केसर कैसे बनता है – केसर की खेती, कीमत, जलवायु

केसर(SAFFRON) कैसे बनता है और केसर की खेती कैसे करे ?

केसर कैसे बनता है और इसकी खेती कैसे होती हैं – सेंकडो जटिल बिमारियों, आँखों की रोशनी, महिलाओ के मासिक धर्म, दिमाग को तेज करने, सिरदर्द न जाने कितनी बीमारियों में केसर का उपयोग किया जाता हैं. लेकिन क्या आपने सोचा हैं कि केसर कैसे बनता हैं और इसकी खेती कैसे होती हैं? इस पोस्ट में COMPLETELY हम आपको केसर की खेती से रूबरू करवाएंगे. केसर का पौधा एक काफ़ी महंगा और सुन्गंधित होता हैं. जैसा कि हम सभी जानते हैं.केसर का भाव सोना और चांदी के मूल्य के बराबर होता है. 10 ग्राम केसर की कीमत करीब 2500 से 3000 होती है. हम आपको बताएंगे केसर की खेती किस प्रकार होती है? खेतों से लेकर बाजारों में बिकने तक केसर कैसे बनता है ?

यदि आप केसर की खेती करना चाहते हैं या केसर का कारोबार करना चाहते हैं. तो हम आपको केसर कैसे बनता है? इसकी पूरी प्रक्रिया बताने वाले हैं.
आज हम आप बात करेंगे कश्मीरी केसर के बारे में. मुख्य तौर पर पूरी दुनिया में केवल तीन स्थानों पर केसर की पैदावार होती है. कश्मीर, ईरान और स्पेन. इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में इतनी पैदावार नहीं होती जितनी यहां होती है. लेकिन कुछ तकनीकी लगाकर राजस्थान के शेखावटी इलाके में केसर की खेती तैयार की गई हैं. हाल ही में भारत सरकार द्वारा कश्मीरी केसर को GI(Geographical Identification) टैग दिया गया है. जो किसी भी चीज को एक पहचान के तौर पर दिया जाता है. यहां से कश्मीरी केसर ब्रांड के रूप में पूरी देश-दुनिया में बिकता है.

इस पोस्ट में आप क्या क्या जानेंगे

केसर कितने प्रकार की होती है
कश्मीरी केसर कोनसा प्रजाति का हैं?
केसर का बीज कितने रुपए किलो मिलता है?
केसर का फूल कैसा होता है ?
केसर का पौधा कैसा होता हैं
केसर की खेती के लिए जलवायु
केसर की मंडी
केसर का भाव क्या हैं
केसर की खेती कैसे करे

केसर कितने प्रकार की होती है

वैसे तो अलग क्षेत्र के केसर की अलग पहचान होती हैं.लेकिन केसर(saffron) मुख्यतौर पर चार प्रकार के होते हैं. अलग अलग केसर के अलग अलग फ़ायदे होते हैं. और इनके फायदों से ही इनकी कीमत निर्धारित होती हैं. केसर 1. (सर्गोल)Sargol 2. (नेजिन)Negin 3. (सुपर नेजिन)Super Negin 4. (पोशल)Poshal इनके अलावा और भी दूसरी प्रजातिया हैं लेकिन वो इनकी उप श्रेणी की ही हैं.

भरतर में तीन प्रकार का केसर बिकता हैं- 1 कश्मीरी 2 ईरानी 3 स्पेनिशी केसर.

कश्मीरी केसर कोनसा प्रजाति का हैं?

कश्मीर में मुख्यत तीन प्रकार के केसर की खेती की जाती हैं – (लच्छा केसर) Lachha saffron, (मोंगरा केसर)Mongra saffron और (ज़रदा केसर)Zarda saffron.

केसर का बीज कितने रुपए किलो मिलता है?

केसर के बीज 40000-50000 तक आते हैं.

केसर का फूल कैसा होता है ?

केसर का फूल अक्टूबर में केसरिया रंग का होता हैं, इसके बाद गहरे लाल रंग का होता हैं, तब तक शहद कि भाति इनकी पंखुड़िया ढल जाती हैं. एक फूल में 4-4 पलके परतों में होती हैं. जिनमे से प्रतियेक पलक से लगभग 30 mg केसर उत्पादित होता हैं.

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केसर का पौधा कैसा होता हैं

केसर के पौधे की विभिन तस्वीरे नीचे देख सकते हैं-

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केसर की मंडी

सामान्यतः केसर का उपयोग दूध, मिठाई, पुलाव, बिरयानी और कॉस्मेटिक सामान या ब्यूटी प्रोडक्ट्स में किया जाता है. ऐसे में आप केसर को मिठाई की बड़ी-बड़ी दुकानों में बेच सकते हैं. कॉस्मेटिक कंपनियों से कांटेक्ट कर,उन्हें बेच सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले उन्हें टेस्टिंग के लिए थोड़ा माल देना पड़ेगा. यदि उन्हें अच्छा लगता है तो, बड़ी मात्रा में उनसे कारोबार कर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. इसके अलावा आप देश के अन्य हिस्सों में या देश के बाहर भी अपने केसर को बेच सकते हैं. लगभग सभी राज्यों में केसर की मंडी होती हैं. केसर को बेचने के लिए ज्यादा भटकना नही पड़ता हैं. क्योकि इसकी मांग आधिक हैं और इसकी सप्लाई बहुत कम हैं.

केसर की खेती के लिए जलवायु

केसर की खेती के लिए चिकनी रेतीली बलुई मिट्टी या दोमट मिट्टी उचित मानी जाती है. इसके अलावा जिस खेत में उगाया जाता है, उसमें पानी की निकासी की व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए. इसलिए केसर की खेती अक्सर पहाड़ी इलाको में की जाती हैं, लेकिन राजस्थान के शेखावटी इलाके में धोरे बनाकर केसर को उत्पादित किया जाता हैं.
पानी की अधिकता और पानी की कमी से यह फसल नष्ट हो सकती है.
इसके अलावा ज्यादा ठंड और ज्यादा गर्मी भी केसर के पौधों को खराब कर देती है.

केसर के बीजों को लगाते समय उन्हें 10 सेंटीमीटर के अंतराल में लगाए ना ज्यादा दूर और ना ही ज्यादा पास लगाएं. उगाने से पूर्व खेतों की जुताई करनी चाहिए. उसमें कंपोस्ट खाद का इस्तेमाल करन चाहिए और हर 15 दिन में फसल की सिंचाई करनी चाहिए. अगर हल्की बारिश हो जाए तो सिंचाई ना करें.

केसर का भाव क्या हैं

केसर के बीज का भाव अलग हैं और और पंखुडियो से उत्पन्न केसर का भाव अलग हैं. अगर आज के समय केसर की कीमत की बात करें तो – केसर चांदी से चार गुना महंगा हैं.1 ग्राम केसर की कीमत 250 रुपए है. 10 ग्राम केसर की कीमत ₹2500 और 1 किलो केसर की कीमत ₹250000 होती है.

केसर की खेती कैसे करे

केसर की खेती करने के लिए सबसे पहले मिटटी की टेस्टिंग करनी होती हैं, उसके बाद पूरे खेत को आर्गेनिक बनाया जाता हैं.
फिर गोबर की खाद डालकर खेत कोतैयार किया जाता हैं.
केसर के बीज को केसर बल्ब, केसर क्रॉम्स के नाम से भी जाना जाता है. केसर का बीज लहसुन के आकार का होता है. और इसे जमीन में बोते समय गांठ वाले भाग को जमीन में और पूछ वाले भाग को ऊपर रखा जाता है. केसर के बीज को बोने का उचित समय जुलाई से सितंबर के मध्य होता है.

इसके बाद इनके बीजो को हाथ से लगाया जाता हैं. केसर के बीज को एक बार उगाने के बाद इससे 15 साल तक फूल आते रहते हैं.
फिर पहले महीने में 15 दिन के अन्तराल में सिंचाई की जाती हैं.
फिर एक महीने के बाद सिंचाई की जा सकती हैं.
फूलों के आने का समय अक्टूबर से नवंबर के मध्य होता है. (देश के विभिन कोनो में इनकी बुवाई जलवायु के अनुसार की जाती हैं.) इस 1 महीने में फूलों को तोड़ लिया जाता है और उसमें से केसर निकाल दिया जाता है.
बीच बीच में इनके ऊपर लगने वाले कीड़ो का ध्यान रखा जाता हैं. इसके लिए कृषि क्षेत्र से सम्पर्क करते रहे.

केसर के एक फूल में कम से कम दो या तीन कलियाँ हो सकती हैं. इस प्रकार 10 ग्राम केसर 3000 फूलों से निकलता है और 1 किलो केसर प्राप्त करने के लिए लगभग 50000 फूल लगते हैं. फूलों से केसर निकालने के बाद उसे 4 या 5 घंटे तक सुखाने के लिए रखा जाता है. सूखने के बाद इन्हें 10 ग्राम, 50 ग्राम , 100 ग्राम, 1 किलो डिब्बों में बंद कर बाजारों में बिकने के लिए भेजा जाता है.

उम्मीद करते हैं कि ‘केसर कैसे बनता है?’ यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा होगा. आप हमारे अन्य आर्टिकल (पोस्ट) भी पढ़ सकते हैं.

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