हाइड्रोपोनिक खेती क्या है? हाइड्रोपोनिक्स खेती कैसे करे
खेती करने का एक ऐसा तरीका, जिसमे न तो ज्यादा जमीन की आवश्यकता होती हैं, न ही ज्यादा पानी की. हाइड्रोपोनिक खेती(hydroponic farming in hindi) खेती की एसी आधुनिक तकनीक हैं जिसमे लोग छोटे इलाकों में खेती करके बड़ा मुनाफ़ा कमा सकते हैं. आपको इस पोस्ट में बताएँगे कि हाइड्रोपोनिक खेती क्या है?(hydroponic farming kya hai), और हाइड्रोपोनिक्स खेती कैसे करे. कैसे लोग हाइड्रोपोनिक खेती को अपने बिजनेस में बदल रहे हैं.
हाइड्रोपोनिक खेती की सबसे मजेदार बात यह हैं कि इसको कोई भी कहीं पर भी शुरू कर सकता हैं. आपको जलवायु, मिट्टी, मौसम किसी के बारें में सोचने की जरुरत नहीं हैं.
इस पोस्ट में हम हाइड्रोपोनिक खेती के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे. हम आपको बताएँगे कि हाइड्रोपोनिक खेती व्यापार की योजना क्या होती हैं?, हाइड्रोपोनिक्स खेती की लागत क्या होती हैं. सब कुछ step by step जानेंगे लेकिन पहले जान लेते हैं कि हाइड्रोपोनिक्स खेती क्या होती हैं(what is hydroponic farming in hindi)?
check list -: हाइड्रोपोनिक खेती क्या है, हाइड्रोपोनिक खेती कैसे करे, हाइड्रोपोनिक खेती की लागत कितनी आती हैं, हाइड्रोपोनिक पोष्ट तत्वों की जानकरी यहाँ सभी पॉइंट्स के बारें में बात करेंगे.
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हाइड्रोपोनिक खेती क्या है
हाइड्रोपोनिक खेती, खेती की एक एसी प्रक्रिया हैं जिसमें खेती पूरी तरह से जल में होती हैं. खेती की इस आधुनिक तकनीक में मुख्य निर्भरता मिट्टी पर न होकर पानी पर होती हैं. हाइड्रोपोनिक खेती में मिट्टी का इस्तेमाल बहुत कम किया जाता हैं. अधिकतर फार्म कंकड़ का इस्तेमाल करते हैं.
सीधे शब्दों में कहें तो, हाइड्रोपोनिक्स मिट्टी को छोड़ने का एक तरीका है. पौधों को उगाने के लिए दुसरे तरीकों से पोषक तत्वों को शामिल किया जाता हैं.
लोग हाइड्रोपोनिक खेती की तरफ क्यों आकर्षित हो रहे हैं?
देखा जाये तो पूरे विश्व की जनसँख्या बढती जा रही हैं, और अनाज उगाने की जगह कम होती जा रही हैं. ऐसे में कोई न कोई एसी तकनीक चाहिए जो कम जगह में ज्यादा पैदावार कर सके, और एसी उपज दे जो स्वास्थ्य के अनुकुल हो. इसी रिसर्च में वैज्ञानिक William Frederick Gericke ने 1937 में एक एसी तकनीक खोज निकाली. इस तकनीक से कम जगह में ज्यादा पैदावार की जा सकती हैं. हाइड्रोपोनिक खेती में तीन फीट तक के प्लांट्स के लिए कम से कम 25 से 30 इंच का स्पेस देना चाहिए. इस गणित से आप अंदाजा लगा सकते है आप अपने इलाके में कितने प्लांट्स लगा सकते हैं.
चूँकि इस खेती को लोग घर या छत पर भी कर सकते हैं, इसलिए ज्यादातर लोग इसकी तरफ आकर्षित हो रहे हैं. दूसरा इसका यह फायदा कि लोग इस खेती से लाखों रूपये महिना कमा रहे हैं. यह भी एक कारण हैं कि लोग इसकी तरफ आकर्षित हो रहे हैं.
तो अब आपको बताते हैं कि अगर किसी को हाइड्रोपोनिक खेती शुरू करनी होती हैं तो इसका प्रोसेस क्या रहता हैं और किन बातों का ख्याल रखना पड़ता हैं.
हाइड्रोपोनिक खेती कैसे करे
अगर कोई हाइड्रोपोनिक खेती की शुरुआत करना चाहता हैं तो उसको बेसिक नॉलेज होना बहुत आवश्यक हैं. कुछ लोग हाइड्रोपोनिक खेती अपने घर पर ही करते हैं कुछ लोग इसको छत पर करते हैं. कुछ युवा इसको अपने रोजगार के रूप में करते हैं. चाहे कोई भी हो हाइड्रोपोनिक खेती शुरू करने से पहले उसको प्लांट्स, फर्टिलाइजर, पानी का ph, पानी में ऑक्सीजन इन सभी का सही तरीके से ख्याल रखना पड़ता हैं.
यहाँ हम आपको step by step आपको बता रहे हैं कि कैसे हाइड्रोपोनिक खेती की जाती हैं और लोग किस तरह हाइड्रोपोनिक खेती कैसे करते है?
सबसे पहले हाइड्रोपोनिक फार्म तैयार करें
हाइड्रोपोनिक खेती कैसे शुरू करें-: सब्जियों की खेती के लिए हाइड्रोपोनिक सेटअप बनाना महंगा नहीं है और इसके लिए बहुत अधिक जगह नहीं लेनी पड़ती है. आप पीवीसी पाइप और एक पानी के एक पंप की सहायता से हाइड्रोपोनिक फार्म स्थापित कर सकते हैं. pvc पाइप स्ट्रक्चर को या तो आप घर पर ही बना सकते हैं, या आप india मार्ट से खरीद सकते हैं.
आप गोल पाइप या चपटे आकर के पाइप का भी उपयोग कर सकते हैं, शर्त यह हैं कि कनेक्शन सही तरीके से होना चाहिए, क्योंकि इन पाइपों में लगातार पानी बहता हैं.
इन पाईपों में जगह जगह छेद होते हैं जिनमे प्लांट्स उगाये जाते हैं, अगर ऐसी व्यवस्था हो सके की आप पाइप के छेद को थोडा ऊपर तक उठा सके ताकि वे एक बाल्टी की तरह दिखाई दे.
पाइप को भरने के लिए सामग्री जुटाएं
वैसे यह खेती जमीन से ऊपर होती हैं, इसलिए इसको बिना मिट्टी की खेती कहते हैं. लेकिन पाइप में प्लांट्स को रोकने के लिए कुछ मिट्टी की आवश्यकता होती हैं. यहाँ आपको ध्यान रखना हैं कि कुछ ऐसा आपको पाइप में डालना हैं जो नमी को बरकरार रखे और पानी को अपने में से होकर आगे प्रवाहित होने दे. जैसे – नारियल का भूसा आप इस्तेमाल में ले सकते है, लेकिन बजरी को आप उपयोग में नहीं ला सकते हैं.
हाइड्रोपोनिक पोषक तत्वों सामग्री को इक्कठा करें
यह हाइड्रोपोनिक खेती का मुख्य हिस्सा होता हैं. एक बार जब आप यह तय कर लेते हैं कि आपको कौनसा पौधा रोपना चाहते हैं तो आपको उसके अनुसार पोषक तत्वों की व्यवस्था करनी होती हैं. जब पौधा जमीन पर उगता हैं तो उसको सभी पोषक तत्वों की पूर्ति जमीन से हो जाती हैं. लेकिन यहाँ प्लांट्स को कौनसे पोषक तत्व मिलेंगे यह पूरी तरह आपको तय करना हैं. एक स्वस्थ पौधे को भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम, फास्फोरस, कैल्शियम और अन्य पोषक तत्वों की आवश्यकता होती हैं.
हर एक अलग प्लांट को अलग प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती हैं. तो आप पहले से ही यह सुनिश्चित कर ले कि आप कौनसा प्लांट उगाना कहते हैं और उसको किस प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती हैं.
हाइड्रोपोनिक सिस्टम में पौधों को पानी पाइप के माध्यम से दिया जाता हैं, इसी पानी में उन पोषक तत्वों को डाल दिया जाता हैं.
हाइड्रोपोनिक के लिए पानी की व्यवस्था करे
हाइड्रोपोनिक खेती पूरी तरह से पानी पर ही निर्भर हैं लेकिन यह काम बहुत कम पानी में ही पूरा हो जाता हैं. हाइड्रोपोनिक सिस्टम में पानी देने का यह नियम हैं कि पौधे कि जड़ हमेशा गीली रहे लेकिन तना सुखा.
इस सिस्टम में पानी पाइप के माध्यम से ही बहता हैं. यहाँ पानी में ध्यान रखने कि बात यह हैं कि आपको पानी का ph मान संतुलन में रखना होता हैं. एक आदर्श पानी का ph मान 7 के आस पास होता हैं. इस पानी के ph वैल्यू को बढाने और घटाने के लिए इनमे अलग से केमिकल डाले जाते हैं.
दूसरा पानी में ऑक्सीजन की मात्रा भरपूर होनी चाहिए. आपने कभी गौर किया होगा कि जमीन पर पौधे की जड़ों को कभी कभी खोदा जाता हैं, ताकि उनको ऑक्सीजन मिल सके. लेकिन इस सिस्टम में पौधे की जड़ें पानी मे डूबी रहती हैं तो हमको पानी से ही ऑक्सीजन की सप्लाई करनी होती हैं.
पानी में ऑक्सीजन को मिक्स करने के लिए ऑक्सीजन पंप का इस्तेमाल किया जाता हैं.
अन्दर के सिस्टम लिए लाइट की व्यवस्था करें
कुछ लोग घर के अन्दर हाइड्रोपोनिक सिस्टम को स्थापित करते हैं, ऐसे पौधों को प्रकाश देने के लिए विशेष प्रकार के ट्यूब-लाइट की व्यवस्था की जाती हैं. हाइड्रोपोनिक सिस्टम में एलईडी, फ्लोरोसेंट, मेटल हैलाइड और हाई प्रेशर सोडियम जैसे स्रोत को लगाया जाता हैं.
इंडोर हाइड्रोपोनिक सिस्टम में प्रकाश की व्यवस्था एक हाई इन्वेस्टमेंट हो सकता हैं, इसलिए अधिकतर लोग इसको घर से बाहर ही स्थापित करते हैं. भारत जैसे देश मे हाइड्रोपोनिक सिस्टम को आउटडोर ही स्थापित किया जाता हैं. क्योंकि यहाँ बिजली की अनियमितता बनी रहती हैं.
हाइड्रोपोनिक सिस्टम के लिए जलवायु का निर्माण करें
इस हाइड्रोपोनिक सिस्टम में आपको जलवायु का बहुत ध्यान रखना पड़ता हैं. अगर जलवायु को बैलेंस नहीं किया जाते तो पौधे मुरझा सकते हैं, या उनको कोई रोग लग सकता है. सामान्य जलवायु को 25 से 35 डिग्री तक रखा जाता हैं. इसके लिए बड़े बड़े कवर लगाये जाते हैं, जिसे पालीहाउस कहते हैं.
हाइड्रोपोनिक्स खेती में प्लांट 80 प्रतिशत आद्रता में रहते हैं. यह जरूरी नहीं कि इन पौधों को सूर्य के प्रकाश की डायरेक्ट जरुरत पड़े. बड़े बड़े हाइड्रोपोनिक के ग्रीन हाउस फार्म त्तैयर किये जाते हैं.
पौधों का ख्याल रखे
इस तरह से आपको प्लांट लगाने के बाद उनको समय समय पर चेक करते रहना हैं, अगर प्लांट्स में कोई कमजोरी या बीमारी के लक्षण दिखते हैं तो आपको अपने नजदीकी एग्रीकल्चरल डिपार्टमेंट से संपंर्क करना चाहिए. या आपको पहले से इसकी ट्रेनिंग लेनी चाहिये.
उम्मीद हैं कि आपको अब तक समझ आ गया होगा कि बिना मिट्टी की खेती कैसे की जाती है?
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आपके दिमाग में हाइड्रोपोनिक खेती को लेकर कुछ सवाल घूम रहे होंगे. मैं आपको इन सवालों के जवाब देने कि कोशिश करता हूँ.
हाइड्रोपोनिक खेती व्यापार की योजना कैसे बनाये?
हाइड्रोपोनिक खेती के लिए सबसे पहले आपको एक बेहतर ट्रेनिंग की जरुरत होती हैं. एक ट्रेनिंग के बाद आप भी हाइड्रोपोनिक स्पेशलिस्ट बन सकते हैं, इसके लिए आपको किसी भी प्रकार की डिग्री की आवश्कता नहीं होती हैं. किसी पहले से स्थापित सेंटर में जाकर आप इसकी ट्रेनिंग कर सकते हैं.
एक बार जब आप ट्रेनिंग कर लेते हैं, तो इसके बाद आपको कोई ऐसा प्लांट को टारगेट करना चाहिए, जिसको आप अपने इलाके में आसानी से उगा सकते हैं. अगर आप ग्रामीण इलाकें में इसकी शुरुआत करने वाले हैं तो आप मार्किट रिसर्च भी कर सकते हैं. और एक निवेश के साथ हाइड्रोपोनिक खेती की शुरुआत की जा सकती हैं.
हाइड्रोपोनिक खेती की लागत कितनी आती हैं?
हाइड्रोपोनिक खेती में आने वाला खर्चा इस बात पर निर्भर करता हैं कि आप किस तरह की तकनिकी इस्तेमाल में लाने वाले हैं. हाइड्रोपोनिक सिस्टम में मुख्य खर्चा पाली हाउस निर्माण में, कुलिंक, हीटिंग और ग्रोविंग में आता हैं. यह खर्चा वन टाइम इन्वेस्टमेंट हैं, एक बार स्थापित करने के बाद केवल मेंटनेस का खर्चा आता हैं.
अगर हम एक बड़े फार्म (3500 वर्ग मीटर)की बात करे जिसको आप बिजनेस सेक्टर के रूप में स्टार्ट करने जा रहे हैं तो आपको कम से कम 40 50 लाख निवेश करना होगा. अगर कोई इतना निवेश नहीं करना चाहता हैं तो वह छोटे स्तर से भी शुरूआत कर सकता है.
अलग क्षेत्र में अलग अलग खर्चा आता हैं, जैसे अगर कोई राजस्थान में हाइड्रोपोनिक परम को स्थापित करता हैं तो गर्मी में कुलिंग पर अधिक खर्चा करना पड़ेगा.
हाइड्रोपोनिक खेती में कौन कौनसी फसलें उगाई जा सकती हैं?
हाइड्रोपोनिक खेती में सभी प्रकार के पौधे नहीं उगाये जा सकते हैं. हाइड्रोपोनिक खेती में तुलसी, ककड़ी, टमाटर, काली मिर्च, स्ट्राबेरी शिमला मिर्ची जैसे पौधे उगाये जा सकते हैं.
हाइड्रोपोनिक पौधों को कितनी जगह चाहिए?
तीन फीट से कम ऊंचाई के पौधों के लिए 18 इंच से 30 इंच का स्पेस चाहिए होता हैं. अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो पैदावार कम होगी.
हाइड्रोपोनिक खेती से कितने कमाए जा सकते हैं?
एक एवरेज रिसर्च से पाया गया हैं कि 4 या 5 फीट लम्बा मिनी गार्डन से आप 5 से 10 हज़ार तक कमा सकते हैं. बड़े फार्म से लाखो रूपये कमाए का सकते हैं.
हाइड्रोपोनिक्स खेती के नुकसान क्या हैं?
हाइड्रोपोनिक सिस्टम को स्थापित करने के लिए लागत अधिक आती हैं. बिजली कि खपत भी अधिक होती हैं, जो पर्यावरण के अनुकूल नहीं हैं.
हाइड्रोपोनिक तकनिकी से उगाये गए पौधे, स्वास्थ्य के लिय अच्छे होते हैं?
हाँ! हाइड्रोपोनिक खेती से उगाये गये पौधे स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं. लेकिन इनको दिए जाने वाले पोषक तत्वों में अनियमितता लायी जाए तो ये विषाक्त हो सकते हैं.
क्या हाइड्रोपोनिक्स मिट्टी से ज्यादा स्वस्थ है?
हाइड्रोपोनिक्स कि स्वस्थता इस बात पर निर्भर करती हैं कि पोषक तत्वों का गोल कितन आनुपात से दिया और आपके प्लांट्स कितने स्वस्थ है. अगर इन बातों का ध्यान रखा जाए तो हाइड्रोपोनिक्स फसल ज्यादा स्वस्थ हो सकती हैं.
क्या हाइड्रोपोनिक खेती करना महंगा है?
हाइड्रोपोनिक्स फार्म को स्थापित करना एक महंगा काम हो सकता हैं. अगर फार्म बड़ा हैं तो तापमान को नियंत्रित करने के लिए बड़े बड़े कुलिंग सिस्टम और हीटर सिस्टम लगाये जाते हैं जो कि महंगे होते है. इसके अलावा पाली-हाउस को स्थापित करना भी एक महंगा काम होता हैं. कुल मिलाकर हाइड्रोपोनिक फार्म को स्थापित करने की लगत अधिक हैं.
हाइड्रोपोनिक खेती का इतिहास क्या हैं?
हाइड्रोपोनिक खेती की शुरूआत 1937 में हुई थी. हाइड्रोपोनिक खेती को सबसे पहले इराक में किया गया था. इसके बाद यह खेती सबसे ज्यादा नीदरलैंड में की जाती हैं.
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आपने क्या सीखा “हाइड्रोपोनिक खेती क्या हैं”
हाइड्रोपोनिक खेती क्या हैं, हाइड्रोपोनिक्स खेती कैसे करे हाइड्रोपोनिक्स खेती की लागत कितनी हैं, और कैसे इसको बिज़नस में बदला जा सकता हैं. हाइड्रोपोनिक खेती की शुरुआत करने के लिए यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती हैं, लेकिन सफल तरीके से हाइड्रोपोनिक खेती शुरू करने के लिए आपको एक उचित ट्रेनिंग की जरुरत होती हैं. अगर हाइड्रोपोनिक खेती को लेकर आपके मन में कोई सवाल हो तो आप कमेन्ट बॉक्स में लिख सकते हैं.
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साधन्यवाद।।
Delhi and Uttar Pradesh – हाइड्रोपोनिक खेती की ट्रेनिंग
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