, डिवाइस जैसे मोबाइल टेबलेट या डेस्कटॉप की जानकारी निकाल सकते हैं. इससे आप यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं की आपका अधिकतम ट्रैफिक कहाँ से आ रहा हैं.  इस प्रकार का डेटा आपको नयी रणनीतियां बनाने में मदद करता हैं.      

गूगल एडवर्ड या सोशल प्लेटफार्म आपको AD रन करने का मौका देते हैं. बहुत सारे लोग बिना किसी टारगेट के ही AD को रन कर देते हैं, इसलिए उनको कोई खास रिजल्ट नहीं मिलता हैं.  वहीँ अगर आप उसी ओडिंयस को टारगेट करते हैं जो वाकई में उसी प्रोडक्ट की तलाश कर रेह हैं तो आप को बहुत ज्यादा कन्वर्शन रेट मिल सकती हैं.

यह स्मार्टनेस आपका पैसा बचाती हैं.

गूगल एनालिटिक्स से आप यह भी तय कर सकते हैं आपको नया कंटेंट कौनसा लिखना चाहिए और किस तरह का लिखना चाहिए. गूगल एनालिटिक्स में आप यह देख सकते हैं की यूजर आपके कोंसे पेज को ज्यादा टाइम तक विजिट कर रहा हैं. अगर आप माइक्रो नीच पर काम कर रहे हैं तो नए कीवर्ड के आइडियाज भी मिल जायेंगे की यूजर क्या चाहता हैं इसके लिए आपको एनालिटिक्स और सर्च कंसोल को साथ में यूज़ करने की जरुरत हैं.

Google Analytics आपको अपने लक्ष्य ट्रैक करने में सहायता करते हैं कि आपका व्यवसाय कितना आगे बढ़ रहा है और प्रगति कर रहा है. लक्ष्य आपका कुछ भी हो सकता हैं, चाहे आप सेल्स बढ़ाना चाहते हैं या लीड जनरेशन फॉर्म भरना, न्यूज़लेटर्स की सदस्यता लेना, ईबुक डाउनलोड करना हो हर तरीके गूगल एनालिटिक्स आपकी हेल्प करता हैं.

what is bounce rate in google analytics in hindi ?

जब कोई आपकी वेबसाइट पर आता हैं और एक पेज को विजिट करने के बाद बाद दुसरे पेज पर ना जाकर वहीँ से एग्जिट हो जाता हैं, या पहले पेज पर कुछ सेकंड बिताकर वापस बेक बटन को प्रेस कर दूसरी वेबसाइट पर चला जाता हैं, तो यह आपकी वेबसाइट के लिए खतरे की घंटी हैं. गूगल कभी यह नहीं चाहेगा की वह यूजर को कोई एसा कंटेंट दिखाए जोउनके लिए फायदेमंद नहीं हैं.    

what is session in google analytics in hindi?

जब कोई एक नया यूजर आपकी वेबसाइट पर आता हैं तो उसको एक सेशन में गिन लिया जाता हैं. गूगल का सेशन duration 30 मिनट का होता हैं, अगर 30 के बाद भी कोई यूजर वहां उसी पेज में रुके रहता हैं तो उसको नए सेशन में काउंट कर लिया जाता हैं.

गूगल एनालिटिक्स से बाउंस रेट कम कैसे करे?

बाउंस रेट बढ़ने का एक ही कारण हैं यूजर को वह मिल नहीं रहा हैं, जिसकी उसको तलाश हैं. गूगल टूल से डायरेक्ट बाउंस रेट को कम नहीं किया जा सकता हैं. गूगल एनालिटिक्स से आप केवल यह चेक कर सकते हैं की किस पेज पर बाउंस रेट कितनी हैं. बाउंस रेट का पता चलने पर आप अपने सर्च कंसोल में चले जाइये.

सर्च कंसोल से आप यह पता करने की कोशिश कीजिये की कोनसा कीवर्ड रैंक कर रहा हैं. इसके बाद आप अपनी पोस्ट को उस कीवर्ड के अनुसार REWRITE कीजिये, पोस्ट की थोड़ी डिजाइनिंग कीजिये, उसके सम्बंधित पोस्ट का INTERLINK कीजिये. सबमिट कर अगले रिजल्ट का इंतज़ार करें.  

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आपने क्या सीखा “google analytics in hindi”

गूगल एनालिटिक्स वास्तव में एक चमत्कार हैं. ऊपर हमने बहुत सारे गूगल एनालिटिक्स के चमत्कारी फायदों के बारें में जाना और गूगल एनालिटिक्स के उपयोग के बारें मे जाना. अगर आपने पहली बार गूगल एनालिटिक्स के बारें में जाना हैं तो यह जानकारी आपके लिए बहुत हेल्पफुल होगी, और अगर आप पहले से ही गूगल एनालिटिक्स के बारें में जानते हैं तो नीचे कमेंट बॉक्स में अपने विचार लिखिए.

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