[best new] very short story on tree in hindi पेड़ बचाओ पर कहानी

short stories on tree in hindi

कौए और नीम के पेड़ की कहानी

story on tree in hindi – एक जंगल में एक चटान पर एक कौए का घोंसला था. उसके दो छोटे छोटे चूजे थे. कौवा हर रोज सुबह खाने की तलाश में जंगल की और जाता था. एक बार कौवा जंगल की ओर गया. तभी बहुत जोरो से बारिश होने लगी. कौए के पर (पंख) बारिश के पानी में भीग गए थे. वह ठीक से उड़ भी नही पा रहा था. पास में एक आम का पेड़ था. कौए ने थोड़ी देर आम के पेड़ पर बैठ जाता हूँ. पंख सूखने के बाद वापस उड़ जाऊंगा. आम का पेड़ बोला, मै तुम जैसे काले कौए को अपनी डाली पर बैठने नही दूंगा. कौए ने आम से विनती की लेकिन घमंडी आम का पेड़ ने उसे बैठने नही दिया. कौवा मुस्किल से उड़ते उड़ते एक सेव के पेड़ के पास गया और बोला, क्या मै तुम्हारी डाली पर कुछ देर बैठ सकता हूँ. मेरे पंख बारिश में भीग गए है.

you are reading :- short story on save tree in hindi

सेव का पेड़ बोला, नही गंदे पक्षी, तुम मेरी डाली पर नही बैठ सकते. तुम मेरे मीठे फल को नुकसान पहुंचा डोज. सेव के पेड़ ने भी मना कर दिया. हताश निराश कौवा उसके बाद नीम के पेड़ के पास गया और बोला, मेरे पंख बारिश में भीग गए है. क्या मै थोड़ी देर यहाँ बैठ सकता हूँ. नीम का पेड़ बोला हाँ , जरुर तुम मेरी डाली पर बैठ सकते हो. थोड़ी देर बाद कोवा नीम के पेड़ को धन्यवाद कहते हुए उड़ गया. कुछ दिनों बाद जंगल में लकडहारे पेड़ काटने के लिए आए. जैसे ही वे पेड़ काटने वाले थे. तभी बहुत सारे कौवो के झुंड ने उन पर हमला कर दिया. वे सभी लकडहारे वहा से भाग गए. सभी पेड़ो ने कौए को धन्यवाद दिया. कोवा बोला, धन्यवाद मुझे नही नीम के पेड़ को कही. क्योंकि उसने भी मेरी मदद की थी. यदि उसने सेव और आम के पेड़ की तरह मेरी मदद नही की होती तो आज मै आपकी भी मदद नही कर पाता. यह सुनकर सेव के पेड़ ओए आम के पेड़ ने श्शर्मिंदा होकर कोए से माफ़ी मांगी.

also read :- moral stories in hindi

जादुई पेड़ की कहानी short story on tree in hindi

जादुई पेड़ और स्वार्थी मनुष्य की कहानी – एक समय की बात है. एक गाँव में मनोज नाम का व्यक्ति रहता था. मनोज बड़ा ही स्वार्थी और चालक था. वह गाँव वालो से पैसा लेता और उन्हें वापस नही लौटाता था. अक्सर वह गाँव वालो को धोखा दे दिया करता था. झूठ बोलने में तो वह माहिर था. सारे गाँव वाले उससे परेशान थे. उसके बाद वह जब भी किसी से पैसा उधार मांगता तो कोई भी उसे देने से मन कर देता. एक दिन मनोज गाँव के मुख्या के पास गया और बोला सेठजी मै बड़ी दुविधा में हूँ. सेठ ने पूछा, अच्छा तो, मै तुम्हारी क्या मदद कर सकता हूँ.

मनोज बोला, सेठजी मेरे पास खाने पीने के पैसे नही है. आपके पास बहुत सारे खेत है. उनमे से एक मुझे उधार में दे दिजिए. मै उन खेतो में काम करूंगा और फसल बिकने के बाद में आपको वापस कर दूंगा. सेठजी कहते है, नही दे सकता, मैंने तुम्हारे बारे में गाँव वालो से सुना है कि, तुम लोगो के पैसे खा जाते हो. मनोज सेठजी से बहुत विनती करने लगा. तब सेठजी को उस दया आ गई. और उसने उसे एक खेत दे दिया. यह कहकर कि, उसे वापस समय पर लौटा देना.

अगले दिन से ही मनोज उस खेत में काम करने लगा. थोड़ी देर काम करने के बाद वह थक गया. उसने सोच कि, मै कुछ मजदुर रख लेता हूँ. अब वो गाँव वालो के पास गया और उन्हें बोला कि, क्या तुम मेरे खेत में काम करना चाहोगे. मै तुम्हे इसके पैसे दूंगा. गाँव वालो को उस पर विश्वास नही था कि, वह काम तो करवा देगा लेकिन बाद में पैसे नही देगा. इसलिए गाँव वालो ने मना कर दिया. गाँव वालो के मना करने के बाद मनोज दुसरे गाँव से दो मजदुर लेकर आया.

you are reading :- the changing tree story in hindi

कुछ महीनो बाद खेत में फसल हुई. मनोज बड़ा खुश था. उसने फसल बेच कर काफी पैसा कमाया. उसके बाद जब दोनों मजदुर अपना मेहनताना लेने के लिए मनोज के पास गए तो मनोज मुखर गया. उसने कहा, मै तुम दोनों को नही जानता. तब मजदुर ने कहा, हे भगवान हमारे साथ यह अन्याय क्यों हो रहा है. दोनों मजदुर वहा से चले जाते है. उस रात मनोज को एक सपना आया कि, उसके आँगन में एक जादुई पेड़ है. जब भी वह किसी से धोखा करेगा. उस पेड़ की पत्तिया गिरती जाएगी. जब पेड़ की सारी पत्तिया गिर जाएगी तब उसकी मृत्यु हो जाएगी.

सुबह जब मनोज उठा तो उसने अपने आँगन में वही पेड़ पाया. पेड़ बहुत घना था उस पर बहुत सारी पत्तिया थी. मनोज ने चेन की साँस ली. सेठजी ने जब मनोज से अपना खेत पुनः लौटाने को कहा तो मनोज ने मना कर दिया. उसने कहा, उसके पास कोई खेत नही है. जब मनोज घर गया तो उसने देखा कि, जादुई पेड़ की सारी पत्तिया गिर गई केवल एक पत्ती ही लगी थी. मनोज बेहद डर गया. उसने सोचा एक पत्ती यानी मेरे जीवन का एक ही दिन बच्चा. उसने निश्चय किया कि, मैंने जिस जिस से दोखा किया उससे माफ़ी मागुंगा. उसके बाद मनोज ने गाँव वालो से माफ़ी मांगी. और जिसके भी पैसे उधार थे उन्हें वापस लौटा दिए. सेठजी का खेत भी वापस लौटा दिया. जब मनोज वापस अपने घर गया तो उसने देखा कि, पेड़ पर फिर से पत्तिया आ गई. वह देख कर खुश हो गया. उसने सोचा भगवान ने मुझे माफ़ के मेरी जिंदगी के दिन बढ़ा दिए है. उस दिन के बाद मनोज ने प्रण लिया कि, वह कभी किसी के साथ धोखा नही करेगा.

also read :- honesty stories in hindi | ईमानदारी की सच्ची कहानियां

पेड़ बचाओ, जीवन बचाओ कहानी (save tree story in hindi)

save tree story in hindi – एक बार की बात है. किसी जंगल में एक किसान रहता था. उस किसान के पास एक खेत था. जिसमे एक बहुत पुराना सेव का पेड़ था. जिसके साथ वह बचपन में बहुत खेलता था. उसके बचपन की यादे उस पेड़ के साथ बंधी हुई थी. अब किसान बड़ा हो गया था. और सेव का पेड़ भी बहुत पुराना हो गया था. किसान ने सोच अब ये पेड़ किसी काम का नही. अब ये मीठे फल भी नही देता. मै इसे काट कर नया घर बना देता हूँ.

किसान अब उस पेड़ के साथ बिताए बचपन की यादो को भूल गया था. जैसे ही वह पेड़ कुल्हाड़ी से काटने वाला था कि, उस पेड़ रहने वाले नन्हे जीव जैसे गिलहरी, छोटी गौरेया और कई किट पतंगे ने किसान से विनती की. कि, इस पेड़ को मत काटो यह हमारा घर है. इसके अलावा हम कहा जाएँगे. वह पेड़ कई छोटे जीवो का घर बन गया था. सभी ने किसान से पेड़ नही काटने की विनती की. गौरेया ने कहा, मै आपके लिए मधुर गीत गाउंगी, जिससे तुम्हे खेत में काम करते थकान महसूस नही होगी. अन्य ने कहा, हम तुम्हारे छोटे बच्चे का मनोरंजन करेंगे. जिससे वह भी खुश रहेगा.

you are reading :- short story on tree plantation in hindi

लेकिन किसान ने किसी की नही सुनी और पेड़ काटने लगा. यह देखकर सभी जीव हताश हो गए. थोड़ी देर बाद उसे पेड़ पर एक मधुमक्खी का छत्ता दिखाई दिया. उसने देखा वह मीठे शहद से भरा हुआ था. उसने थोडा शहद अपने मुहँ में डाला. उसे शहद का स्वाद बेहद मीठा लगा. उसकी बचपन की यादे ताजा हो गई. तब मधुमक्खी ने बोला, इस पेड़ को मत काटो, मै तुम्हे ताजा और मीठा शहद प्रदान करुँगी. किसान को बहुत पछतावा हुआ. उसने सभी से वादा किया कि, वह कभी इस पेड़ को नही काटेगा. सभी जानवर खुश हो गए और सभी ने उस मधुमक्खी को धन्यवाद दिया.

moral of the story in hindi – इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि, प्रकृति में जो भी जीवित है वह मनुष्य के लिए किसी न किसी प्रकार से लाभदायक है. हमें (मनुष्य) को यह समझना चाहिए कि, इनका कभी दुरुप्रयोग और नुकसान नही करे. इसी में हमारी और प्रकृति की भलाई है.

the giving tree story in hindi : दानवीर पेड़

दानवीर पेड़ की कहानी – एक समय की बात है. प्रितमपुर गाँव में बड़ी खुशहाली थी. वहा के लोग बड़े प्रकृति प्रमी थे. गाँव का वातावरण बेहद मनोरम था.ऊँचे ऊँचे पहाड़, नदिया और हरियाली. गाँव के प्रवेश द्वार पर ही बहुत पुराना एक विशाल बरगद का पेड़ था. जिसके नीचे गाँव के बच्चे लोग खेला करते थे. एवं गाँव से आने जाने वाले लोग इस पेड़ की छाव में बैठकर विश्राम करते थे. वह पेड़ तजि हवा और छाँव देता था. इसलिए गाँव वाले उसे दानवीर पेड़ कहते थे. गाँव की महिलाए उस पेड़ की देवता के रूप में पूजा किया करती थी.

एक दिन गाँव में कुछ सरकारी अधिकारी आए उनके साथ कुछ पेड़ काटने वाले लोग भी थे. वे आपस में बाते कर रहे थे, ‘यहाँ से सड़क बनाने के लिए इस बड़े पेड़ को काटना पड़ेगा.’ यह बात एक छोटे बच्चे ने सुन ली. वह दौड़कर अपने घर गया और यह बात अपने ,माता पिता को बताई कि, कुछ लोग दानवीर पेड़ को काटने वाले है. धीरे धीरे यह बात पुरे गाँव में फैल गई. गाँव वालो ने एक सभा बुलाई और निर्णय लिया कि, हम दानवीर पेड़ को काटने नही देंगे. आखिर हमारे पूर्वजो की यादे उसके साथ जुडी हुई है. अगले दिन सभी गाँव वाले दानवीर पेड़ के पास गए वहा वे सरकारी अधिकारी भी आए हुए थे. गाँव के सरपंच ने उनसे बात की, ‘आप लीग यह पेड़ नही कट सकते. यह हमारे पूर्वजो की निशानी है. यह पेड़ नही बल्कि इस गाँव की आत्मा है. हम इस पेड़ को कतई काटने नही देंगे. आप शहर की सड़क कही और से निकलवा दिजिए.’

आप पढ़ रहे है – दानवीर पेड़ की कहानी

लेकिन अधिकारी नही माने, वे बोले कि, उपर से ऑडर आया है कि, इसी जगह से सडक बनानी है. इसीलिए हमें जो ऑडर दिया है हम तो बस वह पूरा कर रहे है. अधिकारी बोले, सड़क बनने से आपका गाँव शहरो से जुड़ेगा तथा और भी उन्नति करेगा. लेकिन गाँव वाले भी दानवीर पेड़ को न काटने को कटिबद्ध थे. गाँव वालो ने कहा , ‘हम अपनी उन्नति के लिए इस पेड़ को काटने नही देंगे.’ कई घंटो बहस के बाद भी कोई निष्कर्ष नही निकला. अधिकारी वहा से चले गए. कुछ दिनों बाद वहा मंत्री आए. मंत्री ने उस गाँव का जायजा लिया.

उस गाँव की रहन शैली और वातावरण से मंत्री भी मनमोहित हो गया. जब उसने ददानवीर पेड़ को देखा तो बोला, सच में यह पेड़ बहुत ही विशाल और पवित्र प्रतीत होता है, इसकी छाव कितनी सुखद है. इस पेड़ को काटना हमारे लिए पाप होगा. यह कहकर मंत्री ने अपने अधिकारियो से कहा, ‘हम सड़क के लिए कोई दूसरा रास्ता निकाल देंगे. इस पेड़ को मत काटो. यह सुनकर सबबी गाँव वालो में खुशी की लहर दौड़ गई. गाँव वालो की कोशिशो और पेड़ के प्रति प्रेम ने दानवीर पेड़ को बचा लिया. अब वह हमेशा तजि हवा और ठंडी छाव देता रहेगा.

also read :- akbar birbal stories in hindi | अकबर बीरबल की हिंदी कहानियां

speaking tree story in hindi त्यागी पेड़ की कहानी

vriksh ki vyatha par laghu katha – एक समय की बात है. एक गांव के बाहर आम का पेड़ विशाल एव पुराना था. उसका बड़ा तना व बड़ी-बड़ी शाखाएं थी. एक दिन एक छोटे बच्चे की पतंग उड़ कर पेड़ पर अटक गई. थोड़ी देर बाद वह बच्चा वहा आया. उसने पेड़ से अटके पतंग को निकालने के लिए वह प्रयास करने लगा. लेकिन पतंग बहुत ऊंचाई पर थी. बच्चे की हरकतो को पेड़ देख रहा था और मुस्कुरा रहा था. उसने उस बच्चे की मदद करनी चाही. उसने अपनी टहनी नीचे कर दी. बच्चा अपनी पतंग पाकर खुश हो गया. तथा पेड़ ने उस बच्चे को पके हुए आम भी दिया.

फिर पेड़ और बच्चे में गहरी दोस्ती हो गई. वह बच्चा हर रोज पेड़ के पास आता. वहां खेलता उसकी डालियों पर झूलता, फल खाता और वे दोनों खूब बातें करते हैं. बच्चा अपने दोस्तों के बारे में, अपने स्कूल के बारे में बताता दोनों ही बड़े खुश थे. एक बार वह बच्चा कई दिनों तक पेड़ के पास नहीं आया. आम का पेड़ आता सोकर सोच रहा था कि, क्या हुआ होगा. वह बच्चा अब क्यों नहीं आता थोड़े दिनों दादा बच्चा आया.

बच्चा अब थोड़ा बड़ा हो गया था वह पेड़ के पास गया फिर बोला दोस्त कैसे हो इतने दिनों तुम कहां थे आप मेरे साथ खेलो मेरे साथ बातें करो मेरे मीठे फल खाओ वह लड़का बोला और मैं बच्चा नहीं रहा, अब मैं बड़ा हो गया हूं. मुझे अब कोई काम ढूंढना है, मेरे पास पैसे नहीं है. आम का पेड़ बोला, ‘दोस्त तुम मेरे मीठे फल लेकर बाजार में बेचा कर आ जाओ. तुम्हें पैसा मिल जाएगा. बच्चा बोला ठीक है.

you are reading :- talking tree story in hindi

फिर कई महीनों बाद तक दोस्त फिर नहीं आया. आम का पेड़ फिर सोच में पड़ गया. कुछ दिनों बाद वह उस जगह से निकला. पेड़ ने उसे तुरंत पहचान लिया. और उसे अपने पास बुलाया. अब वह आदमी बन गया था. पेड़ बोला, ‘आओ मेरे साथ खेलो, बातें करो. दोस्त बोला, ‘अब मैं एक आदमी बन गया हूं, मेरे बीवी बच्चे भी है. मुझ पर बहुत जिम्मेदारियां है. मुझे उनके लिए घर बनाना है. लेकिन मेरे पास पैसे नहीं है.

पेड़ बोला, ‘मैं तुम्हें पैसे तो नहीं दे सकता हूं, लेकिन तुम मेरी शाखाओ को काट कर ले जा सकते हो. और अपने लिए घर बना सकते हो. उस व्यक्ति ने, जो उसका दोस्त था, तनिक भी नहीं सोचा, उस पेड़ के बारे में और पेड़ को काटने लग गया. बहुत सारे लकड़ी काट कर ले गया. कई साल बीत गए लेकिन वह दोस्त उस पेड़ से मिलने नहीं आया. अंत में जब वह बूढ़ा हो गया, तब उस पेड़ के पास आया. वह आम का पेड़, अब उसमें केवल जड़े ही बची थी.

पेड़ ने उसे पहचान लिया और पास बिठाया. बूढ़ा व्यक्ति बोला, ‘मुझे मेरे परिवार ने घर से बाहर निकाल दिया. पेड़ बोला, ‘तुम्हारी मदद के लिए मेरे पास अब कुछ नहीं बचा है. बूढ़ा बोला, ‘मै तुमसे मदद मांगने नही आया हूँ, मै तो तुम्हारे पास बैठकर बचपन की यादे ताजा कर्नर के लिए आया हूँ. बचपन में हम कितने मजे करते थे, साथ खेलते थे, बातें करते थे. काश वे दिन वापस आ जाए. यह सोचकर दोनों की आँखों में आसूं आ जाते है. दोनों अपने बचपन की यादों में खो जाते हैं.

ये भी पढ़े – जैसी करनी वैसी भरनी कहानी(5 best stories)

इस पोस्ट में हमने 5 best new short story on tree in hindi, में दानवीर पेड़ की कहानी, त्यागी पेड़ की कहानी, कौए और पेड़ की कहानी, the changing tree story in hindi, जादुई पेड़ और स्वार्थी मनुष्य की कहानी के बारे में पढ़ा. यह पोस्ट (पेड़ बचाओ पर कहानी) आपको कैसी लगी. इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे. save tree save life and save the earth

Leave a Comment